मेटावर्स, क्रिप्टोकरेंसी और नॉन-फंजिबल टोकन्स का क्या है कनेक्शन? इस बारे में जानें सबकुछ
क्या है खबर?
टेक्नोलॉजी तेजी से बदल रही है और अब वर्चुअल दुनिया का महत्व भी बढ़ता जा रहा है।
मेटावर्स, नॉन-फंजिबल टोकन्स (NFTs) और क्रिप्टोकरेंसी जैसे शब्द पहले ट्रेंड्स बने और इंटरनेट यूजर्स उनके बारे में समझ रहे हैं।
मेटावर्स, NFTs और क्रिप्टोकरेंसी आपस में कैसे जुड़े हैं, इस बारे में जानना भी जरूरी है।
ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के साथ काम करने वाली वर्चुअल दुनिया इन तीनों से सीधे तौर पर जुड़ी है।
आइए इनके बारे में जानते हैं।
शुरुआत
वर्चुअल दुनिया मेटावर्स को समझें
मेटावर्स एक 3D वर्चुअल दुनिया का कॉन्सेप्ट है, जहां वर्चुअल रिएलिटी (VR) हेडसेट्स पहनकर पहुंचा जा सकेगा।
इस वर्चुअल दुनिया में यूजर्स अपने 'अवतार' की मदद से पहुंचेंगे और आसपास की चीजों को महसूस कर पाएंगे।
यह 3D अवतार वर्चुअल दुनिया में पहचान की तरह काम करेगा और यहां शॉपिंग या गेमिंग से लेकर मीटिंग करने और एकदूसरे से मिलने जैसे काम किए जा सकेंगे।
असली दुनिया जैसा अनुभव मेटावर्स में घर बैठे यूजर्स को दिया जाएगा।
फायदे
मेटावर्स में आसान हो जाएंगे ढेरों काम
मेटावर्स के साथ एकदूसरे से मिलना आसान हो जाएगा और इसके लिए लंबा सफर करने की और खास सेटअप की जरूरत नहीं होगी।
मेटावर्स में रिसर्च से लेकर मेडिकल ट्रेनिंग देने जैसे काम किए जा सकेंगे और आसानी से डाटा शेयर किया जा सकेगा।
हालांकि, वर्चुअल दुनिया में तैयार की जा रहीं चीजों या डिजिटल असेट्स को खास पहचान देना जरूरी होगा।
इन्हें एक खास प्रणाली के जरिए खरीदा या बेचा भी जा सकेगा, जिससे क्रिप्टोकरेंसी और NFTs जुड़े हैं।
NFTs
खास पहचान से जुड़े हैं नॉन-फंजिबल टोकन्स
नॉन-फंजिबल टोकन्स से जुड़ी खास बात यह है कि इनकी पहचान सबसे यूनीक होती है।
आप इन्हें एक तरह का 'सर्टिफिकेट ऑफ ओनरशिप' मान सकते हैं और ये ब्लॉकचेन पर सेव होते हैं।
यानी कि मेटावर्स में किसी तरह के असेट को खरीदने या बेचने के लिए उसे NFT के तौर पर पहचान दी जाती है।
इस NFT को बिटकॉइन और ईथेरम जैसी क्रिप्टोकरेंसी में खरीदा या बेचा जा सकता है।
क्रिप्टोकरेंसी
असली दुनिया की मुद्रा की तरह इस्तेमाल
मेटावर्स या वर्चुअल दुनिया में कुछ खरीदने के लिए एक खास क्रिप्टो मुद्रा से जुड़ी व्यवस्था बनाई गई है।
हजारों तरह की क्रिप्टोकरेंसीज ब्लॉकचेन की मदद से काम कर रही हैं और इनका मूल्य घटता-बढ़ता रहता है।
मेटावर्स में कोई NFT या वर्चुअल प्रॉपर्टी खरीदने के लिए इसकी मदद लेनी होगी।
यानी कि क्रिप्टोकरेंसी ने मेटावर्स में असली दुनिया की मुद्रा व्यवस्था की जगह ली है। वहीं, क्रिप्टोकरेंसी की मदद से होने वाले लेनदेन ब्लॉकचेन में रिकॉर्ड होते हैं।
उदाहरण
आसानी से ऐसे समझ सकते हैं आप
जैसे ही कोई यूजर VR हेडसेट पहनने और अवतार बनाने के बाद मेटावर्स में कदम रखेगा, उसे अपने आसपास वर्चुअल दुनिया दिखेगी।
इस दुनिया में कुछ भी खरीदने या पहले खरीदा गया अपना कोई वर्चुअल असेट बेचने के लिए उसे क्रिप्टोकरेंसी की मदद लेनी होगी।
वहीं, बिक्री या खरीद के लिए वर्चुअल असेट को नॉन-फंजिबल टोकन में बदला जाएगा, जिससे उसे ब्लॉकचेन पर रजिस्टर किया जा सके।
यही वजह है कि मेटावर्स, क्रिप्टोकरेंसी और NFTs आपस में जुड़े हैं।
संबंध
मेटावर्स और NFT का एकदूसरे से जुड़ाव समझें
नॉन-फंजिबल टोकन्स बिना मेटावर्स में जाए भी खरीदे जा सकते हैं, लेकिन मेटावर्स में कोई असेट खरीदने के लिए उसे NFT में बदलना होगा।
यानी कि वर्चुअल मार्केटप्लेस से यूजर्स जो भी चीजें या आउटफिट खरीदेंगे, सभी NFTs के तौर पर उनके वॉलेट में सेव किए जाएंगे।
इसी तरह वर्चुअल आर्ट गैलरी में भी आर्ट-पीस को NFT बनाने के बाद ही बेचा या खरीदा जा सकेगा। यही बात मेटावर्स में रियल-स्टेट पर भी लागू होगी।