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गूगल के AI ने मस्तिष्क को लेकर दी गलत जानकारी डॉक्टर हुए भ्रमित
गूगल के AI ने मस्तिष्क को लेकर दी गलत जानकारी

गूगल के AI ने मस्तिष्क को लेकर दी गलत जानकारी डॉक्टर हुए भ्रमित

Aug 05, 2025
06:55 pm

क्या है खबर?

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का उपयोग अब चिकित्सा के क्षेत्र में भी बढ़-चढ़कर हो रहा है। इससे बहुत से कामों में तेजी आई है, लेकिन कई बार इससे समस्या भी उत्पन्न हो जाती है। हाल ही में गूगल के मेड-जेमिनी हेल्थ AI ने एक ब्रेन स्कैन में गलत हिस्सा चिन्हित कर दिया, जिससे कई डॉक्टर भ्रमित हो गए। इस छोटी सी गलती ने एक गंभीर चर्चा को जन्म दे दिया कि क्या AI पर पूरी तरह भरोसा किया जा सकता है।

मामला

गलती ने किया भ्रम पैदा

गूगल के AI ने 'बेसल गैन्ग्लिया' की जगह गलत शब्द 'बेसिलर गैन्ग्लिया' का इस्तेमाल किया, जो चिकित्सा में कोई मान्य शब्द नहीं है। अमेरिका के न्यूरोलॉजिस्ट ब्रायन मूर ने इस गलती की पहचान की और गूगल को इसकी जानकारी दी। गूगल ने चुपचाप अपने ब्लॉग में सुधार कर लिया लेकिन कोई खुली जानकारी नहीं दी। यह त्रुटि छोटे स्तर की लग सकती है लेकिन डॉक्टरों के अनुसार इससे गलत निदान और इलाज की संभावना बढ़ जाती है।

खतरा

AI का भरोसा बना खतरा

गूगल का कहना है कि यह सिर्फ टाइपिंग की गलती थी, लेकिन कई डॉक्टर इससे सहमत नहीं हैं। उनका कहना है कि AI कभी-कभी ऐसे तथ्य बनाता है जो दिखने में सही लगते हैं पर होते नहीं। जब डॉक्टर आंख मूंदकर AI पर भरोसा करते हैं, तो वे इन गलतियों को पकड़ नहीं पाते। यही चिंता की बात है, क्योंकि स्वास्थ्य सेवा जैसे संवेदनशील क्षेत्र में एआई की गलतियों से मरीजों की जान पर भी बन सकती है।

अन्य

अस्पतालों में परीक्षण शुरू

गूगल ने मेड-जेमिनी को असली अस्पतालों में इस्तेमाल करना भी शुरू कर दिया है। इसके दूसरे मॉडल मेड-जेम्मा में भी कुछ गलतियां सामने आई हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि AI मदद तो कर सकता है, लेकिन इसके जवाब हमेशा सही नहीं होते। ये कभी "मुझे नहीं पता" नहीं कहते, बल्कि आत्मविश्वास से कुछ भी कह देते हैं। इसलिए डॉक्टरों को हर रिपोर्ट की दोबारा जांच करनी चाहिए, ताकि गलती से किसी की जान न जाए।