नई शराब नीति: मनीष सिसोदिया के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज कर सकती है ED
प्रवर्तन निदेशालय (ED) नई शराब नीति से संबंधित मामले में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज कर सकती है। शराब नीति के निर्माण और इसे लागू करने में कथित अनियमितता और भ्रष्टाचार के लिए उनके खिलाफ ये मामला दर्ज किया जा सकता है। ये जानकारी ऐसे समय पर सामने आई है जब आज ही केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने सिसोदिया के खिलाफ FIR और अन्य जरूरी दस्तावेजों की कॉपी ED को सौंपी है।
किस मामले में FIR दर्ज कर सकती हैं ED?
CBI की FIR में आरोप लगाया गया कि शराब के कारोबार में शामिल इंडोस्पिरिट के मालिक समीर महेंद्रु ने मनीष सिसोदिया के करीबी सहयोगियों को कम से कम दो बार करोड़ों में पैसे ट्रांसफर किए थे। ED इसी संबंध में सिसोदिया के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज कर सकती है। सिसोदिया इन आरोपों को खारिज कर चुके हैं और उनका कहना है कि उन्हें सिर्फ इसलिए निशाना बनाया जा रहा है क्योंकि वह अरविंद केजरीवाल के करीबी हैं।
CBI ने शुक्रवार को मारा था सिसोदिया के घर पर छापा
बता दें कि नई शराब नीति में अनियमितता के मामले में CBI ने सिसोदिया समेत 15 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की है और शुक्रवार को सिसोदिया के घर पर छापा मारा था। CBI ने आज उनके और 13 अन्य आरोपियों के खिलाफ लुकआउट नोटिस भी जारी किया है। सिसोदिया का आरोप है कि उनके विदेश जाने पर भी रोक लगा दी गई है। उन्होंने कहा कि 14 घंटे के छापे में उनके खिलाफ कुछ नहीं मिला था।
सिसोदिया पर क्या आरोप हैं?
सिसोदिया पर कमीशन लेकर शराब की दुकानों का लाइसेंस लेने वालों को अनुचित फायदा पहुंचाने का आरोप है। उन पर विदेशी शराब की कीमत में बदलाव करने और बीयर से आयात शुल्क हटाने का आरोप है जिसके कारण विदेशी शराब और बीयर सस्ती हो गईं और राजकोष को नुकसान हुआ। सिसोदिया पर उपराज्यपाल की मंजूरी लिए बिना कोविड महामारी का हवाला देकर 144.36 करोड़ रुपये की निविदा लाइसेंस फीस माफ करने का आरोप भी है।
उपराज्यपाल की सिफारिश पर मामले की जांच कर रही है CBI
दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार ने 8 जुलाई को सिसोदिया, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना को भेजी गई अपनी रिपोर्ट में ये आरोप लगाए थे। इस रिपोर्ट के बाद उपराज्यपाल ने मामले की CBI जांच की सिफारिश की और भ्रष्टाचार के लिए सिसोदिया को जिम्मेदार ठहराया। मुख्य सचिव कुमार की सिफारिश पर दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) भी मामले की जांच कर रही है।
न्यूजबाइट्स प्लस
अपना राजस्व बढ़ाने और शराब माफिया और नकली शराब पर अंकुश लगाने के लिए दिल्ली सरकार पिछले साल नई शराब नीति लेकर आई थी। इसके जरिए सरकार ने अपनी सभी ठेके बंद कर दिए थे और शहर में केवल शराब के निजी ठेके और दुकानें रह गई थीं। इन दुकानों के लिए दोबारा से नए लाइसेंस जारी किए गए थे। इसके अलावा सरकार ने उन्हें डिस्काउंट पर शराब बेचने की अनुमति भी दी थी।