कर्नाटक: भाजपा विधायक का अजान पर विवादित बयान, पूछा- क्या अल्लाह बहरे हैं?
कर्नाटक के भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री केएस ईश्वरप्पा ने अजान को लेकर विवादित बयान दिया है, जिसके बाद राज्य की सियासत गरमा गई है। उन्होंने एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि क्या अल्लाह बहरे हैं, जो उन्हें बुलाने के लिए लाउडस्पीकर का इस्तेमाल करने की जरूरत पड़ती है। ईश्वरप्पा ने आगे कहा कि लाउडस्पीकर पर अजान को लेकर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आना बाकी है और इस पर आज नहीं तो कल रोक लगा दी जाएगी।
अजान सुनकर मेरे सिर में होता है दर्द- भाजपा विधायक
ईश्वरप्पा ने कहा, "अजान सुनकर मेरे सिर में दर्द होता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी धर्मों का सम्मान करने के लिए कहा है, लेकिन क्या अल्लाह केवल तभी सुन सकते हैं जब आप किसी माइक पर चिल्लाते हैं?" उन्होंने आगे कहा, "हिंदू भी मंदिरों में भजन और प्रार्थना करते हैं। यदि आप कहेंगे कि अल्लाह केवल तभी सुनता है जब आप माइक का इस्तेमाल करते हैं तो क्या वह बहरे हैं? इस मामले को सुलझाया जाना चाहिए।"
विधायक बोले- भारत में होती है सभी धर्मों की रक्षा
ईश्वरप्पा ने आगे कहा, "मंदिरों में हिंदू लड़कियां और महिलाएं प्रार्थना और भजन करती हैं। हम भी धार्मिक हैं, लेकिन हम लाउडस्पीकर का इस्तेमाल नहीं करते हैं। भारत अकेला ऐसा देश है, जहां पर सभी धर्मों की रक्षा होती है।" गौरतलब है कि राज्यों के मुस्लिम संगठनों ने 22 मार्च से शुरू हो रहे रमजान के दौरान सुबह अजान के लिए लाउडस्पीकर का इस्तेमाल करने की अनुमति की मांग की है।
पहले भी विवादों में रह चुके हैं ईश्वरप्पा
बता दें कि 2012 से 2013 के बीच कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री रहे केएस ईश्वरप्पा पहले भी कई विवादों में रह चुके हैं। उन्होंने पिछले साल मैसूर के शासक टीपू सुल्तान को एक मुसलमान गुंडा कहकर संबोधित किया था, जिसके बाद काफी विवाद हुआ था। पिछले साल ही एक ठेकेदार के खुदकुशी करने के मामले में ईश्वरप्पा को मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। ठेकेदार ने अपने सुसाइड नोट में ईश्वरप्पा पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था।
कर्नाटक में अगले महीने होने हैं विधानसभा चुनाव
कर्नाटक में इस साल अप्रैल या मई में विधानसभा चुनाव होने हैं। ईश्वरप्पा के बयान का असर आने वाले दिनों में देखने को मिल सकता है और इससे राज्य की सियासत गरमा सकती है। गौरतलब है कि कर्नाटक हाई कोर्ट ने पिछले साल लाउडस्पीकर पर अजान पर रोक की मांग करने वाली याचिका को खारिज कर दिया था। कोर्ट ने कहा था कि लाउडस्पीकर पर अजान देने से अन्य धर्मों के लोगों के मौलिक अधिकार का उल्लंघन नहीं होता है।