जेरोधा के नाम पर ऐसे ठगी कर रहें साइबर जालसाज, जानें कैसे रहें सुरक्षित
ऑनलाइन ब्रोकरेज प्लेटफॉर्म जेरोधा के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) नितिन कामथ ने एक नए तरह की साइबर ठगी को लेकर वीडियो जारी कर लोगों को चेतावनी दी है। इस साइबर ठगी को अंजाम देने के लिए जालसाज लोगों को जेरोधा ऐप के जरिए ट्रेडिंग में निवेश करने और कम समय में अधिक मुनाफा कमाने का लालच देते हैं। जालसाज इस तरह की ठगी में फंसाकर अब तक 100 से अधिक लोगों को अपना शिकार बन चुके हैं।
पहले नकली व्हाट्सऐप ग्रुप में जोड़ते हैं जालसाज
इस तरह की ठगी को अंजाम देने के लिए जालसाज लोगों को जेरोधा के नाम से व्हाट्सऐप पर एक ग्रुप में जोड़ते हैं। इस ग्रुप में कामथ समेत जेरोधा के सभी वरिष्ठ कार्यकारी अधिकारी के नाम से नकली लोग शामिल होते हैं, जिससे यह ग्रुप कंपनी का कोई आधिकारिक ग्रुप जैसा नजर आता है। इसके बाद इस ग्रुप में जालसाज एक वीडियो मैसेज डालते हैं, जिसमें एक एंकर जेरोधा के नकली कार्यालय से निवेश योजना के बारे में बताती है।
योजना में ऐसे शामिल करते हैं जालसाज
इससे योजना असली लगती है और निवेश में रुचि दिखाने वाले शख्स को जालसाज जेरोधा के मोहर और अधिकारी का साइन किया हुआ फॉर्म भेजते हैं, जिसमें निवेश योजना के बारे में पूरी जानकारी दी जाती है। जब कोई व्यक्ति इस योजना में शामिल होने के लिए फॉर्म भरकर और अपनी पूरी वित्तीय जानकारी दर्ज करके सबमिट कर देता है, तब जालसाज उन्हें एक ऐप इंस्टॉल करने को कहते हैं, जो बिल्कुल जेरोधा के आधिकारिक ऐप के सामान लगता है।
यहां से शुरू होती है असली ठगी
ऐप इंस्टॉल करने के बाद जब कोई निवेश करता है तो ऐप में उन्हें 10 गुना तक मुनाफा दिखाया जाता है, जिससे लोग लालच में आकर और अधिक पैसे का निवेश करने लगते हैं। हालांकि, जब कोई पैसा ऐप से निकलने की कोशिश करता है, तब उन्हें जालसाज अलग नियम और कानून बताते हैं। लाखों रुपये का निवेश करने के बाद लोग ऐप से केवल कुछ पैसे को ही निकाल पाते हैं और बाकी पैसे जालसाज उनसे ठग लेते हैं।
ऐसी ठगी से कैसे रहें सुरक्षित?
ऐसी साइबर ठगी से सुरक्षित रहने के लिए जेरोधा या किसी भी ऐप में निवेश करने के लिए हमेशा उस ऐप को संबंधित कंपनी की आधिकारिक वेबसाइट या विश्वसनीय ऐप स्टोर से ही डाउनलोड करें। किसी भी असामान्य मुनाफा देने वाली निवेश योजना में निवेश करने से बचें, क्योंकि यह एक छलावा हो सकता है। साइबर ठगी की आशंका होने पर तत्काल साइबर अपराध सेल में शिकायत करें। अपनी वित्तीय या व्यक्तिगत जानकारी किसी अनजान के साथ साझा ना करें।