NCP के दोनों गुटों की कल बैठक, शरद बोले- बागी नेता मेरी तस्वीर इस्तेमाल न करें
क्या है खबर?
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) पर अधिकार को लेकर शरद पवार और अजित आमने-सामने हैं। दोनों नेताओं ने कल अपने-अपने गुटों की बैठक बुलाई है। कहा जा रहा है कि ये शक्ति प्रदर्शन और पार्टी पर अधिकार को लेकर अपने दावों को मजबूत करने का प्रयास है।
इस बीच शरद ने बागी नेताओं को चेतावनी देते हुए कहा कि है कि वे बिना इजाजत के उनकी फोटो का इस्तेमाल न करें।
बैठक
किसने कितने बजे बुलाई बैठक?
महाराष्ट्र के नवनियुक्त उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कल सभी विधायकों, जिला अध्यक्षों, पदाधिकारियों और क्षेत्रीय प्रमुखों को सुबह 11 बजे मुंबई के बांद्रा में बुलाया है।
शरद ने भी सभी पार्टी नेताओं को दोपहर 1 बजे यशवंतराव चव्हाण ऑडिटोरियम में बैठक के लिए बुलाया है।
आज ही अजित ने NCP के नए पार्टी कार्यालय का भी उद्घाटन किया। सचिवालय के पास स्थित इस कार्यालय को 'राष्ट्रवादी भवन' नाम दिया गया है।
तस्वीर
शरद ने बागी गुट से तस्वीर इस्तेमाल न करने को कहा
शरद ने आज बागी नेताओं को चेतावनी देते हुए कहा कि वे बगैर इजाजत उनकी तस्वीर का इस्तेमाल नहीं करें।
उन्होंने कहा, "मैं जिस पार्टी का अध्यक्ष हूं और जयंत पाटिल प्रदेश अध्यक्ष हैं, केवल वही पार्टी मेरी तस्वीर का इस्तेमाल कर सकती है। उन्हें (बागियों को) फैसला लेने का अधिकार है कि वे किसकी तस्वीर इस्तेमाल करेंगे। जिन्होंने मेरी विचारधारा को धोखा दिया और जिनके साथ मेरे वैचारिक मतभेद हैं, वे मेरी तस्वीर का इस्तेमाल नहीं कर सकते।''
महाराष्ट्र
पूरे महाराष्ट्र का दौरा करेंगे शरद
शरद ने ऐलान किया है कि वे पार्टी को फिर से खड़ा करने के लिए 8 जुलाई से पूरे महाराष्ट्र का दौरा करेंगे, जिसकी शुरुआत नासिक से होगी।
वे पुणे, सोलापुर, नासिक, बीड और विदर्भ के कुछ हिस्सों का दौरा करेंगे। ये इलाका छगन भुजबल, धनंजय मुंडेम और अन्य बागी विधायकों का निर्वाचन क्षेत्र है।
शरद रायगढ़ और शिवनेरी का दौरा भी कर सकते हैं। पारंपरिक रूप से ये दोनों जगहें NCP का गढ़ रही हैं।
सलाह
कानूनी सलाह भी ले रहे शरद
खबर है कि इस पूरे मसले से निपटने के लिए शरद कानूनी सलाह भी ले रहे हैं। उन्होंने बागी विधायकों के अलावा 3 कार्यकर्ताओं को भी पार्टी से निष्कासित कर दिया है।
शरद खेमे ने विधानसभा स्पीकर से बागी विधायकों की अयोग्य घोषित करने की मांग की है। दूसरी और अजित का कहना है कि उन्हें 40 विधायकों का समर्थन है।
बता दें कि अजित खेमे को अयोग्यता से बचने के लिए 36 विधायकों का समर्थन जरूरी है।