महिला आरक्षण विधेयक लोकसभा से पारित हो गया है। इसे कल राज्यसभा में पेश किया जाएगा। संख्याबल के हिसाब से पूरी उम्मीद है कि यहां से भी ये पारित हो जाएगा।
महिला आरक्षण विधेयक लोकसभा से पारित हो गया है। विधेयक के पक्ष में 454 और विपक्ष में 2 वोट पड़े।
महिला आरक्षण विधेयक पर लोकसभा में थोड़ी देर में मतदान होगा।
कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल अब संसद में चर्चा के दौरान विपक्ष द्वारा उठाए गए सवालों का जवाब दे रहे हैं। उन्होंने सभी पार्टियों को सकारात्मक फीडबैक के लिए धन्यवाद दिया।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, "हमारी सरकार में 29 मंत्री OBC से हैं। 29 सांसद OBC से हैं। सचिव देश नहीं चलाते हैं, सरकार देश चलाती है। भाजपा के OBC विधायक 365 हैं, 27 प्रतिशत है। सभी से ज्यादा हैं। हमारे MLC 40 प्रतिशत है। मन से पिछड़ा वर्ग का कल्याण करने का काम हमने किया है। आज देश के 80 करोड़ गरीबों को घर, शौचालय, दवाएं, अनाज, सिलेंडर देने के बाद आज हम 33 प्रतिशत आरक्षण लेकर आए हैं। जो वादा किया था, वो पूरा किया है। आपकी पार्टियों ने कभी OBC प्रधानमंत्री नहीं बनाया, भाजपा ने बनाया।" इसके बाद शाह ने सभी लोगों से विधेयक का समर्थन करने की मांग की।
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, "कुछ लोग सोशल मीडिया में बता रहे हैं कि इसका समर्थन मत करो। मैं कहता हूं कि समर्थन नहीं करोगे तो क्या जल्दी आरक्षण आ जाएगा। तो भी 29 के बाद आएगा। समर्थन करने से गारंटी हो जाएगी। एक बार श्रीगणेश तो करो। एक बार शुरुआत तो करो। चुनाव के बाद तुरंत जनगणना और परिसीमन होगा और बहुत जल्द एक तिहाई माताएं यहां बैठेंगी।"
शाह ने कहा, "ये 4 बार आया 4 बार पारित नहीं हुआ। हर बाद सदन ने महिलाओं को निराश किया। मैं आज सभी दलों से प्रार्थना करता हूं कि हम सब इस नई शुरुआत को सर्वानुमति से मातृशक्ति को नई ताकत देंगे। हमारी मंशा पर सवाल उठे। तुरंत अमल में क्यों नहीं लाते हैं पूछा गया। अभी सामान्य, SC और ST समुदाय के सांसद यहां आते हैं। ये तीनों में हमने 33 प्रतिशत आरक्षण किया है। अभी जो संविधान संशोधन आया है, इसमें 330A और 332A के माध्यम से आरक्षण का प्रावधान किया है। इसी के साथ तीनों समुदायों में वर्टिकल आरक्षण देकर एक-तिहाई सीटों को आरक्षित करने का काम किया है। परिसीमन हमारे देश की चुनाव प्रक्रिया को निर्धारित करता है। इसकी अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज करते हैं। अगर सीटों पर आरक्षण देना है तो वो सीटों को तय कौन करेगा। इसके लिए परिसीमन जरूरी है।"
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, "पहली बार ये विधेयक नहीं आया है। फिर हमें क्यों लेकर आना पड़ा। किसके कारण पारित नहीं हुआ। इसकी वजह बताता हूं। 1996 में सबसे पहले आया था। उस वक्त कांग्रेस विपक्ष में थी। विधेयक सदन में रखने के बाद संयुक्त समिति को भेजा गया। समिति ने 9 दिसंबर 1996 को रिपोर्ट दी, लेकिन ये कभी सदन तक पहुंची ही नहीं। अटल जी के कार्यकाल में ये फिर आया। ये भी लैप्स हो गया। आडवाणी जी के हाथ से विधेयक छीन लिया। 13वीं लोकसभा में फिर विधेयक आया, लेकिन चर्चा नहीं हो पाई। ये भी लैप्स हो गया। मनमोहन जी फिर लेकर आए, राज्यसभा में पहले रखा। यहां पारित हो गया, लेकिन लोकसभा में लाने का मौका ही नहीं मिला। कल अधीर जी बोल रहे थे कि विधेयक अभी जीवित है, लेकिन ऐसा नहीं है। लोकसभा का विघटन हुआ तो विधेयक भी लैप्स हो गया।"
