चुनाव आयोग ने भाजपा नेता राहुल सिन्हा के प्रचार करने पर लगाई 48 घंटे की रोक
क्या है खबर?
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बाद अब चुनाव आयोग ने एक भाजपा नेता के चुनाव प्रचार करने पर भी रोक लगा दी है। आयोग ने केंद्रीय बलों को उकसाने वाले एक भड़काऊ भाषण के लिए राहुल सिन्हा के प्रचार करने पर 48 घंटे का प्रतिबंध लगा दिया है।
सीतलकुची में केंद्रीय बलों की फायरिंग में चार लोगों की मौत के बाद सिन्हा ने कहा था कि उन्हें चार नहीं बल्कि आठ लोगों को गोली मारनी चाहिए थी।
विवादित बयान
राहुल सिन्हा ने क्या कहा था?
हबरा सीट से भाजपा प्रत्याशी राहुल सिन्हा ने सीतलकुची हिंसा पर प्रतिक्रिया देते हुए अपनी एक रैली में कहा था, "सीतलकुची में चार नहीं, आठ लोगों को गोली मारी जानी चाहिए थी। केंद्रीय सुरक्षा बलों ने चार लोगों को इसलिए गोली मारी क्योंकि एक मतदान केंद्र पर भाजपा का समर्थन कर रहे एक 18 साल के लड़के को गोली मार दी गई थी।"
उन्होंने कहा था कि ऐसी घटना फिर से होती है तो केंद्रीय बल ऐसा ही जवाब देंगे।
शिकायत
TMC ने की थी राहुल सिन्हा और दिलीप घोष की शिकायत
ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने इस बयान के लिए चुनाव आयोग से राहुल सिन्हा की शिकायत करते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी।
TMC ने बंगाल भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष के खिलाफ भी शिकायत की थी। घोष ने एक रैली में कहा था कि पांचवें दौर में भी सीतलकुची जैसी घटना हो सकती है।
उन्होंने कहा था कि अगर शरारती लड़के नहीं मानते हैं तो कूच बिहार जैसी घटना फिर से हो सकती है।
पृष्ठभूमि
सीतलकुची में क्या हुआ था?
शनिवार सुबह बंगाल में चौथे चरण की वोटिंग के दौरान कूच बिहार की सीतलकुची सीट के बूथ नंबर 126 पर CISF के जवानों ने भीड़ पर फायरिंग कर दी थी जिसमें चार लोग मारे गए थे और एक व्यक्ति घायल हुआ था।
चुनाव आयोग के विशेष पुलिस पर्यवेक्षक विवेक दुबे ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि करीब 350-400 लोगों की भीड़ ने जवानों को घेरकर उनके हथियार छीनने की कोशिश की थी जिसके बाद उन्होंने आत्मरक्षा में गोली चलाई।
अन्य फैसला
कल ममता बनर्जी के प्रचार करने पर लगाई गई थी रोक
बता दें कि चुनाव आयोग ने कल ममता बनर्जी के प्रचार करने पर भी 24 घंटे की रोक लगाई थी। लोगों को केंद्रीय बलों के खिलाफ बगावत के लिए उकसाने और धार्मिक आधार पर वोट मांगने के लिए ममता पर ये रोक लगाई गई थी।
अपने भाषणों में ममता ने माता-बहनों को वोट करने से रोकने पर केंद्रीय पुलिस के खिलाफ बगावत करने और मुस्लिमों से अपने वोटों को बंटवारा न करने की अपील की थी।
चुनाव
बंगाल में हुई चार चरण की वोटिंग, चार और बाकी
294 सीटों वाले पश्चिम बंगाल में चार चरण की वोटिंग हो चुकी है और चार चरण की वोटिंग बाकी रह गई है। 10 अप्रैल को राज्य की 44 सीटों पर चौथे चरण की वोटिंग हुई और इसमें 76.16 प्रतिशत लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया।
राज्य में अब 17 अप्रैल, 22 अप्रैल, 26 अप्रैल और 29 अप्रैल को वोटिंग होगी। नतीजे अन्य चार राज्यों के साथ 2 मई को आएंगे।