शिक्षक भर्ती घोटाला: पूर्व मंत्री के बाद अब TMC विधायक माणिक भट्टाचार्य गिरफ्तार
क्या है खबर?
पश्चिम बंगाल के शिक्षक भर्ती घोटाले में तृणमूल कांग्रेस (TMC) के एक और नेता को गिरफ्तार किया गया है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने रातभर भर चली पूछताछ के बाद आज सुबह TMC विधायक माणिक भट्टाचार्य को गिरफ्तार कर लिया।
वह इस घोटाले में गिरफ्तार किए गए TMC के दूसरे नेता हैं। उनसे पहले पूर्व मंत्री पार्थ चट्टर्जी को गिरफ्तार किया चुका है। उन्हें घोटाले में गिरफ्तार किए जाने के बाद मंत्री पद से हटाया गया था।
कारण
इसलिए गिरफ्तार किए गए भट्टाचार्य
NDTV की रिपोर्ट के अनुसार, ED का दावा है कि पार्थ चटर्जी की व्हाट्सऐप चैट हिस्ट्री में उसे रिश्वत इकट्ठा करने को लेकर माणिक भट्टाचार्य के साथ उनकी बातचीत मिली है और इसी के आधार पर उन्हें गिरफ्तार किया गया है।
घोटाले में नाम सामने आने के बाद भट्टाचार्य को प्राथमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष के पद से बर्खास्त कर दिया गया था।
पलाशिपारा सीट से विधायक भट्टाचार्य को सुप्रीम कोर्ट से गिरफ्तारी से अंतरिम राहत भी मिली हुई थी।
गिरफ्तारी
23 जून को गिरफ्तार किए गए थे पार्थ चटर्जी
बता दें कि शिक्षक भर्ती घोटाले में 23 जून को पार्थ चटर्जी को गिरफ्तार किया गया था और चौतरफा दबाव के बाद 28 जुलाई को ममता बनर्जी की सरकार ने उन्हें मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया था।
मामले में चटर्जी की सहयोगी अर्पिता मुखर्जी को भी गिरफ्तार किया जा चुका है। ED ने अर्पिता के कुल तीन अपार्टमेंट्स पर छापा मारा था जिनसे 50 करोड़ रुपये कैश और कई किलो सोना मिला था।
आरोप
चटर्जी पर क्या आरोप हैं?
मामले में पार्थ चटर्जी पर शिक्षा मंत्री के अपने कार्यकाल के दौरान रिश्वत लेकर सरकारी स्कूलों में शिक्षकों और अन्य स्टाफ की अवैध नियुक्ति करने का आरोप है। उन पर रिश्वत लेकर ट्रांसफर करने और कॉलेजों को मान्यता दिलाने का आरोप भी है।
इस संबंध में कोलकाता हाई कोर्ट में याचिकाएं दायर की गई थीं, जिन पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने जांच के आदेश दिए थे।
ED मनी लॉन्ड्रिंग कानून के तहत मामले की जांच कर रही है।
चार्टशीट
ED ने पिछले महीने दाखिल की थी चार्जशीट
ED ने पिछले महीने मामले में चार्जशीट भी दाखिल कर दी थी।
इस चार्जशीट में आरोप लगाया गया था कि चटर्जी ने शिक्षक भर्ती घोटाले के अलावा अन्य कई अवैध गतिविधियों और घोटालों के जरिए भी बड़ी मात्रा में पैसा कमाया।
इसमें ED ने यह भी कहा कि अर्पिता मुखर्जी ने उसके सामने कबूल किया है कि उनके अपार्टमेंट्स से मिला पैसा चटर्जी का ही था।
चटर्जी पर वंचित लोगों को फर्जी कंपनियों का निदेशक बनाने का आरोप भी है।