केरल: PFI पर प्रतिबंध के बाद सक्रियता बढ़ा रही इसकी राजनीतिक शाखा SDPI
पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) पर लगे प्रतिबंध के बाद इसकी राजनीतिक शाखा सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI) की सक्रियता बढ़ गई है। PFI पर प्रतिबंध से प्रभावित हुए बिना SDPI कार्यकर्ता केरल की मुख्यधारा की राजनीति में अपनी जगह मजबूत करने का प्रयास कर रहे हैं। पिछले कुछ दिनों में इन कार्यकर्ताओं ने बढ़ती महंगाई और ड्रग्स आदि के मुद्दे पर प्रदर्शन किए हैं और सोशल मीडिया पर भी अपनी गतिविधियां तेज की है।
प्रतिबंध से बचने में सफल रही थी SDPI
केंद्र सरकार ने सितंबर में PFI और इसके सभी सहयोगी संगठनों और मोर्चों पर प्रतिबंध लगा दिया है। गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत लगाया गया यह प्रतिबंध पांच साल तक लागू रहेगा। सरकार का कहना था कि इस संगठन का आतंकी संगठनों के साथ संबंध पाया गया है। PFI से जुड़ा केवल SDPI एकमात्र ऐसा संगठन था, जो इस प्रतिबंध के लपेटे में आने से बचा था।
SDPI ने लड़ा था उपचुनाव
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, SDPI ने इसी हफ्ते हुए केरल के स्थानीय निकाय के उपचुनाव में अपने उम्मीदवार उतारे थे। एर्नाकुलम जिले के पट्टीमेट्टम मंडल के वाडावुकोड ब्लॉक में पार्टी उम्मीदवार को पिछली बार की तुलना में इस बार ज्यादा वोट मिले हैं। 2020 में SDPI उम्मीदवार को यहां 370 वोट मिले थे, लेकिन इस बार यह संख्या बढ़कर 479 हो गई है। यह तब है, जब सामने वाली दोनों पार्टियों ने मुस्लिम उम्मीदवारों को वोट दिया था।
इसलिए महत्वपूर्ण है वोटों की संख्या बढ़ना
पट्टीमेट्टम में SDPI का वोट शेयर बढ़ना इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि सितंबर में केंद्रीय एजेंसियों की छापेमारी के खिलाफ बुलाई गई PFI की हड़ताल में हिंसा हुई थी। इसे लेकर PFI लोगों के निशाने पर रहा। इस हिंसा के संबंध में PFI से जुड़े 2,300 लोगों को गिरफ्तार किया गया था और उनमें से कई अब भी जेल में है। हाई कोर्ट का कहना है कि गिरफ्तार लोगों को जमानत के लिए नुकसान की भरपाई करनी होगी।
"प्रतिबंध से नहीं पड़ा कोई फर्क"
SDPI के राज्य प्रमुख एम अशरफ मौलवी ने बताया कि PFI पर प्रतिबंध से उनकी पार्टी की गतिविधियों पर असर नहीं पड़ा है। उन्होंने कहा, "हमने प्रतिबंध के चलते PFI के कार्यकर्ताओं को संगठन से दूर रखने का फैसला किया है। PFI पर प्रतिबंध से हम पर कोई असर नहीं पड़ा है। SDPI को अब और ज्यादा समर्थक मिल रहे हैं। लोगों को पता चल गया है कि विरोध की आवाज दबाने का प्रयास हो रहा है।"
न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)
PFI एक चरमपंथी इस्लामिक संगठन था, जो खुद को पिछड़ों और अल्पसंख्यकों के हक में आवाज उठाने वाला संगठन बताता था। यह पहली बार 22 नवंबर, 2006 को केरल में नेशनल डेवलपमेंट फ्रंट (NDF) के नाम से अस्तित्व में आया था। तब उसने संगठन ने दिल्ली के रामलीला मैदान में नेशनल पॉलिटिकल कांफ्रेंस आयोजित कर सुर्खियां भी बटोरी थीं। कई जगहों पर सांप्रदायिक हिंसाओं में PFI का नाम आने के बाद इस पर प्रतिबंध की मांग हो रही थी।