राजस्थान: अशोक गहलोत से "सुलह" के बावजूद अपनी 3 प्रमुख मांगों पर अडिग सचिन पायलट- रिपोर्ट
क्या है खबर?
राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता सचिन पायलट बुधवार को अपने विधानसभा क्षेत्र टोंक के दौरे पर जा रहे हैं, जहां वह विभिन्न कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे।
अटकलें हैं कि पायलट अभी भी अपनी 3 मांगों से पीछे नहीं हटे हैं, जो उन्होंने 15 दिन पहले राजस्थान सरकार के सामने रखी थीं।
दिल्ली में 2 दिन पहले कांग्रेस आलाकमान के साथ हुई बैठक के बाद पायलट और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीच सुलह होने की बात कही गई थी।
मांग
पायलट की 3 मांगें क्या हैं?
पायलट ने 15 मई को जयपुर में अपनी 5 दिवसीय जन संघर्ष यात्रा खत्म करते हुए राजस्थान सरकार के सामने 3 मांगें रखी थीं।
उन्होंने राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) को भंग कर परीक्षाओं के लिए नई समिति का गठन करने की मांग की थी।
पायलट ने मुख्यमंत्री गहलोत से पेपर लीक के कारण प्रभावित अभ्यर्थियों को मुआवजा देने के लिए भी कहा था। उन्होंने भाजपा सरकार में हुए कथित भ्रष्टाचार की जांच शुरू करने की मांग भी की थी।
कार्यक्रम
पायलट कर सकते हैं आंदोलन की शुरुआत- रिपोर्ट
इंडिया टुडे के मुताबिक, पायलट अपने टोंक दौरे के दौरान आंदोलन की शुरुआत भी कर सकते हैं। उनके द्वारा दिए गए 15 दिनों के अल्टीमेटम की अवधि भी आज समाप्त हो रही है।
कांग्रेस के पूर्व राजस्थान अध्यक्ष पायलट टोंक के हमीरपुर, अलियारी, बावरी और लंबाकलां में आयोजित जन सुनवाई कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे। वह हाल ही में टोंक में आई आंधी और भारी बारिश से प्रभावित लोगों से भी मुलाकात करेंगे।
अल्टीमेटम
पायलट ने राजस्थान सरकार को क्या अल्टीमेटम दिया था?
पायलट ने राजस्थान सरकार को 15 दिनों का अल्टीमेटम देते हुए कहा था कि अगर इस महीने के अंत तक उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वह पूरे राज्य की जनता के साथ आंदोलन की शुरुआत करेंगे।
उन्होंने कहा था, "हमने अभी गांधीवादी तरीके से अनशन किया है, लेकिन अगर भ्रष्टाचार के आरोपों समेत अन्य मांगों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई तो हम पूरे राज्य में आंदोलन करेंगे। हम हर गांव और हर टोले में जाएंगे।"
दावा
कांग्रेस ने किया है दोनों नेताओं के बीच सुलह का दावा
दिल्ली में हुई बैठक के बाद कांग्रेस के महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा था कि पार्टी एकजुट होकर राजस्थान चुनाव लड़ेगी।
उन्होंने गहलोत और पायलट के बीच आपसी मतभेद सुलझाने का दावा करते हुए कहा था कि दोनों नेता इस बात पर सहमत हैं कि कांग्रेस को एकजुट होकर चुनाव मैदान में उतरना चाहिए।
गौरतलब है कि इस बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और पूर्व सांसद राहुल गांधी भी शामिल हुए थे।
इशारा
गहलोत ने बैठक के बाद भी पायलट पर कसा था तंज
कांग्रेस के दावे के बावजूद दोनों नेताओं के बीच "सुलह" पर कई सवाल उठ रहे हैं। गहलोत ने बैठक के बाद जयपुर रवाना होने से पहले पायलट का नाम लिए बिना इशारों में उन पर तंज कसा था।
उन्होंने कहा था, "कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं को धैर्य रखना चाहिए और सेवा के अवसर की प्रतीक्षा करनी चाहिए। उन्हें किसी न किसी तरह पार्टी की सेवा करने का अवसर मिलेगा, इसलिए मैं हमेशा धैर्य रखने का आह्वान करता हूं।"