बिहार: उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी में फूट, उपाध्यक्ष समेत कई नेताओं ने दिया इस्तीफा; जानें वजह
क्या है खबर?
बिहार में सरकार बनने के बाद भी राजनीतिक हलचल थमी नहीं है। अब राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में शामिल उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी राष्ट्रीय लोक मोर्चा (RLM) में विवाद सामने आया है। पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जितेंद्र नाथ समेत कई बड़े नेताओं ने एक साथ अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है। इस सामूहिक इस्तीफे ने पार्टी की नेतृत्व को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। आइए इसकी वजह जानते हैं।
वजह
क्या है वजह?
जिन नेताओं ने इस्तीफा दिया है, वे सभी उपेंद्र के बेटे दीपक प्रकाश को मंत्री बनाए जाने से नाराज बताए जा रहे हैं। दरअसल, उपेंद्र की पार्टी ने बिहार विधानसभा चुनाव में 4 सीटें जीती हैं। इसके बाद मंत्रिमंडल में उसे एक मंत्री पद मिला है। उपेंद्र ने इस कोटे से अपने बेटे दीपक को मंत्री बना दिया है। दीपक ने न तो विधानसभा चुनाव लड़ा था और न ही वे विधान परिषद के सदस्य हैं।
नेता
किन-किन नेताओं ने दिया इस्तीफा?
RLM के कम से कम 7 बड़े नेताओं ने इस्तीफा दे दिया है। इनमें पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जितेंद्र नाथ, बिहार प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र कुशवाहा, प्रदेश महासचिव और प्रवक्ता राहुल कुमार, प्रदेश महासचिव और नालंदा प्रभारी राजेश रंजन सिंह, प्रदेश महासचिव और जमुई प्रभारी बिपिन कुमार चौरसिया, प्रदेश महासचिव और लखीसराय प्रभारी प्रमोद यादव और शेखपुरा जिला अध्यक्ष पप्पू मंडल के नाम शामिल हैं। इसके अलावा कुछ और पदाधिकारियों ने भी पार्टी से नाता तोड़ लिया है।
बयान
नेताओं ने क्या आरोप लगाए?
इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए नाथ ने कहा, "मैं 9 साल से कुशवाहा जी के साथ हूं और उनकी राजनीति को अच्छी तरह समझता हूं। जो आदमी कभी खुद को नीतीश कुमार का वारिस समझता था, वह 2020 के चुनाव में एक भी सीट न मिलने के बाद अपनी पार्टी के भविष्य को लेकर पक्का नहीं था। चूंकि उसे अपना कोई भविष्य नहीं दिख रहा है, इसलिए वह अपने परिवार को आगे बढ़ाने के लिए बेचैन लग रहा है।"
आरोप
इस्तीफा देने वाले नेताओं ने कुशवाहा पर ये आरोप भी लगाए
महेंद्र ने उपेंद्र कुशवाहा को 'सामाजवादी राजनीति का गिरा हुआ स्तंभ' बताते हुए कहा कि उपेंद्र अपनी समाजवादी विचारधारा भूल गए हैं और नैतिक मूल्यों की बात कर रहे हैं, लेकिन खुद पालन नहीं कर रहे। वहीं, राहुल ने कहा, "अब उपेंद्र और दूसरे नेताओं में कोई फर्क नहीं है, जिन्होंने सिर्फ अपने परिवार को आगे बढ़ाया है। मेरे जैसे आम कार्यकर्ता के लिए RLM में कोई जगह नहीं है।"
प्लस
न्यूजबाइट्स प्लस
उपेंद्र ने 2013 में राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (RLSP) की स्थापना की थी और 2014 का लोकसभा चुनाव NDA में रहते हुए लड़ा। पार्टी ने 2020 का विधानसभा चुनाव अकेले लड़ा था। हालांकि, RLSP को एक भी सीट नहीं मिली, लेकिन इसने JDU को नुकसान पहुंचाया। इसके बाद 2021 में RLSP का JDU में विलय कर दिया गया। हालांकि, नीतीश द्वारा तेजस्वी यादव को उत्तराधिकारी चुनने की अफवाहों के बाद उपेंद्र ने JDU से किनारा कर 2023 में RLM बनाई।