कांग्रेस कार्यसमिति की दिल्ली में अहम बैठक, शशि थरूर हुए शामिल; क्या है एजेंडा?
क्या है खबर?
दिल्ली में कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) की बेहद अहम बैठक हो रही है। इसमें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सांसद राहुल गांधी, संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी, तेलंगाना, कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री समेत कई बड़े नेता शामिल हुए। कांग्रेस की पिछले 2 बड़ी बैठकों से दूर रहने वाले सासंद शशि थरूर भी भागते हुए बैठक में पहुंचे। बिहार चुनाव के बाद ये CWC की पहली बैठक है। आइए एजेंडा जानते हैं।
एजेंडा
मनरेगा की जगह लाए गए नए विधेयक पर होगी चर्चा
बैठक में चर्चा का सबसे बड़ा मुद्दा ग्रामीण रोजगार से जुड़े नए कानून विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण)(VB जी राम जी) विधेयक, 2025 के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन की रणनीति को अंतिम देने का है। यह कानून पुराने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MNREGA) की जगह लाया गया है। संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान भी इस विधेयक को लेकर खूब हंगामा हुआ था।
रूपरेखा
VB जी राम जी विधेयक के खिलाफ आंदोलन की रणनीति बनाएगी पार्टी
कांग्रेस का मानना है कि नया कानून गरीबों और ग्रामीण मजदूरों के हितों के खिलाफ है और इसके जरिए मनरेगा की मूल भावना को कमजोर किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, पार्टी नए कानून के खिलाफ व्यापक जन आंदोलन खड़ा करने की रणनीति बनाएगी। इसमें देशभर में प्रदर्शन, पदयात्रा और जनसभाओं का आयोजन शामिल है। 2026 के विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस इस मुद्दे को ग्रामीण इलाकों में रोजगार, आजीविका और सामाजिक सुरक्षा से जोड़कर सरकार को घेरना चाहती है।
अन्य मुद्दे
विधानसभा चुनावों पर भी चर्चा संभव
अगले साल असम, केरल, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और पुडुचेरी में विधानसभा चुनाव होने हैं। कार्यसमिति की बैठक में इन चुनाव की रणनीति पर भी चर्चा हो सकती है। इसके अलावा अरावली पहाड़ियों का मुद्दा भी उठ सकता है। अरावली पर्वतमाला में 100 मीटर से छोटी पहाड़ियों को शामिल नहीं करने को लेकर विवाद हो रहा है। राजस्थान से लेकर दिल्ली तक इस मामले में प्रदर्शन हो रहे हैं। हालांकि, सरकार ने नए खनन पर रोक लगा दी है।
बयान
खड़गे बोले- मनरेगा को खत्म करना राष्ट्रपिता का अपमान
बैठक में खड़गे ने कहा, "हाल में संसद के शीतकालीन सत्र में मोदी सरकार ने मनरेगा को समाप्त कर करोड़ों गरीबों और कमजोर तबके के लोगों को बेसहारा कर दिया है। गरीबों के पेट पर लात मारने के साथ उनकी पीठ में मोदी सरकार ने छूरा घोंपा है। मनरेगा को समाप्त करना राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का अपमान है। मोदी सरकार को गरीबों की चिंता नहीं, बल्कि चंद बड़े पूंजीपतियों के मुनाफे की ही चिंता है।"
थरूर की मौजूदगी
बड़ी बैठकों से नदारद रहने वाले थरूर भी नजर आए
CWC बैठक में थरूर भी दौड़ते हुए पहुंचे। इससे पहले वे कांग्रेस की कई अहम बैठकों से नदारद रहे थे। इससे पहले वे 30 नवंबर को संसद की रणनीति बनाने के लिए सोनिया गांधी की अध्यक्षता में हुई बैठक से भी गायब थे। 18 नवंबर को SIR पर चर्चा के लिए बुलाई बैठक में भी उपस्थित नहीं हुए थे। 12 दिसंबर को वे संसद की शीतकालीन सत्र की रणनीति की बैठक में भी शामिल नहीं हुए थे।