सीरियस गेमर्स कमा रहे हैं 6 से 12 लाख रुपये सालाना, जानिए क्या कहती है रिपोर्ट
भारतीय गेमिंग बाजार की पड़ताल करने वाले एचपी इंडिया के लेटेस्ट वार्षिक गेमिंग अध्ययन से पता चलता है कि गेमिंग से होने वाली कमाई लगातार बढ़ रही है। वर्ष 2022 के आंकड़ों की तुलना में इस वर्ष लगभग आधे "सीरियस गेमर" का दावा है कि वे वर्ष 2023 तक सालाना 6 से 12 लाख रुपये के बीच कमा रहे हैं। स्पांसरशिप और अत्यधिक प्रतिस्पर्धी ई-स्पोर्ट टूर्नामेंट देश की गेमिंग प्रतिभा के लिए आकर्षक आय स्त्रोत के रूप में उभरे हैं।
गेमिंग के प्रति बदल रही है सार्वजनिक धारणा
गेमिंग के अलावा खिलाड़ी ई-स्पोर्ट्स मैनेजमेंट या इंफ्लूएंसर्स की भूमिकाओं जैसे संबंधित करियर में भी अपना हाथ आजमा रहे हैं। 15 प्रमुख भारतीय शहरों के 3,000 गेमर्स से जुड़ी जानकारी पर आधारित इस अध्ययन ने गेमिंग के प्रति बदलती सार्वजनिक धारणा पर प्रकाश डाला है। सबसे अधिक ध्यान देने योग्य बात यह है कि खिलाड़ी पैसे को लेकर पहले से कहीं अधिक प्रभावित हैं और पहले के मुकाबले उन्हें अधिक पहचान भी मिली है।
माता-पिता का भी बदला है विचार
अध्ययन में एक चौथाई से अधिक गेमर्स ने पैसे को अपनी मुख्य प्रेरणा बताया है। हालांकि, गेमिंग अभी भी अधिकांश लोगों के लिए मनोरंजन और रिलैक्स का साधन है। 74 प्रतिशत गेमर्स अभी भी मनोरंजन के लिए गेम खेलते हैं। गेमिंग को लेकर माता-पिता का विचार जानने के लिए पहली बार अध्ययन में 500 अभिभावकों का भी सर्वे किया गया। नतीजे में सामने आया कि 42 प्रतिशत माता-पिता अब गेमिंग को एक शौक के रूप में स्वीकार करते हैं।
इन चीजों को लेकर बनी हुई है माता-पिता की चिंताएं
रिपोर्ट के मुताबिक, 40 प्रतिशत माता-पिता ने सीधे स्वीकार किया कि उन्होंने हाल के वर्षों में गेमिंग पर अपना रुख नरम किया है क्योंकि उद्योग मुख्यधारा में अधिक विकसित हुआ है। हालांकि, अध्ययन के अनुसार करियर के रूप में गेमिंग के भविष्य और अपने बच्चों के लिए संभावित सामाजिक अलगाव को लेकर माता-पिता की चिंताएं बनी हुई हैं। 49 प्रतिशत माता-पिता अभी भी गेमिंग परिदृश्य पर जानकारी के लिए मुख्य रूप से दोस्तों और परिवार जैसे स्त्रोतों पर निर्भर हैं।
गेमिंग पीसी सेटअप के लिए 1 लाख से अधिक निवेश को तैयार हैं औसत गेमर्स
गेमिंग अब सिर्फ मेट्रो शहरों तक ही सीमित नहीं है। 75 प्रतिशत जेन Z और 67 प्रतिशत मिलेनियल सीरियस गेमर्स हैं। सर्वे में शामिल 58 प्रतिशत महिलाएं नियमित रूप से गेमिंग करती है। 67 प्रतिशत लोग गेमिंग के लिए फोन की तुलना में पीसी को प्राथमिकता देते हैं। अध्ययन के अनुसार, औसत गेमर अपने गेमिंग पीसी सेटअप के लिए 1 लाख रुपये से अधिक का निवेश करने को तैयार है।
एचपी इंडिया ने लॉन्च किया गेमिंग गैराज
एचपी इंडिया ने गेमर्स को सपोर्ट करने के लिए गेमिंग गैराज लॉन्च किया है। यह मुफ्त में उपलब्ध ऑनलाइन प्रोफेशनल सर्टिफिकेट प्रोग्राम है जो ईस्पोर्ट मैनेजमेंट और गेम डेवलपमेंट पर आधारित है। यह कार्यक्रम अंग्रेजी और हिंदी सहित 12 भाषाओं में उपलब्ध है।