बिहार में बिना चुनाव लड़े कैसे मंत्री बने उपेंद्र कुशवाहा के बेटे? जानिए क्या हुआ सौदा
क्या है खबर?
बिहार में गुरुवार को नई सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में नीतीश कुमार समेत कई विधायकों ने शपथ ली है, लेकिन इसमें दीपक प्रकाश ऐसे नेता हैं, जिन्होंने बिना चुनाव लड़े शपथ ली है। राज्यसभा सांसद और राष्ट्रीय लोक मोर्चा (RLM) के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा के बेटे दीपक को नीतीश कैबिनेट में मंत्री बनाया गया है। वह जींस-कमीज पहनकर मंच पर पहुंचे थे। क्या कारण है कि कुशवाहा ने बिना चुनाव अपने बेटे को मंत्री बनवाया है? आइए, जानते हैं।
दांव
कुशवाहा ने की डील?
बिहार चुनाव में NDA सहयोगी कुशवाहा की RLM को 6 सीट मिली थी, जिसमें 4 पर जीत दर्ज की है। कुशवाहा की पत्नी स्नेहलता ने सासाराम से चुनाव जीता है। पार्टी में उनको मंत्री पद के लिए नामित किया गया था। इस बीच बुधवार को कुशवाहा ने सीट बंटवारे पर नाराजगी जताते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर एक विधान परिषद सदस्य (MLC) का वादा लिया। इसी का फायदा उठाकर उन्होंने बेटे को मंत्री बना दिया।
सदस्य
बेटे को 6 महीने में बनाना होगा MLC
कुशवाहा ने इस रणनीति से एक तीर से 2 निशाने लगाए हैं, जिसमें अपने 36 वर्षीय बेटे को मंत्री बनाने के साथ MLC की सीट भी पक्की कर ली है। अब दीपक को मंत्री बने रहने के लिए 6 महीने के अंदर विधान परिषद का सदस्य बनना होगा। हालांकि, ये दीपक के लिए काफी आसान होगा। अब कुशवाहा के घर में एक राज्यसभा सांसद, पत्नी विधायक और बेटा मंत्री है, जो परिवारवाद का बड़ा उदाहरण बन गया है।
जानकारी
दीपक को राजनीति का नहीं है कोई अनुभव
दीपक वैशाली में उपेंद्र कुशवाहा की एकल संतान हैं। उन्होंने पटना से पढ़ाई के बाद मणिपाल विश्वविद्यालय से इंजीनियरिंग की है। कुछ समय नौकरी और बिजनेस के बाद वे पिता की पार्टी का काम देख रहे थे। उन्हें कोई राजनीतिक अनुभव नहीं है।
शपथ
NDA के 26 मंत्रियों में जाति सामंजस्य
गांधी मैदान में गुरुवार को कुल 26 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली है, जिसमें भाजपा के 14, जनता दल यूनाइटेड के 8, लोक जनशक्ति पार्टी के 2 और RLM और हिंदुस्तानी अवामी मोर्चा के 1-1 विधायक शामिल हैं। कैबिनेट में पिछड़ा और अति पिछड़ा से 14 विधायक, सामान्य वर्ग से 7 विधायक, दलित वर्ग से 4 विधाय और 1 मुस्लिम विधायक शामिल है। इनमें 3 महिला विधायक भी मंत्री बनाई गई हैं।