अजित पवार की 2019 की बगावत को विफल करने वालीं NCP नेता सोनिया दुहन कौन हैं?
क्या है खबर?
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के अंदर सियासी खींचतान के बाद अध्यक्ष शरद पवार ने युवा संगठन की अध्यक्ष सोनिया दुहन को पार्टी के दिल्ली कार्यालय की जिम्मेदारी सौंपी है।
सोनिया ने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और NCP के बागी नेता अजित पवार द्वारा 2019 में की गई बगावत को विफल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
एक छात्र नेता के तौर पर अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत करने वालीं सोनिया के लिए ये जिम्मेदारी मिलना एक बड़ी बात है।
राजनीति
DU में NCP की छात्र इकाई की अध्यक्ष रह चुकी हैं सोनिया
मूल रूप से हरियाणा के हिसार की रहने वालीं सोनिया ने कुरूक्षेत्र विश्वविद्यालय में अपने कॉलेज के दिनों के दौरान राजनीति में प्रवेश किया था।
सोनिया का पुणे में पायलट के प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में शामिल होने के दौरान पहली बार NCP के साथ परिचय हुआ था। इसके बाद वह पार्टी में लगातार आगे बढ़ती चली गईं और दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) में पार्टी की छात्र इकाई की अध्यक्ष नियुक्त की गईं।
जानकारी
पवार और सुले के काफी करीब हैं सोनिया
सोनिया को NCP अध्यक्ष पवार और उनकी बेटी सुप्रिया सुले के बेहद करीब माना जाता है। सोनिया ने महाराष्ट्र के अन्य नेताओं के साथ दूरी बनाए रखी है और NCP की छात्र इकाइयों के कामकाज में कभी अधिक हस्तक्षेप नहीं किया।
बगावत
अजित की बगावत को पस्त करने में क्या रही थी सोनिया की भूमिका?
सोनिया पहली बार 2019 में सुर्खियों में आई थीं जब उन्होंने गुरुग्राम के होटल में ठहरे NCP के 4 विधायकों को समझाकर वापस शरद पवार के खेमे में शामिल कर लिया था।
इन विधायकों ने नाटकीय घटनाक्रम में उपमुख्यमंत्री की शपथ लेने वाले अजित पवार का समर्थन किया था।
सोनिया ने गोवा के एक होटल में भी सेंध लगाने की कोशिश की थी, जहां पर महाराष्ट्र के मौजूदा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का समर्थन करने वाले विधायक ठहरे हुए थे।
मुलाकात
सोनिया ने जिम्मेदारी मिलने पर क्या कहा?
सियासी हलचल के बीच सोनिया ने बुधवार को मुंबई में शरद पवार के साथ मुलाकात की। उन्होंने ट्वीट किया, 'मुझे संघर्ष करने की प्रेरणा साहब से मिलती है। हम सब साहब को भरोसा दिलाते हैं कि हर संघर्ष में उनके साथ रहेंगे।'
इससे पहले सोनिया ने उन्हें दिल्ली की जिम्मेदारी सौंपे जाने पर कहा था, 'मैं पवार साहब और सुप्रिया दीदी को विश्वास दिलाती हूं कि मैं मेरी जिम्मेदारी को पूरी लगन और मेहनत से निभाऊंगी।'
हलचल
अजित पवार की बगावत का मामला क्या है?
शरद पवार के भतीजे अजित पवार ने उनके खिलाफ बगावत करते हुए भाजपा से हाथ मिला लिया है। वह मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली भाजपा-शिवसेना की सरकार में शामिल हो गए थे और उन्हें उपमुख्यमंत्री बनाया गया था।
उनके साथ NCP के 12 अन्य विधायक भी आए थे, जिनमें से 8 को मंत्री बनाया गया है। अजित ने NCP के 40 विधायकों का उन्हें समर्थन होने की बात कही है।