
ऑनलाइन गेमिंग कानून लागू करने के लिए सरकार कल फिनटेक कंपनियों के साथ करेगी बैठक
क्या है खबर?
केंद्र सरकार जल्द से जल्द नए ऑनलाइन गेमिंग कानून को लागू करना चाहती है। मनीकंट्रोल की रिपोर्ट के अनुसार, इस कानून को लागू करने के लिए वरिष्ठ सरकारी अधिकारी 29 अगस्त को बैंकों और फिनटेक कंपनियों के साथ बैठक करेंगे। हाल ही में पारित ऑनलाइन गेमिंग संवर्धन और विनियमन विधेयक, 2025 के तहत सभी असली पैसे वाले ऑनलाइन खेलों पर प्रतिबंध लगाया गया है। इस कानून के अनुसार वित्तीय संस्थानों को प्रतिबंधित प्लेटफॉर्म पर भुगतान रोकना अनिवार्य होगा।
मनी लॉन्ड्रिंग
एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग पर जोर
बैठक में मुख्य रूप से इस बात पर चर्चा होगी कि असली पैसे वाले गेम्स से जुड़ा लेनदेन पूरी तरह रोका जा सके। इसमें धन शोधन विरोधी नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करना और गेमिंग वॉलेट से उपभोक्ताओं को सुरक्षित तरीके से धनवापसी देने की व्यवस्था बनाना शामिल है। अधिकारी मानते हैं कि बैंकों और भुगतान प्रदाताओं की अहम भूमिका होगी, ताकि यूजर्स की सुरक्षा हो और प्रतिबंधित प्लेटफॉर्म तक पैसा न पहुंच पाए।
ई-स्पोर्ट्स
ई-स्पोर्ट्स और सोशल गेमिंग
सूत्रों के अनुसार बैठक में ई-स्पोर्ट्स और ऑनलाइन सोशल गेमिंग जैसे स्वीकार्य प्रारूपों को समर्थन देने पर भी चर्चा हो सकती है। उद्देश्य यह होगा कि वैध गेमिंग मॉडल्स के लिए भुगतान और मुद्रीकरण की प्रक्रिया आसान बनाई जाए। इसके साथ ही, अवैध धन हस्तांतरण को रोकने के उपाय भी तय किए जाएंगे। उपभोक्ताओं की सुरक्षा प्राथमिकता रहेगी, जिसके लिए बैंकों को स्पष्ट धनवापसी व्यवस्था और उपयोगकर्ता धन की सुरक्षा के तंत्र बनाने होंगे।
अन्य
ऑनलाइन गेमिंग अधिनियम की अहम बातें
ऑनलाइन गेमिंग अधिनियम, 2025 के तहत असली धन वाले गेम्स और उनसे जुड़े विज्ञापनों पर प्रतिबंध लगाया गया है। कानून का उल्लंघन करने वालों पर सख्त दंडात्मक कार्रवाई का प्रावधान है। ई-स्पोर्ट्स और सोशल गेमिंग जैसे स्वीकार्य प्रारूपों की लाइसेंसिंग और निगरानी के लिए राष्ट्रीय ऑनलाइन गेमिंग आयोग का गठन किया जाएगा। सरकार का कहना है कि असली पैसे वाले गेमिंग ऐप्स का दुरुपयोग अवैध लेन-देन और आतंकवाद वित्तपोषण के लिए हो रहा था, इसलिए यह कानून आवश्यक था।