कर्नाटक में सियासी हलचल तेज, सिद्धारमैया के करीबी से शिवकुमार की 'गुप्त मुलाकात' ने बढ़ाई अटकलें
क्या है खबर?
कर्नाटक की कांग्रेस सरकार में मुख्यमंत्री बदलने की अटकलों के बीच गुप्त बैठकों और बयानों ने हलचल बढ़ा दी है। बीती रात उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के करीबी सतीश जारकीहोली से मुलाकात की है। इसके बाद नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों को और बल मिल गया है। सतीश को मुख्यमंत्री सिद्धारमैया का बेहद करीबी और राजनीतिक उत्तराधिकारी माना जाता है। ऐसे में शिवकुमार से उनकी मुलाकात को बेहद अहम माना जा रहा है।
रिपोर्ट
दोनों नेताओं में क्या हुई चर्चा?
न्यूज18 के मुताबिक, शिवकुमार और सतीश बीती रात एक अज्ञात स्थान पर गए और कई घंटों तक मुलाकात की। उनके करीबी सहयोगियों के अनुसार, सतीश ने कहा कि वह शिवकुमार के साथ अपने मतभेदों को दूर करने की कोशिश कर रहे थे। वहीं, शिवकुमार के करीबी सूत्रों ने कहा, "बातचीत सिद्धारमैया से आगे देखने के लिए पार्टी को तैयार करने पर केंद्रित थी, जो राजनीति से सेवानिवृत्ति की ओर देख रहे हैं।"
बयान
शिवकुमार बोले- ये कुछ लोगों के बीच गुप्त समझौता है
शिवकुमार ने बीते दिन पत्रकारों से बात करते हुए कहा, "मैं मुख्यमंत्री बदलाव पर सार्वजनिक रूप से कुछ नहीं कहूंगा। यह हम 4-5 लोगों के बीच का गुप्त समझौता है।" शिवकुमार ने दावा किया कि 2023 के कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की भारी जीत के तुरंत बाद ये समझौता हुआ था। उन्होंने कहा कि यह समझौता गोपनीय था और इसके बारे में 5-6 नेता ही जानते हैं, जो वहां मौजूद थे।
सिद्धारमैया का बयान
सिद्धारमैया बोले- आलाकमान लेगा फैसला
विवाद के बीच मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि पार्टी आलाकमान को इस पूरे भ्रम पर अंतिम फैसला लेना चाहिए, ताकि यह मुद्दा खत्म हो सके। उन्होंने कहा, "आलाकमान तय करेगा कि मुझे मुख्यमंत्री पद पर बने रहना है या नहीं। अगर पार्टी नेतृत्व कहेगा कि मुझे जारी रखना है तो मैं जारी रखूंगा। अंतिम फैसला आलाकमान का होगा। मुझे भी और शिवकुमार को भी उस फैसले को मानना ही पड़ेगा।"
दिल्ली
शिवकुमार खेमे के विधायकों ने दिल्ली में डाला था डेरा
23 नवंबर को शिवकुमार खेमे के कुछ विधायकों ने दिल्ली में डेरा डाला था। इन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात की थी और शिवकुमार को मुख्यमंत्री बनाने की मांग की थी। हालांकि, शिवकुमार ने कहा था कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है। इसके बाद खड़गे बेंगलुरु गए और उन्होंने शिवकुमार और सिद्धारमैया दोनों से मुलाकात की। सिद्धारमेया मुख्यमंत्री पद छोड़ने की बजाय मंत्रिमंडल में फेरबदल पर जोर दे रहे हैं।
विवाद
कर्नाटक में मुख्यमंत्री पद को लेकर क्या है विवाद?
कहा जाता है कि कर्नाटक में मुख्यमंत्री पद को लेकर शिवकुमार और सिद्धारमैया के बीच आलाकमान ने ढाई-ढाई साल का फार्मूला तय किया था। कथित तौर पर शिवकुमार से वादा किया गया था कि ढाई साल बाद उन्हें मुख्यमंत्री बनाया जाएगा। 20 नवंबर को सरकार को ढाई साल हो गए हैं। ऐसे में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलें तेज हो गई हैं। इससे पहले भी कई बार शिवकुमार समर्थक ऐसी मांग करते रहे हैं।