उद्धव ठाकरे को राहत, शिंदे गुट को नहीं मिलेगा शिवसेना की संपत्ति पर हक
क्या है खबर?
शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने ठाकरे गुट के पास मौजूद शिवसेना की सभी संपत्ति को एकनाथ शिंदे गुट को ट्रांसफर करने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया है।
बता दें कि यह याचिका आशीष गिरी नाम के वकील ने दायर की थी। याचिका में मांग की गई थी कि ठाकरे गुट को पार्टी फंड ट्रांसफर करने से रोकने के लिए भी सुप्रीम कोर्ट निर्देश जारी करे।
सवाल
याचिकाकर्ता से कोर्ट ने पूछा- आप कौन?
बता दें कि मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा की पीठ कर रही थी।
सुनवाई के दौरान CJI ने याचिकाकर्ता से पूछा, "यह किस तरह की याचिका है और आप कौन हैं? आप की याचिका पर विचार नहीं किया जा सकता है।"
इसके बाद कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी। यानी अब उद्धव गुट का पार्टी के फंड और संपत्ति पर हक बना रहेगा।
मांग
याचिका में क्या मांग की गई थी?
याचिकाकर्ता वकील आशीष ने सुप्रीम कोर्ट से मांग की थी कि शिवसेना का भवन, पार्टी फंड, शिवसेना से जुड़ी दूसरी शाखाओं और संपत्तियों को शिंदे गुट को सौंप दिया जाए।
याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि किसी भी राजनीतिक दल के सभी कार्यकर्ताओं और नेताओं द्वारा धन और संपत्ति एकत्र की जाती है और यदि पार्टी को दो या दो से अधिक समूहों में विभाजित किया जाता है तो किसी भी समूह का कोई व्यक्तिगत लाभ या अधिकार नहीं है।
बयान
पार्टी फंड और संपत्ति पर दावा करने में दिलचस्पी नहीं- शिंदे गुट
इस महीने की शुरुआत में शिंदे गुट ने कहा था कि उनका पार्टी के फंड और संपत्ति पर दावा करने में कोई दिलचस्पी नहीं है।
महाराष्ट्र में कैबिनेट मंत्री दीपक केसरकर ने कहा था, "शिंदे ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि उनका गुट शिवसेना भवन, मध्य मुंबई के दादर स्थित पार्टी मुख्यालय या ठाकरे समूह से जुड़ी किसी भी संपत्ति पर दावा करने में दिलचस्पी नहीं रखता है। स्वर्गीय बाल ठाकरे उनकी असली संपत्ति थे।"
चिन्ह
शिंदे गुट को मिल चुका है शिवसेना का चुनाव चिन्ह
शिवसेना में ठाकरे और शिंदे गुट के बीच बवाल के बाद पार्टी को लेकर मामला चुनाव आयोग पहुंचा था।
चुनाव आयोग ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद शिंदे गुट को असली शिवसेना मानते हुए पार्टी का चुनाव चिन्ह भी दे दिया था।
इस फैसले के खिलाफ उद्धव गुट सुप्रीम कोर्ट भी गया था, लेकिन कोर्ट ने चुनाव आयोग के फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था।
शिवसेना
शिंदे ने 40 विधायकों के साथ छोड़ी थी शिवसेना
बता दें कि पिछले साल 23 जून को शिंदे ने अपने साथ 40 विधायकों का समर्थन होने का दावा करते हुए शिवसेना से बगावत कर दी थी।
इसके बाद 28 जून को राज्यपाल ने उद्धव को बहुमत साबित करने को कहा। इसके खिलाफ उद्धव सुप्रीम कोर्ट गए, लेकिन वहां से राहत नहीं मिली तो अगले दिन मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।
30 जून को भाजपा के सहयोग से शिंदे मुख्यमंत्री बने और देवेंद्र फडणवीस उपमुख्यमंत्री बनाए गए।