लोकसभा में 1976 के बाद पहली बार स्पीकर का हुआ चुनाव, ओम बिरला बने विजेता
18वीं लोकसभा के पहले सत्र के दौरान आज स्पीकर का चुनाव हुआ। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) और विपक्षी गठबंधन INDIA में सहमति नहीं बनने के कारण 1976 के बाद पहली बार इस पद के लिए चुनाव हुआ। NDA के उम्मीदवार ओम बिरला को ध्वनि मत से विजेता घोषित कर दिया गया। वे 17वीं लोकसभा में भी स्पीकर की भूमिका निभा चुके हैं। INDIA गठबंधन ने केरल के मवेलीकारा से 8 बार के सांसद कोडिकुन्निल सुरेश को मैदान में उतारा था।
किसके पास कितना संख्याबल?
543 सदस्यीय लोकसभा में वर्तमान में 542 सांसद हैं, क्योंकि वायनाड से राहुल गांधी ने इस्तीफा दे दिया है। सदन में 293 सांसदों के साथ NDA को स्पष्ट बहुमत है, वहीं INDIA के पास 233 सांसद हैं। 16 सांसद ऐसे हैं, जो न NDA और न INDIA का हिस्सा हैं। इनमें कुछ निर्दलीय भी हैं। चुनाव जीतने के लिए 271 वोटों की जरूरत होती है। हालांकि, वोटिंग की जरुरत नहीं हुई और ध्वनि मत से विजेता घोषित कर दिया गया।
प्रधानमंत्री मोदी ने पेश किया था बिरला के नाम का प्रस्ताव
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुबह 11 बजे बिरला को लोकसभा का स्पीकर बनाने का प्रस्ताव पेश किया था। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया। इसके बाद दूसरे मंत्री और NDA नेताओं ने भी प्रस्ताव पेश किया। तेलुगु देशम पार्टी (TDP) ने अपने 16 सांसदों को स्पीकर चुनाव में NDA के बिरला को वोट देने के लिए व्हिप जारी किया था। खबरें थीं कि 3 निर्दलीय भी NDA उम्मीदवार का समर्थन कर सकते हैं।
1976 के बाद पहली बार हुआ स्पीकर का चुनाव
देश के इतिहास में ऐसा तीसरी बार हुआ, जब स्पीकर को लेकर चुनाव हुआ। 15 मई, 1952 को पहली लोकसभा के स्पीकर का चुनाव हुआ था, जिसमें सत्ता पक्ष के जीवी मावलंकर ने जीत दर्ज की थी। दूसरी बार स्पीकर का चुनाव 1976 में हुआ था। इसमें कांग्रेस सांसद बी आर भगत की जीत हुई थी। भगत के पक्ष में 344, जबकि उनके विपक्षी उम्मीदवार जगन्नाथ राव जोशी को 58 वोट मिले थे।
बिरला के नाम हुआ ये रिकॉर्ड
राजस्थान के कोटा से सांसद बिरला 2019 से 2024 तक स्पीकर रह चुके हैं। इस बार वे जीतकर दोबारा स्पीकर बनने वाले पहले भाजपा सांसद बने हैं। अगर वे अपना कार्यकाल पूरा कर लेते हैं तो कांग्रेस के बलराम जाखड़ के रिकॉर्ड की बराबरी भी कर लेंगे। जाखड़ 1980 से 1985 और 1985 से 1989 तक लगातार 2 बार लोकसभा अध्यक्ष रह चुके हैं और उन्होंने अपने दोनों कार्यकाल पूरे किए थे।
राहुल गांधी ने की ममता बनर्जी से बात
चुनाव से पहले राहुल ने तृणमूल कांग्रेस (TMC) की मुखिया और बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से फोन पर बात की। दरअसल, TMC ने के सुरेश को उम्मीदवार बनाए जाने पर आपत्ति जाहिर की है। TMC का कहना है कि ऐसे फैसले लेने से पहले सभी सहयोगियों से बातचीत की जानी चाहिए। इसके बाद राहुल ने व्यक्तिगत रूप से अभिषेक बनर्जी से संसद में बात की और बाद में ममता को फोन किया।