उत्तर प्रदेश: दूसरे कार्यकाल में योगी आदित्यनाथ का पहला ऐलान, आगे बढ़ाई मुफ्त राशन योजना
उत्तर प्रदेश में शुक्रवार को लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेकर इतिहास रचने वाले योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को कैबिनेट की पहली बैठक में बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने प्रदेश की गरीब जनता के हित को देखते हुए राज्य में लागू मुफ्त राशन योजना को तीन महीने के लिए बढ़ाने का निर्णय किया है। पूर्व में यह योजना मार्च 2022 तक ही लागू थी। सरकार के इस फैसले से 15 करोड़ गरीब परिवारों को लाभ मिलेगा।
योजना पर 3,270 करोड़ रुपये खर्च करेगी सरकार- मौर्य
कैबिनेट की बैठक के बाद उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, "आज कैबिनेट की बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुफ्त राशन योजना को अगले 3 महीने तक बढ़ाने का फैसला किया है। इससे राज्य की 15 करोड़ गरीब जनता को सीधा फायदा होगा।" उन्होंने कहा, "सरकार ने गरीबों को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय किया है। इस योजना पर 3,270 करोड़ रुपये खर्च होंगे। सरकार उद्देश्य लोगों तक योजनाओं का लाभ पहुंचाना है।"
कोरोना महामारी के दौरान शुरू की गई थी योजना
बता दें कि मार्च 2020 में कोरोना वायरस महामारी के दौरान लगाए गए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के दौरान सरकार ने लोगों को संबंल प्रदान करने के लिए मुफ्त राशन योजना की शुरुआत की थी। इस योजना में गरीबों को प्रति महीने पांच-पांच किलो खाद्यान्न उपलब्ध कराया जाता है। पूर्व में योजना मार्च 2022 तक के लिए लागू की गई थी, लेकिन राज्य के वर्तमान हालातों को देखते हुए अब सरकार ने इसे तीन महीने के लिए और आगे बढ़ा दिया है।
योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को ली थी मुख्यमंत्री पद की शपथ
बता दें कि योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ के इकाना स्टेडियम में आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री की शपथ ली थी। उन्हें राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने शपथ दिलाई थी। उस दौरान केशव प्रसार मौर्य और ब्रजेश पाठक ने उपमुख्यमंत्री और 31 नए चेहरों सहित कुल 52 मंत्रियों ने भी शपथ ली थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों सहित कई नेता समारोह में शामिल हुए थे।
योगी ने अपने नाम किए ये रिकॉर्ड
आज शपथ ग्रहण करने के साथ ही योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश के इतिहास के पहले ऐसे मुख्यमंत्री बन गए हैं जो अपने पहले पूर्ण कार्यकाल के बाद लगातार दूसरी बार सत्ता में आए हैं। इसके अलावा योगी पिछले 37 साल में सत्ता में वापसी करने वाले उत्तर प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री भी बन गए हैं। इससे पहले 1985 में नारायण दत्त तिवारी मुख्यमंत्री के नाते सत्ता में वापसी करने में कामयाब रहे थे।
भाजपा को मिला है भारी बहुमत
भाजपा और उसके सहयोगियों ने राजनीतिक तौर पर बेहद महत्वपूर्ण उत्तर प्रदेश की 403 सीटों में से 273 पर जीत दर्ज की थी। इसी के साथ भाजपा का दोबारा सत्ता में लौटने का रास्ता साफ हो गया था। समाजवादी पार्टी और उसके सहयोगी मात्र 125 सीट ही जीत पाए, वहीं मायावती की बहुजन समाज पार्टी लगभग साफ हो गई है और मात्र एक सीट जीत हासिल की। कांग्रेस ओर अन्य ने केवल दो-दो सीटें अपने नाम की हैं।