सिद्धू ने लिखा सोनिया गांधी को पत्र, 13 सूत्रीय एजेंडा पेश करने के लिए समय मांगा
क्या है खबर?
पंजाब में कांग्रेस की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं और राहुल गांधी के साथ मुलाकात के बाद 'सब कुछ सुलझने' का दावा करने वाले प्रदेश प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू ने राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखा है।
अपने पत्र में सिद्धू ने 13 सूत्रीय एजेंडा पेश करने के लिए सोनिया से मिलने का समय मांगा है। इसके अलावा इसे सुधार का अंतिम मौका बताते हुए उन्होंने राज्य की 13 बड़ी समस्याएं भी उठाई हैं।
पत्र
सिद्धू ने कहा- पंजाब के पुनरुत्थान और मुक्ति का अंतिम मौका
15 अक्टूबर के अपने पत्र में सिद्धू ने लिखा है कि 17 साल की राजनीतिक सेवा में उन्होंने जन भावनाओं को जितना समझा है, उससे उन्हें लग रहा है कि यह पंजाब के पुनरुत्थान और मुक्ति का आखिरी मौका है।
उन्होंने कहा, "पंजाब लंबे समय तक देश का सबसे संपन्न राज्य रहा है, लेकिन पिछले 25 सालों में वित्तीय अनियमितताओं के चलते ये सबसे अधिक कर्ज वाला राज्य बन गया है। भाजपा शासन में पंजाब की मुसीबतें और बढ़ी हैं।"
मुद्दे
सिद्धू ने उठाए 13 बड़े मुद्दे, कहा- इन पर तत्काल गौर करने की जरूरत
सिद्धू ने कहा कि राज्य के पिछले मुख्यमंत्री को जो 18 सूत्रीय एजेंडा दिया गया था, वो आज भी महत्वपूर्ण है। उन्होंने इनमें से 13 बिंदुओं का अपने पत्र में विस्तार से जिक्र किया है और राज्य सरकार से तत्काल इन पर अमल करने को कहा है।
इनमें पवित्र ग्रंथों के अपमान के मामलों में न्याय, ड्रग्स, कृषि, बिजली, अनुसूचित जाति और पिछड़ी जातियों का कल्याण, रोजगार, महिला सशक्तिकरण और कैबिनेट में बदलाव आदि मुद्दे शामिल हैं।
पत्र का अंत
ये नुकसान को रोकने का आखिरी मौका- सिद्धू
अपने पत्र के अंत में सिद्धू ने कहा है कि ये नुकसान को रोकने का आखिरी मौका है, वर्ना बादल परिवार की छत्रछाया में माफिया राज राज्य को आर्थिक आपातकाल, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और कृषि संकट के दौर में ले जाएगा।
इसके अलावा उन्होंने सोनिया गांधी से मिलने का समय भी मांगा है ताकि वो 13 बिंदुओं का अपना पंजाब मॉडल पेश कर सकें। उन्होंने कहा कि इसके दूरदर्शी लक्ष्यों को लागू करने में लंबा समय लगेगा।
समय
राहुल गांधी से मुलाकात के एक दिन बाद सिद्धू ने लिखा था पत्र
गौरतलब है कि सिद्धू ने ये पत्र राहुल गांधी से मुलाकात के एक दिन बाद लिखा था। इस मुलाकात में सिद्धू पंजाब कांग्रेस प्रमुख के पद से अपनी इस्तीफा वापस लेने को तैयार हो गए थे और मुलाकात के बाद कहा था कि सब कुछ सुलझ गया है।
हालांकि उनके पत्र से साफ है कि सब कुछ सुलझा नहीं है। कैबिनेट में बदलाव की मांग से साफ है कि मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी से उनका झगड़ा खत्म नहीं हुआ है।
आंतरिक कलह
पंजाब कांग्रेस में कई महीनों से कलह जारी
बता दें कि पंजाब कांग्रेस में पिछले काफी समय से आंतरिक कलह चरम पर है और इसने अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी की राह मुश्किल कर दी है।
पहले सिद्धू और कैप्टन अमरिंदर सिंह में झगड़ा हुआ और अमरिंदर के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे के बाद जब लगा कि विवाद सुलझने को है तो नए मुख्यमंत्री चन्नी और सिद्धू में ठन गई।
अध्यक्ष पद से इस्तीफा देकर सिद्धू ने इस संकट को और गहरा कर दिया।