कू ऐप का यूजरबेस 1.5 करोड़ के पार, तीन महीने में जुड़े 50 लाख नए यूजर्स
भारत सरकार और माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म ट्विटर के बीच हुई खींचतान के बाद 'मेड इन इंडिया' माइक्रोब्लॉगिंग साइट कू के यूजर्स तेजी से बढ़े हैं। नई रिपोर्ट में सामने आया है कि कू ऐप का यूजरबेस 1.5 करोड़ यूजर्स का आंकड़ा पार कर गया है। ट्विटर से टकराव के दौरान भारत सरकार के कई मंत्रियों ने कू ऐप जॉइन की ओर अपने ट्विटर फॉलोअर्स से इस प्लेटफॉर्म का हिस्सा बनने को कहा, जिसके बाद कू के यूजर्स तेजी से बढ़े हैं।
कू ऐप को-फाउंडर ने दी जानकारी
कू ऐप के को-फाउंडर अपरामेय राधाकृष्णन ने बताया कि पिछले तीन महीने में ही करीब 50 लाख नए यूजर्स प्लेटफॉर्म से जुड़े हैं। उन्होंने कहा, "हमने तेज बढ़त देखी है। हम यह पक्का कर रहे हैं कि भारत जो भी सेलिब्रेट करे, चाहे वह भाषा हो या संस्कृति, कू पर भी नजर आए। क्रिकेट से लेकर राजनीति, धार्मिक नेटा और उनकी फॉलोइंग, सभी को यूजर्स अपनी भाषा में कू पर सेलिब्रेट कर सकें।"
विदेश में भी अपनी पकड़ बनाएगी कू
ट्विटर से खींचतान के बीच भारत में तो कू ऐप की लोकप्रियता बढ़ी ही है, कंपनी की योजना दूसरे देशों में भी ज्यादा यूजर्स तक पकड़ बनाने की है। कू ऐप का फोकस भारतीय मार्केट पर रहेगा लेकिन यह जून, 2022 के बाद साउथ-ईस्ट एशियन मार्केट में भी पकड़ बना सकती है। राधाकृष्णन ने कहा, "हम साउथ-ईस्ट एशिया के एक देश में अपना प्लेटफॉर्म लॉन्च कर सकते हैं, हालांकि यह देश कौन सा होगा इसपर फैसला नहीं लिया गया है।"
नाइजीरिया में मिली अच्छी प्रतिक्रिया
इसी साल कू ऐप को नाइजीरिया में लॉन्च किया गया है, जहां इसे अच्छी प्रतिक्रिया मिली है। राधाकृष्णन ने बताया, "नाइजीरिया में हमारे यूजर्स बढ़े हैं और यहां हमने ऑर्गेनिक ग्रोथ रिकॉर्ड की है।" कंपनी को-फाउंडर का कहना है कि दूसरे अफ्रीकी देशों को भी एक्सपैंशन लिस्ट में शामिल किया जा सकता है। हालांकि, इस बारे में विस्तार से कोई जानकारी राधाकृष्णन या माइक्रोब्लॉगिंग ऐप की ओर से नहीं दी गई है।
मिलता है कई भाषाओं का सपोर्ट
पिछले साल लॉन्च की गई कू ऐप का फोकस यूजर्स को स्थानीय भाषाओं में माइक्रोब्लॉगिंग का अनुभव देने पर है। कू ऐप में हिंदी, तेलुगू, बंगाली जैसी कई भारतीय भाषाओं का सपोर्ट दिया गया है। अब संकेत मिले हैं कि भारत और नाइजीरिया के अलावा इंडोनेशिया, मलेशिया और फिलीपींस जैसे मार्केट्स में भी कू ऐप अपनी सेवाएं देने की शुरुआत कर सकती है, हालांकि इसपर आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है।
इनोवेशन चैलेंज की विनर रही है ऐप
कू ऐप ट्विटर का 'मेड इन इंडिया' वर्जन है। इसमें भी ट्विटर की तरह लोगों को फॉलो किया जा सकता है और 'कू' को लाइक और 'रिकू' किया जाता है। इसे एंटरप्रेन्योर ए राधाकृष्णन और मयंक बिदवात्का ने पिछले साल की पहली छमाही में लॉन्च किया था। इस ऐप में भी सीमित शब्दों में अपनी बात लिखने और फोटो-वीडियो शेयर करने का विकल्प मिलता है। कू ऐप पिछले साल सरकार के आत्मनिर्भर ऐप इनोवेशन चैलेंज की विजेता भी रही है।