तमिलानाडु: सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी के बावजूद राज्यपाल ने 10 विधेयक लौटाए
क्या है खबर?
तमिलनाडु में सरकार और राज्यपाल के बीच विवाद बढ़ता जा रहा है। अब राज्यपाल आरएन रवि ने 10 विधेयकों को दोबारा विधानसभा को लौटा दिया है। इनमें से 2 विधेयक पिछली सरकार द्वारा पारित किए गए थे।
सरकार ने भी इस पर पलटवार करते हुए 18 नवंबर को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया है। राज्यपाल ने ये कदम ऐसे वक्त उठाया है, जब हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सख्त टिप्पणी की थी।
विधेयक
राज्यपाल ने लंबित 12 विधेयकों में से 10 लौटाए
NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक, लंबित विधेयकों में से एक विधेयक राज्य-संचालित विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की नियुक्तियों में राज्यपाल के अधिकार पर रोक लगाता है।
एक अन्य विधेयक में ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम (AIADMK) के पूर्व मंत्रियों के खिलाफ मुकदमा चलाने के प्रावधान हैं।
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, राज्यपाल के पास 12 विधेयक लंबित थे, जिनमें से 10 वापस लौटा दिए। इनमें से ज्यादातर राज्य के विश्वविद्यालयों से संबंधित हैं।
सत्र
सरकार ने बुलाया विशेष सत्र
तमिलनाडु विधानसभा के अध्यक्ष एम अप्पावु ने 13 नवंबर को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया है। उम्मीद की जा रही है कि इसमें राज्यपाल द्वारा वापस भेजे गए विधेयकों को दोबारा पारित किया जाएगा। अगर ऐसा होता है तो राज्यपाल को इन विधेयकों को अनिवार्य रूप से पारित करना ही होगा।
अध्यक्ष अप्पावु ने कहा कि सरकार ने विधेयकों को दोबारा पेश और पारित करने के लिए तमिलनाडु विधानसभा का 'तत्काल' सत्र बुलाने का फैसला लिया है।
कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने लगाई थी फटकार
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु के राज्यपाल को फटकार लगाई थी।
तमिलनाडु सरकार की याचिका पर कोर्ट ने कहा था, "अनुच्छेद 200 के प्रावधान के तहत यदि राज्यपाल विधेयक को लेकर सहमत नहीं है तो उसे 'जितनी जल्दी हो सके' एक संदेश के साथ वापस लौटा दे, जिस पर सदन पुनर्विचार कर सकता है। यदि यह सदनों द्वारा पारित हो जाता है तो राज्यपाल अपनी सहमति को रोक नहीं सकते। ये गंभीर चिंता का विषय है।"
विवाद
तमिलनाडु सरकार और राज्यपाल में क्या है विवाद?
तमिलनाडु सरकार राज्यपाल पर विधेयकों को मंजूरी देने में देरी करने और राज्य के विकास को बाधित करने का आरोप लगाती है।
इससे पहले राज्यपाल ने NET विधेयक को काफी समय तक लंबित रख लौटा दिया था। ऑनलाइन गेमिंग पर प्रतिबंध से जुड़े एक विधेयक को भी राज्यपाल ने लौटा दिया था।
राज्यपाल ने विधानसभा में एक भाषण के दौरान तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्रियों के नाम नहीं पढ़े थे। ये भाषण सरकार ने उन्हें लिखकर दिया था।
प्लस
न्यूजबाइट्स प्लस
तमिलनाडु के अलावा पंजाब और केरल की सरकारों का भी राज्यपाल से विवाद चल रहा है।
20-21 अक्टूबर को पंजाब सरकार द्वारा बुलाए गए विधानसभा सत्र को राज्यपाल ने असंवैधानिक बताया था। इसके बाद पंजाब सरकार ने भी सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने राज्यपाल को फटकार लगाते हुए कहा था कि वे आग से खेल रहे हैं।
केरल सरकार ने भी राज्यपाल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है।