स्मार्टफोन्स के बारे में ये हैं वे अफवाहें, जिन्हें लोग मानते हैं सच
आज के समय में अगर ज्यादातर लोग स्मार्टफोन का उपयोग करते हैं और उसके बारे में काफी कुछ जानते हैं। यदि कोई स्मार्टफोन के बारे में अधिक जानकारी नहीं रखता है तो वह लोगों द्वारा बताई हुई बातें मानता है और उसी के अनुसार अपना स्मार्टफोन चलाता है। हालांकि, इससे वे कई गलत बातों को भी सच मान लेते हैं। इसलिए हमने आज यहां स्मार्टफोन को लेकर ऐसी अफवाहें बताईं हैं, जिन्हें ज्यादातर लोग सच मानते हैं।
कैमरे से संबंधित इस गलत बात को माना जाता है सच
आपने सुना होगा कि स्मार्टफोन में जितना ज्यादा मेगापिक्सल का कैमरा होता है। उससे उतनी अच्छी क्वालिटी की फोटो आती है। ऐसा नहीं है। आपको बता दें कि फोटो क्वालिटी कैमरे के पिक्सल से ज्यादा उसके अपर्चर पर निर्भर करती है। कैमरे के लिए पिक्सल के आगे F1.8 या F2.2 आदि लिखा होता है। यह F अपर्चर के लिए होता है। यह जितना ज्यादा होगा फोटो क्वालिटी उतनी अच्छी होगी। इसलिए पिक्सल से ज्यादा इस पर ध्यान देना चाहिए।
बैटरी के लिए कई अफवाहें हैं
स्मार्टफोन की बैटरी को लेकर कई अफवाहें होती हैं। कुछ लोग कहते हैं कि बैटरी बिल्कुल खत्म हो जाने पर ही स्मार्टफोन को चार्ज करना चाहिए, जबकि ऐसा कुछ नहीं है। ऐसा करने से कोई फर्क नहीं पड़ता है। वहीं, लोगों को यह भी लगता है कि पहली बार स्मार्टफोन का उपयोग करने से पहले उसे फुल चार्ज कर लेना चाहिए। हालांकि, ऐसा करना कोई जरूरी नहीं है। इससे बैटरी की परफॉर्मेंस पर कोई असर नहीं पड़ता है।
ऑटो ब्राइटनेस से बैटरी होती है जल्दी खत्म
कुछ लोगों का मानना होता है कि स्मार्टफोन में दिया गया ऑटो ब्राइटनेस का ऑप्शन इनेबल होने से उसकी बैटरी जल्दी खत्म हो जाती है। यह बात बिल्कुल सच नहीं है। यह ऑप्शन इसलिए होता है ताकि धूप में जाने से स्मार्टफोन की ब्राइटनेस अपने आप बढ़ जाए और स्क्रीन अच्छे से दिखाई दे। इससे बैटरी पर कोई असर नहीं पड़ता है और न ही यह अधिक बैटरी का उपयोग करता है।
स्मार्टफोन के चार्जर से ही चार्ज करना चाहिए
कई लोग यह सलाह देते हैं कि आपको उसी चार्जर से अपना स्मार्टफोन चार्ज करना चाहिए, जो उसके साथ में आया है। ऐसा करना कोई जरूरी नहीं है। हालांकि, लोगों को लोकल चार्जर का उपयोग नहीं करना चाहिए, लेकिन अगर एक ही कंपनी के दूसरे स्मार्टफोन का चार्जर उनके स्मार्टफोन को सपोर्ट कर रहा है तो वे उससे आराम से चार्ज कर सकते हैं। इससे स्मार्टफोन या उसकी बैटरी को कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा।
बैकग्रांउड में चल रहे ऐप से हैंग होता है स्मार्टफोन
कई लोगों का कहना है कि ब्रैकग्रांउड में चल रही ऐप्स को बंद कर देना चाहिए। इससे स्मार्टफोन हैंग करता है, जबकि यह सच नहीं है। बैकग्राउंड में चल रही ऐप्स को दोबार खोलने पर वे जल्दी खुलती हैं और इससे स्मार्टफोन हैंग भी नहीं होता है। इसके साथ ही लोगों का मानना यह भी है कि थर्ड पार्टी ऐप्स को डाउनलोड करने से वायरस आ जाते हैं, लेकिन सभी थर्ड पार्टी ऐप्स से ऐसा नहीं होता है।