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, "दुर्गा, सरस्वती और लक्ष्मी तीन स्वरूप हैं देवियों के। इनमें हमारी संस्कृति ने मां की कल्पना की है। मगर समस्या है कि इनकी जड़ें भारत ने नहीं जुड़ी हैं। अगर ऐसा होता तो तकलीफ नहीं होती। हजारों सालों के इतिहास में कई सारी ज्ञान की नई विधाएं हुई हैं। हम ये विधेयक महिलाओं के प्रतिभागिता बढ़ाने और सम्मान करने के लिए लाए हैं।"
अमित शाह ने कहा, "भूखे परिवारों को 5 किलो अनाज प्रति व्यक्ति देने का काम हमने किया। 3 करोड़ 18 लाख सुकन्या समृद्धि खाते खोले, 26 सप्ताह का मातृत्व अवकाश हमने दिया। आज दुनियाभर में विमान उड़ाने वाले पाइलट में महिलाओं की संख्या 5 प्रतिशत है भारत में 15 प्रतिशत है। इसको सशक्तिकरण बोलते हैं। हम जो विधेयक लेकर आए हैं, कई सारी साथी महिला सांसदों ने कहा कि महिला को आरक्षण देकर नीचा नहीं दिखाना चाहिए। मैं आपसे एक कदम आगे जाता हूं और कहता हूं कि महिला पुरुष से भी ज्यादा सशक्त है।"
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, "महिलाओं के लिए सुरक्षा, सम्मान और सहभागिता जैसी चीजें भाजपा की सरकार बनने के बाद से ही हमारे प्राण बने हुए हैं। जिस दिन मोदी जी प्रधानमंत्री बने, तब 70 करोड़ लोगों को बैंक खाते नहीं थी। जनधन योजना चालू की तो 52 करोड़ बैंक खाते खोले, जिनमें से 70 प्रतिशत महिलाओं के नाम से खोले गए। सारी योजनाओं का पैसा सीधा खाते में जा रहा है। 11 करोड़ परिवारों में शौचालय नहीं थे, हमने पहले 5 साल के अंदर ही 11 करोड़ 72 लाख शौचालय बनवाए। इससे महिलाओं का सम्मान हुआ। 10 करोड़ परिवार धूंए में जी रहे थे, हमने मुफ्त LPG कनेक्शन दिया। 12 करोड़ घरों में पीने का पानी नहीं था, हमने नल से जल पहुंचाया।"
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, "2014 में 30 साल बाद पूर्ण बहुमत की सरकार बनी। जब सरकार बनाने का समय आया तब स्वाभाविक था कि मोदी जी मुख्यमंत्री से इस्तीफा देंगे। जब उन्होंने इस्तीफा दिया, तब इनके बैंक खाते में जितना भी पैसा था वो सारा गुजरात सचिवालय की वर्ग 3 और 4 के कर्मचारियों की बच्चियों की पढ़ाई के लिए दे दिया। जब मुख्यमंत्री थे तो बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा देशभर में दिया। बिना किसी कानून के बगैर लिंगानुपात में बड़ा परिवर्तन किया। मई महीने में पटवारी से लेकर मुख्यमंत्री तक पूरी सरकार 5 दिनों तक गर्ल चाइल्ड एनरोलमेंट के लिए गांव में जाती थी। इसका नतीजा हुआ कि ड्रॉपआउट रेशों 0.7 प्रतिशत हो गया। इसलिए मैं कहता हूं कि ये मान्यता का मुद्दा है।"
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, "हमारे लिए महिला सशक्तिकरण राजनीतिक मुद्दा नहीं है, बल्कि मान्यता का सवाल है। किसी भी सिद्धांत के लिए किसी व्यक्ति या संस्था का आंकलन करना है तो कोई एक घटना या कदम स नहीं किया जा सकता। प्रधानमंत्री जब संगठन का काम करते थे तो वड़ोदरा कार्यकारिणी में उन्होंने संगठनात्मक पदों में एक तिहाई आरक्षण किया। ऐसा करने वाली मेरी पार्टी सबसे पहली है। जब मोदी जी मुख्यमंत्री थी, तो उन्होंने उपहार में मिलने वाली भेंटों को नीलाम कर बच्चियों की पढ़ाई में खर्च किया।"
