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'ऑपरेशन सिंदूर' पर बहस: सरकार के मंत्रियों ने विपक्ष के सवालों का कैसे दिया जवाब?
'ऑपरेशन सिंदूर' पर बहस के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्ष के सवालों का दिया तीखा जवाब

'ऑपरेशन सिंदूर' पर बहस: सरकार के मंत्रियों ने विपक्ष के सवालों का कैसे दिया जवाब?

Jul 29, 2025
04:26 pm

क्या है खबर?

संसद के मानसून सत्र में इस समय 'ऑपरेशन सिंदूर' पर बहस चल रही है। विपक्ष ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद सुरक्षा में चूक, आतंकवादियों के फरार होने, कूटनीतिक विफलता, ऑपरेशन के दौरान हुए नुकसान और संघर्ष विराम को लेकर सरकार को घेरने का प्रयास किया। हालांकि, सरकार के जिम्मेदार मंत्रियों ने इन सभी सवालों और आरोपों का सिरे से खंडन कर दिया। आइए जानते हैं मंत्रियों ने विपक्ष के तीखे सवालों का किस तरह से जवाब दिया है।

सुरक्षा

सुरक्षा में चूक के सवाल का गृह मंत्री शाह ने दिया तीखा जवाब

विपक्ष ने पहलगाम हमले के लिए सुरक्षा में चूक और खुफिया एजेंसियों की विफलता को जिम्मेदार ठहराया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इसका जवाब देते हुए कहा, "पहलगाम हमले की जिम्मेदारी सरकार लेती है, लेकिन कांग्रेस ने अपने शासन में हुए हमलों पर क्या किया।" उन्होंने बाटला हाउस मुठभेड़ का हवाला देते हुए कहा, "6 साल में 25 बड़े हमले हुए, जिनमें लगभग 1,000 लोग मारे गए। हालांकि, केंद्र की तत्कालीन मनमोहन सिंह सरकार ने कुछ नहीं किया।"

आरोप

शाह ने कांग्रेस पर लगाया POTA अधिनियम रद्द करने का आरोप

शाह ने कहा, "साल 2002 में अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली NDA सरकार आतंकवाद निरोधक अधिनियम, 2002 (POTA) लेकर आई थी। कांग्रेस ने 2004 में सत्ता में आने के बाद POTA कानून को रद्द कर दिया।" उन्होंने पाकिस्तान से युद्ध न करने के सवाल पर कहा, "आज, PoK केवल जवाहरलाल नेहरू की वजह से मौजूद है। 1960 और 1971 में PoK वापस ले लिया होता तो हमें आतंकी शिविरों पर हमले नहीं करने पड़ते। पाकिस्तान कांग्रेस की भूल है।"

आतंकवादी

आतंकवादियों के फरार होने के सवाल पर शाह ने का करारा जवाब

शाह ने कहा, "विपक्ष पूछ रहा है कि पहलगाम के आतंकवादी कहां गए। मैं बताना चाहता हूं कि आपके कार्यकाल के दौरान छिपे हुए आतंकियों को आज ढूंढ-ढूंढ कर मारा जा रहा है। हमारी सेना ने 7 मई को 24 मिनट में 100 आतंकियों को मारकर उनके 9 ठिकानों को ध्वस्त कर दिया। यह मनमोहन सिंह की सरकार नहीं है।" उन्होंने कहा, "हमने पहलगाम हमले में शामिल 3 आतंकियों को 'ऑपरेशन महादेव' के तहत मौत के घाट उतार दिया है।"

नुकसान

'ऑपरेशन सिंदूर' में भारत के नुकसान पर राजनाथ सिंह का जवाब

विपक्ष ने सरकार पर 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान भारतीय सेना को हुए नुकसान को छिपाने का भी आरोप लगाया है। सोमवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इसका जवाब देते हुए कहा, "हमारी वायु रक्षा प्रणाली ने पाकिस्तान के सभी हमलों को पूरी तरह विफल कर दिया। पाकिस्तान हमारे किसी भी लक्ष्य को नहीं भेद सका। हमारे किसी जवान और किसी भी महत्वपूर्ण संपत्ति को नुकसान नहीं पहुंचा है। हमारी सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह से अभेद्य रही थी।"

