कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ सकते हैं राहुल गांधी- रिपोर्ट
कांग्रेस में नेतृत्व को लेकर अनिश्चितता की स्थिति बनी हुई है। राहुल गांधी पार्टी प्रमुख का पद संभालने के इच्छुक नहीं है, लेकिन कांग्रेस नेता उन्हें मनाने पर लगे हुए हैं। कई नेताओं ने उम्मीद जताई है कि राहुल गांधी अपनी जिद छोड़कर अक्टूबर में होने वाले आंतरिक चुनावों में उम्मीदवार बन सकते हैं। राहुल फिलहाल विदेश दौरे पर हैं और उनके लौटने के बाद कई नेता उनसे मिलकर पार्टी की कमान संभालने का आग्रह करेंगे।
अपनी जिद छोड़ सकते हैं राहुल- सूत्र
TOI ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि राहुल को मनाने की कोशिशें जारी हैं। वो इसके लिए सहमत हो सकते हैं, लेकिन काफी कुछ इस पर निर्भर करेगा कि रविवार को दिल्ली में महंगाई के खिलाफ होने वाली रैली और भारत जोड़ो यात्रा कैसे जाती है। बता दें कि रविवार को होने वाली रैली में राहुल गांधी मुख्य वक्ता होंगे। वहीं भारत जोड़ो यात्रा में राहुल 150 दिनों तक कन्याकुमारी से लेकर कश्मीर तक पदयात्रा करेंगे।
अंतिम समय तक होगी राहुल को मनाने की कोशिश
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत, मल्लिकार्जुन खड़गे और सलमान खुर्शीद जैसे नेता कह चुके हैं कि राहुल गांधी को मनाने की कोशिशें अंतिम समय तक जारी रहेंगी। तेलंगाना के एक नेता ने राहुल गांधी का प्रस्तावक बनने की भी पेशकश की है।
2019 में राहुल ने छोड़ा था अध्यक्ष पद
2019 के लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद राहुल गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। उसके बाद से सोनिया गांधी अंंतरिम अध्यक्ष के तौर पर कार्यभार संभाल रही हैं। इस बीच पार्टी ने कई बार राहुल को यह जिम्मेदारी लेने के लिए मनाने की कोशिश की है, लेकिन उन्होंने साफ कर दिया है कि वो अध्यक्ष नहीं बनेंगे। उन्होंने यह भी साफ कर दिया है कि गांधी परिवार कांग्रेस का नेतृत्व नहीं करेगा।
17 अक्टूबर को होगा कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए चुनाव
कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए 7 अक्टूबर को मतदान होगा और दो दिन बाद यानी 19 अक्टूबर को नतीजे घोषित कर दिए जाएंगे। नामांकन की प्रक्रिया 24 सितंबर से शुरू होगी और 30 सितंबर तक नामांकन दाखिल किए जा सकेंगे।
अशोक गहलोत समेत कई नेता दावेदार
अगर राहुल गांधी चुनाव नहीं लड़ते हैं तो अशोक गहलोत अपनी दावेदारी पेश कर सकते हैं। अटकलें हैं कि सोनिया गांधी ने गहलोत को नेतृत्व संभालने को कहा है, लेकिन वो चाहते हैं कि राहुल ही पार्टी की कमान संभालें। गहलोत के अलावा शशि थरूर भी अध्यक्ष पद के लिए अपनी दावेदारी पेश कर सकते हैं। थरूर का मानना है कि अध्यक्ष पद के लिए लोकतांत्रिक प्रतिस्पर्धा पार्टी में जोश लाएगी।
सोनिया ने की थी इस्तीफे की पेशकश
मार्च में उत्तर प्रदेश और पंजाब समेत चार राज्यों के विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद सोनिया गांधी ने राहुल और प्रियंका के साथ अपने इस्तीफे की पेशकश की थी। हालांकि, तब उन्हें नया अध्यक्ष चुने जाने तक पार्टी की कमान संभाले रखने के लिए मना लिया गया था। मई में उदयपुर चिंतन शिविर में पार्टी ने अपने आप को दोबारा मजबूत बनाने की कई रणनीतियों पर विस्तृत चर्चा की थी।
न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)
आखिरी बार 1996 में कोई गैर-गांधी कांग्रेस का अध्यक्ष बना था। उस समय बिहार से आने वाले सीताराम केसरी को पार्टी की कमान सौंपी गई और 1998 में उन्हें बेहद ही नाटकीय तरीके से हटाकर सोनिया गांधी को पार्टी अध्यक्ष बनाया गया।