कर्नाटक कांग्रेस में घमासान: शिवकुमार खेमे के विधायक दिल्ली आए, खड़गे बेंगलुरु पहुंचे; क्या-क्या हुआ?
क्या है खबर?
कर्नाटक की कांग्रेस सरकार में घमासान की खबरें हैं। मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर डीके शिवकुमार और सिद्धारमैया खेमे की खींचतान फिर तेज हो गई है। मामला दिल्ली तक पहुंच गया है। ये सारे घटनाक्रम ऐसे वक्त हो रहे हैं, जब कर्नाटक में कांग्रेस सरकार को ढाई साल हो गए हैं। सरकार गठन के वक्त कथित तौर पर आलाकमान ने शिवकुमार से वादा किया था कि ढाई साल बाद उन्हें मुख्यमंत्री बनाया जाएगा।
पोस्ट
शिवकुमार के सोशल मीडिया पोस्ट ने बढ़ाई चर्चाएं
शिवकुमार ने सोशल मीडिया पर लिखा, "हमने संगठन के लिए काम करने वाले कार्यकर्ताओं को सशक्त बनाया है। कांग्रेस निश्चित रूप से राज्य में फिर से सत्ता में आएगी। जहां मेहनत है, वहां फल है, जहां भक्ति है, वहां भगवान हैं। हमने NSUI, यूथ कांग्रेस और महिला कांग्रेस के अध्यक्ष के तौर पर काम करने वालों को मौका दिया है।' शिवकुमार की मेहनत के फल वाली बात के कई मतलब निकाले जा रहे हैं।
दिल्ली
शिवकुमार खेमे के कई विधायक दिल्ली पहुंचे
बीते कुछ दिनों से शिवकुमार के करीबी माना जाने वाले कई विधायकों ने दिल्ली में डेरा डाल रखा है। इन विधायकों ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात की है। बीती रात भी शिवकुमार के करीबी माने जाने वाले 3 विधायक और एक मंत्री ने खड़गे से मुलाकात की। विधायकों के दौरे से राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों को और बल मिल गया है। खबर है कि खड़गे बेंगलुरु रवाना हो गए हैं।
सिद्धारमैया का बयान
सिद्धारमैया बोले- पूरे कार्यकाल तक कुर्सी पर रहूंगा
मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों को सिरे से खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा, "'नवंबर क्रांति' जैसी बातें महज मीडिया की उपज हैं। यह आप लोगों (पत्रकारों) ने गढ़ा है। कोई क्रांति नहीं, कोई भ्रांति नहीं। हमें 5 साल का जनादेश मिला है और हम पूरा कार्यकाल पूरा करेंगे। आलाकमान को मैंने सिर्फ यह सुझाव दिया था कि ढाई साल बाद कैबिनेट फेरबदल पर विचार किया जा सकता है। इसी के बाद सत्ता साझेदारी की चर्चाएं उभरने लगीं।"
शिवकुमार का बयान
शिवकुमार ने कहा- सभी 140 विधायक मेरे
शिवकुमार ने कहा, "गुटबाजी मेरे खून में नहीं है। सभी 140 विधायक मेरे विधायक हैं। मुख्यमंत्री ने तय किया कि वह मंत्रिमंडल में फेरबदल करेंगे। वे सभी मंत्री बनना चाहते हैं, इसलिए दिल्ली जाकर नेताओं से मिले। मैं किसी को नहीं ले गया। इनमें से कुछ खड़गे साहब से मिले, मुख्यमंत्री से भी मिले। किसी ने उन्हें बुलाया नहीं है। वे अपनी मौजूदगी दिखाना चाहते थे कि वे सबसे आगे हैं, काम कर सकते हैं और उन्हें जिम्मेदारी चाहिए।"
संगठन
कांग्रेस ने विधायकों को गैरजरूरी बयानबाजी रोकने की चेतावनी दी
कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, "मैंने सिद्धारमैया और शिवकुमार के साथ चर्चा की। दोनों इस बात पर सहमत हैं कि पराजित और गुटबाजी से ग्रस्त कर्नाटक भाजपा मीडिया के एक वर्ग के साथ मिलकर सरकार के खिलाफ दुर्भावनापूर्ण अभियान चला रही है। कुछ कांग्रेस नेताओं और विधायकों के अनावश्यक बयानों ने इन अटकलों को हवा दी है। पार्टी ने उन्हें नेतृत्व के मुद्दों पर सार्वजनिक टिप्पणी करने या एजेंडे में फंसने के खिलाफ कड़ी चेतावनी दी है।"
विवाद
नेतृत्व परिवर्तन पर पहले भी होते रहे हैं विवाद
ये पहली बार नहीं है, जब कर्नाटक में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलें सामने आई हैं। जुलाई में कांग्रेस विधायक एचए इकबाल हुसैन ने दावा किया कि शिवकुमार 2-3 महीने में मुख्यमंत्री बन सकते हैं। इस पर विवाद हुआ तो शिवकुमार ने कहा कि उनके पास सिद्धारमैया के साथ खड़े होने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। तब कर्नाटक प्रभारी और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा था कि नेतृत्व परिवर्तन की कोई योजना नहीं है।