जानकारी

रक्षा मंत्री ने विपक्ष पर साधा निशाना

रक्षा मंत्री ने कहा, "विपक्ष ने पूछा कि पाकिस्तान के साथ संघर्ष में हमारे कितने विमान गिरे, जबकि पूछना ये चाहिए था कि हमने दुश्मन के कितने विमान गिराए। अगर, आपको सवाल पूछना है कि क्या 'ऑपरेशन सिंदूर' सफल रहा तो उसका जवाब है, हां।"

कूटनीती

कूटनीतिक विफलता के सवाल पर क्या रहा सरकार का जवाब?

विपक्ष के कूटनीतिक विफलता के सवाल पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, "25 अप्रैल से लेकर 'ऑपरेशन सिंदूर' शुरू होने तक कई फोन कॉल और बातचीत हुईं। मुझे अपने समकक्षों के 27 फोन आए, प्रधानमंत्री मोदी को 20 फोन आए। लगभग 35-40 समर्थन पत्र भी मिले। हमारी कोशिश 'ऑपरेशन सिंदूर' के लिए कूटनीति तैयार करना था। यही कारण है कि संयुक्त राष्ट्र (UN) के 193 सदस्य देशों में से पाकिस्तान के अलावा केवल तीन ने ऑपरेशन का विरोध किया।"

जवाब

प्रधानमंत्री मोदी कर रहे भारत को UNSC का सदस्य बनाने का प्रयास

कूटनीतिक विफलता के सवाल पर ही शाह ने कहा, "आज चीन, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में है, जबकि भारत नहीं है। प्रधानमंत्री मोदी भारत को UNSC सदस्य बनाने का प्रयास कर रहे हैं। इसके लिए जवाहरलाल नेहरू का रुख जिम्मेदार है।" उन्होंने कहा, "जब हमारे जवान डोकलाम में चीनी सैनिकों ये लोहा ले रहे थे, तब राहुल गांधी चीनी राजदूत के साथ बैठक कर रहे थे। चीन के प्रति उनका प्रेम तीन पीढ़ियों से चला आ रहा है।"

संघर्ष विराम

संघर्ष विराम में अमेरिकी मध्यस्थता के सवाल पर क्या रहा सरकार का रुख?

पाकिस्तान के साथ संघर्ष विराम में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता के दावों के सवाल पर रक्षा मंत्री सिंह ने कहा, "भारत ने कार्रवाई इसलिए रोकी क्योंकि सभी तय राजनीतिक और सैन्य लक्ष्य हासिल हो चुके थे। किसी के दबाव में ऑपरेशन रोकने का दावा पूरी तरह बेबुनियाद और गलत है।" शाह ने कहा, "10 मई को पाकिस्तानी DGMO ने फोन कर संघर्ष विराम की मांग की। उसके बाद भारत ने हमले रोके। इसमें किसी की मध्यस्थता नहीं थी।"

जानकारी

शाह ने संघर्ष विराम के पीछे यह भी बताया कारण

शाह ने कहा, "भारत ने सिर्फ पाकिस्तान के हवाई ठिकानों पर हमला किया और उनकी आक्रमण क्षमता को नष्ट कर दिया। हमारे सशस्त्र बल पूरी तरह सुरक्षित थे। ऐसे में पाकिस्तान के पास आत्मसमर्पण के अलावा अन्य कोई विकल्प नहीं बचा था"

स्पष्ट

जयशंकर ने स्पष्ट की पूरी स्थिति?

जयशंकर ने कहा, "22 अप्रैल को जब ट्रंप ने सहानुभूति व्यक्त करने के लिए फोन किया, तब से लेकर 17 जून तक, जब उन्होंने कनाडा में प्रधानमंत्री को फोन करके बताया था कि वह उनसे क्यों नहीं मिल सकते। प्रधानमंत्री मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के बीच कोई बातचीत नहीं हुई।" उन्होंने कहा, "किसी भी स्तर पर, अमेरिका के साथ बातचीत में, व्यापार और जो कुछ चल रहा था, उससे कोई संबंध नहीं था। यह आपसी सहमति का फैसला था।"