राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ लाया गया विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव खारिज हुआ
राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ विपक्ष की ओर से लाया गया अविश्वास प्रस्ताव खारिज हो गया है। राज्यसभा के उप-सभापति हरिवंश ने इसे खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि यह नोटिस विपक्ष का गलत कदम है, जो सिर्फ सभापति की छवि खराब करने के मकसद से लाया गया है। बता दें कि संसद के शाीतकालीन सत्र के दौरान 10 दिसंबर को विपक्षी सांसदों ने सभापति धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था।
विपक्ष क्यों लाया था अविश्वास प्रस्ताव?
विपक्षी पार्टियों का कहना है कि सभापति धनखड़ का रवैया सदन में पक्षपातपूर्ण रहता है। विपक्षी पार्टियों ने अविश्वास प्रस्ताव में आरोप लगाया है कि उन्हें बोलने नहीं दिया जाता और सभापति पक्षपात करते हैं। विपक्ष ने कहा कि 9 दिसंबर को चर्चा के नोटिस खारिज होने के बावजूद ट्रेजरी बेंच के सदस्यों को बोलने का मौका दिया गया, लेकिन जब विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे बोल रहे थे, तो उन्हें रोका गया।
खड़गे ने धनखड़ पर लगाए थे कई आरोप
खड़गे ने कहा था कि राज्यसभा में व्यवधान का सबसे बड़ा कारण सभापति धनखड़ हैं। खड़गे ने सभापति को सरकारी प्रवक्ता बताया और कहा कि 3 सालों में सभापति का आचरण उनके पद के विपरीत रहा है, वे सरकार के कसीदे पढ़ते और खुद को RSS का एकलव्य बताते हैं। खड़गे ने आरोप लगाया था कि जब भी विपक्ष सवाल पूछता है तो मंत्रियों से पहले सभापति खुद सरकार की ढाल बनकर खड़े होते हैं।