झारखंड: क्या हेमंत सोरेन अपनी पत्नी को मुख्यमंत्री बनाने की तैयारी में? जानें क्यों लगे कयास
क्या है खबर?
झारखंड में नए साल के साथ ही सियासी उथल-पुथल शुरू हो गई है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) की कार्रवाई के कारण झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
इस बीच झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के एक विधायक ने निजी कारणों का हवाला देते हुए विधानसभा से इस्तीफा दे दिया है।
इस इस्तीफे के बाद झारखंड के गोड्डा से भाजपा सांसद निशिकांत दुबे का दावा है कि सोरेन की पत्नी कल्पना सत्ता की बागडोर संभालेंगी।
इस्तीफा
किस विधायक ने दिया इस्तीफा?
गांडेय से JMM के विधायक सरफराज अहमद ने विधायकी से इस्तीफा दिया है।
अहमद ने NDTV से कहा कि उन्होंने कड़वाहट के कारण नहीं, बल्कि पार्टी, गठबंधन और अपने नेता मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को मजबूत करने के लिए इस्तीफा दिया है।
बता दें कि अहमद ने इस्तीफा तब दिया, जब 2 दिन पहले ही ED ने जमीन घोटाले मामले में हेमंत सोरेन को 7वीं और अंतिम बार समन भेजा है।
योजना
विधायक के इस्तीफे और सोरेन की पत्नी के मुख्यमंत्री बनने का क्या संबंध?
दरअसल, खबरें हैं कि सोरेन ED की संभावित कार्रवाई के लिए तैयार हैं, लेकिन वह सरकार चलाने के लिए वैकल्पिक रास्ता भी तलाश रहे हैं।
NDTV ने सूत्रों के हवाले से कहा कि सोरेन अपनी पत्नी कल्पना को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलवा सकते हैं और इसलिए अहमद ने इस्तीफा देकर गांडेय सीट से इस्तीफा दिया है।
हालांकि, राजनीतिक गलियारे में यह भी चर्चा है कि अहमद पार्टी से नाराज चल रहे हैं, इसलिए विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दिया।
भाजपा का दावा
भाजपा सांसद ने क्या दावा किया?
भाजपा सांसद दुबे ने दावा किया, "झारखंड के विधायक अहमद ने विधानसभा से इस्तीफा दिया, इस्तीफा स्वीकार हुआ। हेमंत मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देंगे, झारखंड की अगली मुख्यमंत्री उनकी पत्नी कल्पना सोरेन होंगी। नया साल सोरेन परिवार के लिए कष्टदायक।"
उन्होंने कहा, "झारखंड के राज्यपाल को इस मामले में कानूनी सलाह लेनी चाहिए। झारखंड विधानसभा का गठन 27 दिसंबर, 2019 को हुआ। अहमद का इस्तीफा 31 दिसंबर को हुआ। 1 साल से कम समय में चुनाव नहीं हो सकता।"
कारण
दुबे ने क्यों कहा मुख्यमंत्री नहीं बन सकतीं सोरेन की पत्नी?
दुबे ने एक फैसले का हवाला देते हुए कहा कि कल्पना विधायक नहीं बन सकतीं, इसलिए मुख्यमंत्री नहीं बन सकती।
दुबे ने कहा, 'बॉम्बे हाई कोर्ट के निर्णय के अनुसार, अब गांडेय में चुनाव नहीं हो सकता। काटोल विधानसभा जब महाराष्ट्र में खाली हुआ था तब विधानसभा का कार्यकाल 1 साल 50 दिन खाली था। राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन, यदि कल्पना सोरेन कहीं से विधायक नहीं बन सकती हैं तो मुख्यमंत्री कैसे बनेंगी?'
मामला
किस मामले में फंसे हैं हेमंत सोरेन?
दरअसल, ED झारखंड की राजधानी रांची में भारतीय सेना की भूमि की बिक्री समेत कई अन्य मामलों की जांच कर रही है।
मामले में रांची के पूर्व उपायुक्त रंजन और कोलकाता के कारोबारी विष्णु अग्रवाल सहित 13 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। अब मुख्यमंत्री सोरेन जांच एजेंसी के रडार पर हैं।
रांची में जुलाई, 2020 से लेकर जुलाई, 2022 के बीच उपायुक्त रहते हुए IAS छवि रंजन ने नियमों के विपरीत कई भूमि सौदे किए थे।
न्यूजबाइट्स प्लस
न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)
झारखंड का विधानसभा कार्यकाल जनवरी, 2025 में समाप्त हो रहा है। ऐसे में यहां 2024 में ही चुनाव कराए जाएंगे। 81 विधानसभा सीटों वाले इस राज्य में बहुमत का आंकड़ा 41 है।
2019 के विधानसभा चुनावों में संयुक्त प्रगतशील गठबंधन (UPA) को कुल 47 सीटों पर जीत मिली थी, जिसमें से 30 JMM, 16 कांग्रेस और एक सीट राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने जीती थी।
NDA से भाजपा ने अकेले 25 सीटों ओर जीत दर्ज की थी।