गुलाब नबी आजाद ने अपनी आत्मकथा में कांग्रेस पर साधा निशाना, प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ की
क्या है खबर?
कांग्रेस के पूर्व नेता और डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (DPAP) के अध्यक्ष गुलाम नबी आजाद ने अपनी किताब 'आजाद' में कई खुलासे किए हैं।
आजाद ने अपनी किताब में अपने 55 साल के राजनीतिक सफर के उतार-चढ़ाव समेत कई घटनाओं का जिक्र किया है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की है।
इसके अलावा उन्होंने अपनी आत्मकथा में कांग्रेस नेतृत्व के कई फैसलों पर सवाल उठाए हैं। आइए जानते हैं उन्होंने क्या-क्या कहा है।
तारीफ
किताब में प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, किताब में आजाद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की है। आजाद ने अपनी किताब में राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष के रूप में अपने कार्यकाल के बारे में भी लिखा है।
उन्होंने कहा कि इस दौर उन्हें प्रधानमंत्री मोदी को अंदर और बाहर से समझने का मौका मिला और विपक्षी होने के बावजूद उनके साथ कभी बदले की भावना से कोई काम नहीं किया।
कांग्रेस
कांग्रेस नेतृत्व पर खड़े किये सवाल
गांधी परिवार के वफादार रहे गुलाब नबी ने अपनी किताब में लिखा है कि अब कांग्रेस में बस नियुक्तियां कर दी जाती है और चुनाव प्रक्रिया की परंपरा छूट गई है। गांधी परिवार के नेतृत्व पर सवाल खड़े करते हुए आजाद ने लिखा कि पार्टी के एक-दो नेताओं के पास ही जिम्मेदारी है।
इंदिरा गांधी के दौर को याद करते हुए वह लिखते हैं कि उन्हें युवा कांग्रेस का नेतृत्व सौंपा गया था और तब पार्टी में लोकतंत्र मौजूद था।
अनुच्छेद 370
अनुच्छेद 370 के बहाने जयराम रमेश पर साधा निशाना
आजाद ने अपनी किताब में 2019 में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 खत्म किये जाने का भी जिक्र किया है। उन्होंने इस मामले में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश पर सीधे हमला किया है।
आजाद ने कहा कि जब राज्यसभा में अनुच्छेद 370 हटाने का ऐलान हो रहा था, तब कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी पार्टियों के नेता इस फैसले के खिलाफ धरने पर बैठ गए थे, लेकिन जयराम अपनी सीट से उठे तक नहीं थे।
प्रकरण
सरमा की बगावत के जरिए साधा राहुल पर निशाना
आजाद ने अपनी आत्मकथा में हेमंत बिस्वा सरमा समेत कुछ अन्य प्रकरणों का भी जिक्र किया है।
उन्होंने लिखा कि राहुल गांधी को जब बताया गया कि असम में कभी कांग्रेस के प्रमुख नेता रहे सरमा को बहुसंख्यक विधायकों का समर्थन हासिल है और वह बगावत करने के साथ ही पार्टी छोड़ सकते हैं तो राहुल ने कहा कि उन्हें जाने दीजिए।
उन्होंने कहा कि सोनिया ने कांग्रेस अध्यक्ष रहते हुए इस मामले को सही से नहीं संभाला।
मायने
मोदी की तारीफ के क्या हैं मायने?
राजनीतिक विश्लेषक पूर्व कांग्रेस नेता आजाद की किताब में कांग्रेस की आलोचना और प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ के कई मायने निकाल रहे हैं।
उनका कहना है कि जम्मू-कश्मीर में चुनाव होने वाले हैं और यह आजाद के लिए सक्रिय राजनीति में लौटने का सुनहरा मौका है। माना जा रहा है कि वह इसी कारण केंद्र की मोदी सरकार से अपनी नजदीकियां बढ़ा रहे हैं।
हालांकि, आजाद का भविष्य जम्मू-कश्मीर चुनाव में उनकी नवगठित पार्टी के प्रदर्शन पर निर्भर करेगा।
इस्तीफा
आजाद ने पिछले साल अगस्त में कांंग्रेस से दिया था इस्तीफा
आजाद ने पिछले साल 26 अगस्त को राहुल और कांग्रेस आलाकमान के खिलाफ नाराजगी जताते हुए पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने जम्मू-कश्मीर में सिंतबर में DPAP का गठन किया था।
आजाद कांग्रेस में लंबे वक्त तक दिग्गज नेता रहे हैं। उन्होंने इंदिरा, राजीव, सोनिया और राहुल सभी के साथ पार्टी में काम किया है।
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री रहने के साथ ही वह लंबे वक्त तक कांग्रेस पार्टी के राज्यसभा सांसद और नेता विपक्ष भी रहे।