ट्विटर ने रोकी पैसे देकर ब्लू टिक लेने की सर्विस, फर्जी अकाउंट बने परेशानी
ट्विटर ने पैसे देकर ब्लू टिक लेने की सर्विस को फिलहाल रोक दिया है। बड़ी कंपनियों के फर्जी अकाउंट बढ़ने के कारण यह फैसला लिया गया है। हालांकि, मौजूदा यूजर्स के पास उनके अकाउंट की एक्सेस जारी रहेगी और वो उसे पहले की तरह इस्तेमाल कर सकेंगे। इसके अलावा कंपनी ने हाई-प्रोफाइल अकाउंट्स के लिए 'ऑफिशियल बैज' भी जारी कर दिया है। अब इसे कई अकाउंट्स पर देखा जा सकता है। आइये इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
पिछले हफ्ते शुरू हुई थी सर्विस
बीते शनिवार से माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर ने 8 डॉलर (लगभग 650 रुपये) के बदले ब्लू टिक देने की सर्विस शुरू की थी। यह सर्विस अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और ब्रिटेन के आईफोन यूजर्स के लिए थी और आने वाले दिनों में इसका दायरा बढ़ाया जाना था। हर महीने 8 डॉलर के बदले कंपनी यूजर्स को लंबे वीडियो पोस्ट करने, रिप्लाई, मेंशन और सर्च में यूजर्स को ऊपर रैंक करने आदि फीचर्स भी दे रही थी।
क्यों बंद करनी पड़ी सर्विस?
दरअसल, इस सर्विस की शुरुआत के बाद से ही ट्विटर फर्जी अकाउंट की समस्या से जूझने लगी थी। कई यूजर्स ने बड़ी कंपनियों के नाम से फर्जी अकाउंट बनाकर लोगों को गुमराह करना शुरू कर दिया। एक ऐसे ही मामले में जीसस क्राइस्ट नाम के ट्विटर अकाउंट को ब्लू टिक मिल गया था। इसके चलते कंपनियों के असली और नकली अकाउंट के बीच अंतर खत्म हो गया, जिसके बाद ट्विटर को माफी मांगनी पड़ी।
कुछ अकाउंट्स पर लगा 'ऑफिशियल' लेबल
फर्जी अकाउंट्स के बढ़ते मामलों के बीच ट्विटर ने शुक्रवार को कहा कि वह कुछ अकाउंट्स पर 'ऑफिशियल' लेबल लगा रही है। वहीं कंपनी के नए मालिक एलन मस्क ने कहा कि सभी पैरोडी अकाउंट को अपने नाम में पैरोडी लिखना होगा।
नए ऐलान के साथ बंद हो गया था पुराना वेरिफिकेशन सिस्टम
मस्क के हाथों बिकने से पहले ट्विटर पर 2009 से चले आ रहे वेरिफिकेशन सिस्टम के तहत ब्लू टिक दिया जाता था। सेलिब्रिटी और नेताओं के फर्जी अकाउंट बनने से रोकने के लिए शुरू किए इस सिस्टम में यूजर को पहचान सत्यापित करने के बाद ब्लू टिक मिलता था। इससे असली और फर्जी अकाउंट की पहचान आसान हो पाती थी। हालांकि, मस्क के आते ही यह सिस्टम बंद हो गया और पैसे के बदले ब्लू टिक मिलने लगा।
कई बदलावों से गुजर रही है ट्विटर
दुनिया के सबसे अमीर इंसान एलन मस्क ने खरीद सौदा पूरा होते ही ट्विटर में बदलाव करने शुरू कर दिए थे। उन्होंने आते ही पराग अग्रवाल समेत शीर्ष अधिकारियों को निकाल दिया था। उसके बाद कई अन्य अधिकारियों ने कंपनी में अपने भविष्य की अनिश्चितता को देखते हुए इस्तीफे दे दिए। इन सबके बीच मस्क ने कहा कि अगले साल कई अरबों का नुकसान हो सकता है और वह ट्विटर के दिवालिया होने से भी इनकार नहीं कर सकते।
मस्क ने पिछले महीने किया था ट्विटर का अधिग्रहण
कई महीनों तक चली ना-नुकर के बाद आखिरकार पिछले महीने अमेरिकी अरबपति एलन मस्क ने ट्विटर खरीदने का सौदा पूरा कर लिया था। उन्होंने ट्विटर के एक शेयर की कीमत 54.20 डॉलर (लगभग 4,410 रुपये) लगाते हुए 44 अरब डॉलर में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को खरीदने का ऑफर दिया था। उन्होंने कहा था कि वो पैसों के लिए ट्विटर नहीं खरीद रहे हैं। वो यह सौदा इसलिए कर रहे हैं ताकि मानवता की मदद की जा सके।