चंडीगढ़ को लेकर ऐसा क्या करने जा रही केंद्र सरकार, जिससे पंजाब में मचा सियासी घमासान?
क्या है खबर?
पंजाब की भगवंत मान और केंद्र सरकार आमने-सामने है। दरअसल, केंद्र सरकार पंजाब और हरियाणा की संयुक्त राजधानी चंडीगढ़ को राज्यपाल के संवैधानिक दायरे से बाहर लाने की तैयारी कर रही है। इसके लिए संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में संविधान (131वां संशोधन) विधेयक, 2025 पेश किया जा सकता है। सरकार के इस फैसले ने पंजाब में सियासी भूचाल ला दिया है। आम आदमी पार्टी (AAP) से लेकर कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल (SAD) ने फैसले का विरोध किया है।
केजरीवाल का बयान
केजरीवाल बोले- पंजाबियों का हक छीन रह केंद्र सरकार
AAP के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने लिखा, 'फेडरल स्ट्रक्चर की धज्जियां उड़ाकर पंजाबियों के हक छीनने की यह मानसिकता खतरनाक है। जिस पंजाब ने देश की सुरक्षा, अनाज, पानी और इंसानियत के लिए हमेशा बलिदान दिया, आज उसे अपने हिस्से से वंचित किया जा रहा है। ये पंजाब की आत्मा को चोट पहुंचाने जैसा है। इतिहास गवाह है कि पंजाबियों ने कभी किसी तानाशाही के सामने सिर नहीं झुकाया। पंजाब आज भी नहीं झुकेगा। चंडीगढ़ पंजाब का है और रहेगा।'
मान का बयान
सरकार की साजिश को कामयाब नहीं होने देंगे- भगवंत मान
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने लिखा, 'शीतकालीन सत्र में केंद्र द्वारा लाए जा रहे प्रस्तावित विधेयक का हम कड़ा विरोध करते हैं। यह संशोधन पंजाब के हितों के विरुद्ध है। हम केंद्र सरकार द्वारा पंजाब के विरुद्ध रची जा रही साजिश को कामयाब नहीं होने देंगे। हमारे पंजाब के गांवों को उजाड़कर बने चंडीगढ़ पर सिर्फ पंजाब का हक है। हम अपना हक यूं ही जाने नहीं देंगे। इसके लिए जो भी कदम उठाने पड़ेंगे, हम उठाएंगे।'
कांग्रेस
कांग्रेस भी विरोध में उतरी
पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने भी सरकार से उन मीडिया रिपोर्टों के बारे में स्पष्टीकरण मांगा है, जिनमें कहा गया है कि संविधान में 131वें संशोधन की तैयारी है। उन्होंने कहा, 'मैं सरकार से गुजारिश करता हूं कि स्थिति को स्पष्ट करे, क्योंकि इससे पूरे पंजाब में चिंता फैल गई है। यह एक गलत कदम है जिसके गंभीर नतीजे होंगे। चंडीगढ़ पंजाब का है। इसका स्टेटस बदलने की किसी भी कोशिश का विरोध होगा।'
जानकारी
सुखबीर सिंह बादल ने भी किया विरोध
SAD के सुखबीर सिंह बादल ने कहा, 'संशोधन विधेयक पारित हुआ, तो यह उन पंजाबियों के साथ धोखा और भेदभाव होगा, जिन्होंने देश के लिए सबसे अधिक बलिदान दिया है। यह चंडीगढ़ को पंजाब के प्रशासनिक और राजनीतिक नियंत्रण से बाहर करने की कोशिश है।'
भाजपा
मामले पर भाजपा का क्या कहना है?
मामले पर दिल्ली भाजपा सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने कहा, "पंजाब सरकार और भगवंत मान खुद नहीं जानते कि वे क्या कह रहे हैं। अगर चंडीगढ़ को केंद्र शासित प्रदेश घोषित कर केंद्र सरकार के अधीन कर दिया जाए, तो यह एक प्रमुख व्यावसायिक और आवासीय क्षेत्र के रूप में उभरेगा। केंद्र सरकार के अधीन आने के बाद चंडीगढ़ की रुकी हुई परियोजनाएं पूरी हो जाएंगी और चंडीगढ़ का भविष्य उज्ज्वल होगा।"