लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आपातकाल का जिक्र कर 2 मिनट का मौन रखवाया, विपक्ष बिफरा
संसद में 18वीं लोकसभा के अध्यक्ष के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के उम्मीदवार ओम बिरला को बुधवार को ध्वनिमत से चुन लिया गया। इसके बाद कुर्सी संभालते ही अपने पहले संबोधन में आपातकाल का जिक्र कर बिरला ने विपक्ष को नाराज कर दिया। उन्होंने आपातकाल में जान गंवाने वालों के लिए सदन में 2 मिनट का मौन भी रखवाया। इस दौरान उन्होंने कहा, "सदन 1975 में देश में आपातकाल लगाने के निर्णय की कड़े शब्दों में निंदा करता है।"
कांग्रेस समेत पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को भी निशाने पर लिया
उन्होंने आगे कहा, "हम, उन सभी लोगों की संकल्पशक्ति की सराहना करते हैं, जिन्होंने इमरजेंसी का विरोध किया, अभूतपूर्व संघर्ष किया और लोकतंत्र की रक्षा का दायित्व निभाया। आपातकाल लागू करके नागरिकों के अधिकारों का दमन किया गया।" उन्होंने कहा कि आपातकाल के समय लोगों को जबरन थोपी गई नसबंदी का हमला झेलना पड़ा। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को निशाने पर लेते हुए कहा कि उन्होंने कमिटेड ब्यूरोक्रेसी और ज्यूडिशरी की बात कर लोकतंत्र विरोधी रवैये को पेश किया।
विपक्ष ने किया विरोध
आपाताकाल के खिलाफ प्रस्ताव पेश करते हुए बिरला ने 7 मिनट से अधिक का भाषण पढ़ा। इस दौरान विपक्ष के सांसद "नहीं चलेगा, नहीं चलेगा" के नारे लगाते रहे। बिरला ने भाषण के बाद 2 मिनट का मौन रखवाया, जिसका विपक्ष ने विरोध किया। इस दौरान विपक्ष के नेता बैठकर "शेम-शेम" के नारे लगाते रहे। बता दें, बिरला के खिलाफ विपक्ष के INDIA गठबंधन के के सुरेश को उतारा था। हालांकि, बिरला को ध्वनिमत से विजय घोषित किया गया।