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, "कल का दिन संसद के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों से लिखा जाएगा। इसके लिए मैं प्रधानमंत्री को ह्रदय से धन्यवाद देना चाहता हूं। ये जो संशोधन है, जैसे ही दोनों सदन से पारित होगा उसके साथ ही लोकसभा और विधानसभा में एक-तिहाई मातृशक्ति के लिए आरक्षित हो जाएगा। इसलिए अनुच्छेद 239AA, 330A, 332A लाए गए हैं। इसके साथ महिलाओं के अधिकार की लंबी लड़ाई का अंत हो जाएगा। इस विधेयक से नए युग का श्रीगणेश होने जा रहा है।"
राहुल ने कहा, "OBC समुदाय का संस्थानों में क्या प्रतिनिधित्व है। मैने रिसर्च किया तो सामने आया कि सरकार के 90 सचिवों में से केवल 3 OBC समुदाय से हैं। ये जो सचिव हैं, ये सिर्फ 5 प्रतिशत बजट को कंट्रोल करते हैं। अगर हिंदुस्तान का बजट 44 लाख करोड़ का है तो ये 2.47 लाख करोड़ कंट्रोल करते हैं। ये OBC समुदाय का अपमान है। इस विधेयक को आज आप लागू कीजिए। जनगणना और परिसीमन को हटाइए और सीधा 33 प्रतिशत दे दीजिए।" राहुल के संबोधन के दौरान खूब हंगामा भी हुआ।
राहुल ने कहा, "मैं इस विधेयक में OBC आरक्षण देखना चाहता हूं। महिलाओं का एक बड़ा हिस्सा इस विधेयक से गायब है। मुझे 2 और बातें अजीब लगीं। एक तो जनगणना और दूसरा परिसीमन का। मेरा मानना है कि ये विधेयक आज ही लागू किया जाना चाहिए। मुझे लगता है कि ये 7-8 साल बात आगे बढ़ाने की बात है। मैं जानता हूं कि अडाणी मुद्दे से सरकार ध्यान भटकाना चाहती है। ये अच्छा सदन है, लेकिन मैं यहां पर राष्ट्रपति को भी देखना चाहता था। वो एक महिला हैं, जनजाति से हैं और मैं नए सदन में उन्हें देखना चाहता था। सरकार जाति जनगणना से भाग रही है। जब भी विपक्ष ये मुद्दा उठाता है, सरकार कोई नया मुद्दा उठा देती है, ताकि OBC समुदाय का ध्यान भटक जाए।"
राहुल गांधी ने कहा, "कल मैं सुन रहा था तो सेंगोल और सत्ता हस्तांतरण का मुद्दा उठा। ब्रिटिश ने सत्ता सौंपने से पहले पूछा कि हम किसे सत्ता सौंप रहे हैं। हमारा स्वतंत्रता सैनानियों ने इसका जवाब दिया- हम जनता को सत्ता सौंप रहे हैं। ये उस समय क्रांतिकारी विचार था। अभी जनता को शक्ति देने और छीनने की लड़ाई चल रही है। पंचायती राज इस दिशा में बड़ा कदम था। इससे महिलाओं को राजनीति में एंट्री मिली और अब ये एक बड़ा कदम है। मेरा मानना है कि इस सदन में मौजूद सभी लोग मानते हैं कि ये महिलाओं के लिए जरूरी कदम है।"
लोकसभा में RSP सांसद एन के प्रेमचंद्रन ने कहा, "2029 में लागू होने वाले कानून को बनाने के लिए यह विशेष सत्र क्यों? एक विधेयक को लागू करने के लिए एक विशेष सत्र क्यों बुलाया गया, जिसे जनगणना के बाद परिसीमन अभ्यास के बाद ही लागू किया जाएगा। इस विधेयक को लाने में 9.5 साल की देरी का कारण क्या है?"
कपिल सिब्बल ने कहा कि परिसीमन के बिना क्या भाजपा विधेयक पारित कर देगी। उन्होंने कहा, "हम तैयार हैं। जनगणना और परिसीमन की बात तो आपने की है। हम पहले से ही तैयार हैं। हम हमेशा से इसके लिए तैयार थे, चाहे हम सत्ता पक्ष में हो या विपक्ष में। ये इसे इसलिए लागू नहीं कर रहे, क्योंकि इन्हें मालूम है कि यह 2029 में भी नहीं करना। यह तो 2024 के लिए है।"
अमरावती से निर्दलीय सांसद नवनीत राणा ने महिला आरक्षण विधेयक पर विपक्ष को घेरा। उन्होंने कहा, "महिलाओं का इस्तेमाल आजत क केवल मतदान करने के लिए ही किया जाता रहा है। विपक्ष ने कभी भी महिलाओं के बारे में नहीं सोचा, केवल हमारा इस्तेमाल किया गया। आज प्रधानमंत्री मोदी ने हमारे ऊपर विश्वास जताया है।"