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शशि थरूर फिर कांग्रेस की बैठक से नदारद, पार्टी कार्रवाई करने में क्यों हिचकिचा रही है?
शशि थरूर लगातार तीसरी बार कांग्रेस की बैठक से गायब रहे हैं

शशि थरूर फिर कांग्रेस की बैठक से नदारद, पार्टी कार्रवाई करने में क्यों हिचकिचा रही है?

लेखन आबिद खान
Dec 12, 2025
07:37 pm

क्या है खबर?

पार्टी से अनबन की खबरों के बीच कांग्रेस सांसद शशि थरूर संसद भवन में हुई सांसदों की बैठक में शामिल नहीं हुए। इस बैठक की अध्यक्षता राहुल गांधी ने की, जिसमें 99 सांसद शामिल हुए। बैठक में शीतकालीन सत्र के दौरान सांसदों के कामों की समीक्षा की गई। ये लगातार तीसरी बार है, जब थरूर ने कांग्रेस की बैठक में हिस्सा नहीं लिया। इसके अलावा वे पार्टी को मुश्किलों में डालने वाले बयान भी देते रहते हैं।

बैठक

लगातार तीसरी बैठक से गायब रहे थरूर

30 नवंबर को ⁠संसद की रणनीति बनाने के लिए सोनिया गांधी की अध्यक्षता में बैठक हुई थी। थरूर इसमें शामिल नहीं हुए। अगले दिन उन्होंने वजह बताई कि मां का जन्मदिन मनाने के लिए केरल में थे। 18 नवंबर को SIR पर चर्चा के लिए राहुल और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बैठक की। थरूर खराब तबीयत का हवाला देकर इससे भी गायब रहे। हालांकि, एक दिन पहले वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकम में शामिल हुए थे।

आज की बैठक

थरूर ने क्यों छोड़ी आज की बैठक?

रिपोर्ट्स के मुताबिक, थरूर ने इन तीनों बैठक में अनुपस्थित रहने की सूचना पहले ही पार्टी आलाकमान को दे दी थी। थरूर के सोशल मीडिया से पता चलता है कि वे अपने दोस्त की शादी और बहन के जन्मदिन में शामिल होने कोलकाता गए हैं। वहां उन्होंने साहित्यिक चर्चा से जुड़े एक कार्यक्रम में भी हिस्सा लिया। थरूर पिछली बार 28 अक्टूबर को कांग्रेस मुख्यालय इंदिरा भवन में केरल कांग्रेस की बैठक में नजर आए थे।

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मजबूरी

थरूर का साथ कांग्रेस के लिए क्यों है जरूरी?

NDTV के मुताबिक, कांग्रेस अपनी केरल ईकाई में थरूर और राष्ट्रीय सचिव केसी वेणुगोपाल के बीच तनाव की वजह से थरूर पर कार्रवाई करने में हिचकिचा रही है। इसके अलावा थरूर का मतदाताओं और क्षेत्र पर काफी प्रभाव है और वे 2009 से लगातार तिरुवनंतपुरम से सांसद बनते आ रहे हैं। उन्हें कभी भी 34 प्रतिशत से कम वोट नहीं मिले हैं। थरूर पर कार्रवाई में हिचकिचाहट की एक बड़ी वजह ये भी है।

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चुनाव

केरल विधानसभा चुनाव पर भी नजरें

केरल में अगले साल विधानसभा चुनाव होना है। कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (UDF) को उम्मीद है कि वह थरूर के असर का फायदा उठाकर राज्य के सत्तारूढ़ लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (LDF) को चुनौती दे सकती है। हाल ही में केरल में स्थानीय निकाय चुनाव भी हुए हैं। ऐसे चुनावी माहौल में थरूर पर किसी भी तरह की कार्रवाई का नुकसान पार्टी को चुनावों में हो सकता है।

तारीफ

थरूर ने प्रधानमंत्री की तारीफ की,

थरूर ने सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री मोदी के भाषण की तारीफ करते हुए उनकी तस्वीरें भी साझा की थीं। इस पर कांग्रेस के कई नेताओं ने आपत्ति जताई थी। संदीप दीक्षित ने कहा था कि अगर थरूर को प्रधानमंत्री इतने प्रभावशाली लगते हैं तो वे कांग्रेस छोड़ दे। थरूर ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान उठाए गए सरकार के कदमों की भी खूब सराहना की थी। इस पर कांग्रेस के कई नेताओं से उनकी बहस भी हुई थी।

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