
कैंसर वैक्सीन की खोज में AI कैसे करेगा मदद?
क्या है खबर?
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) अब कई गंभीर बीमारियों के उपचार में लाभकारी साबित हो रहा है। ब्रिटेन में कैंसर का इलाज खोजने वाले शोधकर्ताओं को देश के सबसे तेज AI सुपरकंप्यूटरों में से एक तक पहुंच मिली है। ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के नफील्ड मेडिसिन विभाग की टीम को डॉन नामक इस सुपरकंप्यूटर का 10,000 घंटे तक उपयोग करने की अनुमति दी गई है। शोधकर्ता कैंसर रोगियों के हजारों डाटा सेट्स का विश्लेषण करेंगे और बेहतर टीके विकसित करने का प्रयास करेंगे।
खोज
AI से खोज में आएगी तेजी
विशेषज्ञों के अनुसार कैंसर बेहद जटिल बीमारी है और इसमें सही पैटर्न पहचानना कठिन होता है। डॉन सुपरकंप्यूटर की मदद से विशाल डाटा बहुत तेजी से प्रोसेस होगा और छिपी जानकारी सामने आ सकेगी। पहले जिन खोजों में सालों लगते थे, अब उन्हें हफ्तों में पूरा करना संभव होगा। यह तकनीक वैक्सीन विकास की प्रक्रिया को तेज, सटीक और प्रभावी बनाएगी, जिससे भविष्य में कैंसर के खिलाफ अधिक सुरक्षित इलाज मिल सकेगा।
योगदान
ऑक्सफोर्ड नियोएंटीजन एटलस का योगदान
यह परियोजना ऑक्सफोर्ड नियोएंटीजन एटलस में भी योगदान देगी, जो पूरे ब्रिटेन में कैंसर वैक्सीन अनुसंधान का समर्थन करने वाला ओपन-एक्सेस प्लेटफॉर्म है। शोधकर्ता सार्वजनिक रूप से उपलब्ध ट्यूमर डाटा का उपयोग करके विभिन्न कैंसर उपप्रकारों पर काम करेंगे। उनका मानना है कि अत्याधुनिक तकनीकों के इस्तेमाल से ऑक्सफोर्ड कैंसर देखभाल में नए युग का नेतृत्व कर सकता है और ऐसे टीके विकसित कर पाएगा जो पहले संभव नहीं थे।
पहल
ब्रिटेन की बड़ी सरकारी पहल
यह शोध ब्रिटेन सरकार की AI रिसर्च रिसोर्स पहल का हिस्सा है। विज्ञान, इनोवेशन और प्रौद्योगिकी विभाग तथा UK रिसर्च एंड इनोवेशन के नेतृत्व में चल रहे इस कार्यक्रम के तहत 2030 तक देश की कंप्यूटिंग क्षमता 20 गुना बढ़ाने का लक्ष्य है। इसके लिए 1 अरब पाउंड (करीब 12,000 करोड़ रुपये) से अधिक का निवेश किया जा रहा है। इस पहल का उद्देश्य ब्रिटेन को AI, विज्ञान और स्वास्थ्य सेवाओं में वैश्विक स्तर पर अग्रणी बनाना है।