#NewsBytesExplainer: ऑफिस और कंपनियों में काम को कैसे बदल रही है AI?
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) धीरे-धीरे सभी बिजनेस और उद्योगों में अपनी जगह बना रही है। यह ऑफिस और फैक्ट्रियों से लेकर विभिन्न वर्कप्लेस में काम करने के तरीकों को भी बदल रही है। OpenAI के चैटबॉट ChatGPT का इस्तेमाल लोगों ने वजन घटाने से लेकर छुट्टियों की योजना बनाने, लेटर लिखने, नौकरी के लिए आवेदन तैयार करने के लिए किया था। आइये समझने की कोशिश करते हैं कि कैसे AI ऑफिस और कंपनियों में काम को बदल रही है।
समय बचने के साथ बढ़ रही है प्रोडक्टिविटी
कर्मचारी अपने काम में मदद के लिए ChatGPT जैसे AI टूल का इस्तेमाल कर रहे हैं। वर्तमान में अभी यही आसानी से उपलब्ध और सबसे ज्यादा चर्चित AI टूल भी है। इसके अलावा कुछ समय पहले लॉन्च हुआ गूगल का बार्ड भी अब अपग्रेड हो गया है। AI के जरिए अपना काम करने से कर्मचारी समय बचाने के साथ ही प्रोडक्टिविटी भी बढ़ा रहे हैं। कंपनियां ग्राहकों के लिए तो टीचर स्टूडेंट्स के लिए AI का इस्तेमाल कर रहे हैं।
AI के जानकारों को मिल रही नौकरी में प्राथमिकता
स्वास्थ्य और शिक्षा से लेकर बीमा क्षेत्र सहित विभिन्न कंपनियां AI के जानकारों को ही नियुक्त करना चाहती हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, जून तक एक दर्जन से अधिक कंपनियां लिंक्डइन और इनडीड जैसे प्लेटफॉर्म पर ChatGPT की जानकारी रखने वाले कर्मचारियों को ही काम पर रख रही थीं। रेज्यूमे बिल्डर फर्म के एक सर्वे में 91 प्रतिशत बिजनेस लीडर्स ने कहा कि वे ऐसे कर्मचारी चाहते हैं, जो समय बचाने और प्रोडक्टिविटी बढ़ाने के लिए OpenAI का इस्तेमाल जानते हों।
कर्मचारियों को AI सीखाने पर जोर दे रही हैं कंपनियां
कंपनियों और बिजनेस के अधिकारी अपने कर्मचारियों से AI को अपने काम में शामिल करने के लिए कह रहे हैं। इससे कंपनियों को समय और पैसा बचाने में मदद मिल सकती है। अवतार-टूल्स कंपनी जेनीज के CEO और संस्थापक आकाश निगम ने इनसाइडर को बताया था कि उन्होंने अपने 120 कर्मचारियों के लिए ChatGPT प्लस खरीदा था, जिससे वो अपने-अपने विभागों के काम में प्रभावी ढंग से तेजी ला सकें।
नौकरी पर रखने के लिए AI टूल का इस्तेमाल
इंटरव्यू लेने और आवेदकों के चेहरे का विश्लेषण करने और व्यक्तित्व का पता लगाने के लिए कंपनियां पहले से AI टूल का उपयोग करती रही हैं। अब जनरेटिव AI टूल ने उनके काम को और आसान कर दिया है। अपनी भर्ती फर्म शुरू करने के लिए अमेजन की नौकरी छोड़ने वाले जैस्मीन चेंग ने कहा कि वह इंटरव्यू के लिए सवाल तैयार करने सहित अन्य कार्यों के लिए ChatGPT इस्तेमाल करते हैं। इससे उनका समय भी बचता है।
काम के सप्ताह हो सकते हैं छोटे
AI टूल से कर्मचारी प्रोडक्टिव बन सकते हैं और काम में लगने वाला समय कम होगा। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के अर्थशास्त्री कार्ल बेनेडिक्ट फ्रे ने कहा कि ChatGPT जैसी कोई भी टेक्नोलॉजी जो प्रोडक्टिविटी बढ़ाती है, ये छोटे काम के सप्ताह को हकीकत बना सकती है। माना जा रहा है कि जो काम हफ्ते के 5-6 दिनों में संपन्न होता है, AI के जरिए वह काम जल्दी निपट जाएगा और उसके बदले कर्मचारियों को सिर्फ 4 दिन काम करना होगा।
छोटे काम के सप्ताह पर अन्य विशेषज्ञ की राय
AI से काम के सप्ताह कम होने कुछ विशेषज्ञों की अलग राय है। उनका कहना है कि AI के जरिए प्रोडक्टिविटी बढ़ने से काम के सप्ताह छोटे नहीं हो सकते हैं। मैकिन्से ग्लोबल इंस्टीट्यूट के पार्टनर माइकल चू ने बताया कि AI की प्रोडक्टिविटी से काम के सप्ताह छोटे नहीं हो सकते क्योंकि कंपनियां या नियोक्ता AI के कारण अपने कर्मचारियों से आउटपुट को बढ़ाने के लिए और अधिक मेहनत की उम्मीद कर सकती हैं।
नौकरियां हो सकती हैं कम
AI जैसे-जैसे एडवांस होता जा रही है, उससे लोगों की नौकरियां जाने का भी खतरा बढ़ा है। गोल्डमैन सैश की हाल की रिपोर्ट में कहा गया कि दुनियाभर में जनरेटिव AI टूल से लगभग 30 करोड़ नौकरियां जा सकती हैं। इससे IT सेक्टर, विभिन्न कंपनियों और उद्योगों के एडमिन विभागों, मीडिया, मार्केटिंग और फाइनेंस के क्षेत्र में काम करने वालों की नौकरी को सबसे ज्यादा खतरा है। हालांकि, कुछ जानकार AI को नौकरियों के लिए खतरा नहीं मानते।
AI को लेकर हड़ताल भी कर रहे हैं लोग
कुछ कंपनियां गोपनीय डाटा के लीक होने के डर से कर्मचारियों के लिए ऑफिस में AI इस्तेमाल करने के नियम निर्धारित किए हैं। जेपी मॉर्गन और नॉर्थ्राप ग्रुम्मन जैसी कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को AI इस्तेमाल करने पर पूरी तरह से रोक दिया है। कुछ कर्मचारी AI के इस्तेमाल के खिलाफ आंदोलन और हड़ताल भी कर रहे हैं। बीते 3 महीनों से राइटर्स गिल्ड ऑफ अमेरिका में हजारों हॉलीवुड लेखक AI से नौकरी जाने की चिंता से हड़ताल पर हैं।
आने वाले समय में और बढ़ेगा AI का इस्तेमाल
AI की अभी शुरुआत है और इससे सेफ्टी और सिक्योरिटी से जुड़े डर भी हैं। यही वजह है कि कुछ कंपनियां और बिजनेस अभी इसके इस्तेमाल से थोड़ा हिचक रही हैं। आने वाले समय में जैसे ही वैश्विक और स्थानीय स्तर पर इसको लेकर सेफ्टी आदि से जुड़े नियम बन जाएंगे, तब इसका इस्तेमाल बढ़ जाएगा और अधिकतर जगह इसका प्रभाव दिखने लगेगा। AI लोगों के काम के तरीके और वर्कप्लेस से जुड़ी अन्य चीजों को भी बदलेगी।