प्रशांत किशोर और कांग्रेस की बातचीत के बीच उनके पूर्व संगठन ने मिलाया TRS से हाथ
चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के कांग्रेस में शामिल होने के कयासों के बीच तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने कंसल्टेंसी फर्म इंडियन पॉलिटिकल एक्शन कमिटी (I-PAC) से समझौता किया है। I-PAC 2023 तेलंगाना विधानसभा चुनाव में राव की पार्टी तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) का प्रचार अभियान संभालेगी। हालिया समय तक I-PAC की कमान प्रशांत के हाथों में थी, ऐसे में उसका कांग्रेस की विरोधी TRS से हाथ मिलाना प्रशांत और कांग्रेस की बातचीत में खलल पैदा कर सकता है।
क्या है I-PAC?
I-PAC एक चुनावी कंसल्टेंसी कंपनी है जो चुनावों में पार्टियों का सलाह देती है और उनके प्रचार अभियान की रणनीति तैयार करती है। अभी तक के अपने सफर में I-PAC बेहद सफल रही है और नरेंद्र मोदी, नीतीश कुमार, ममता बनर्जी, जगनमोहन रेड्डी और अमरिंदर सिंह जैसे नेताओं को जीत दिला चुकी है। प्रशांत किशोर इस संगठन के मास्टरमाइंड थे, लेकिन बंगाल विधानसभा चुनाव में ममता को जीत दिलाने के बाद पिछले साल मई में उन्होंने इससे संबंध तोड़ लिए।
शनिवार सुबह से राव के आधिकारिक आवास पर ठहरे हुए हैं प्रशांत किशोर
TRS के I-PAC के साथ हाथ मिलाने की ये खबर ऐसे समय पर आई है जब प्रशांत किशोर शनिवार सुबह से हैदराबाद स्थित चंद्रशेखर राव के आधिकारिक आवास पर रुके हुए हैं और उनके गहन विचार-विमर्श कर रहे हैं। उसके विरोधी के साथ प्रशांत की इतनी नजदीकी भी कांग्रेस को चुभ सकती है जो कल प्रशांत को पार्टी में शामिल करने पर अंतिम निर्णय ले सकती है। कांग्रेस के कुछ हलकों में पहले से ही प्रशांत को लेकर संशय है।
कांग्रेस चाहती है सभी पार्टियों से संबंध तोड़ें प्रशांत
कांग्रेस को जिंदा करने के प्रशांत किशोर के रोडमैप पर विचार कर रही समिति चाहती है कि प्रशांत अन्य पार्टियों से अपने संबंध तोड़ दें और पूर्ण समर्पण के साथ कांग्रेस के लिए काम करें। पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं में पहले से ही प्रशांत को लेकर संशय है क्योंकि वे ममता बनर्जी और जगनमोहन रेड्डी जैसे कांग्रेस के विरोधियों के साथ काम कर चुके हैं। ऐसे में हालिया घटनाक्रम दोनों की बातचीत के लिए ठीक नहीं माना जा रहा।
क्या राव को कांग्रेस के साथ लाने की कोशिश कर रहे प्रशांत?
इस पूरे घटनाक्रम का एक और पहलू है। दरअसल, कांग्रेस को पेश किए गए 2024 लोकसभा चुनाव के अपने रोडमैप में प्रशांत ने पार्टी को ममता, राव और रेड्डी जैसे नेताओं की पार्टियों के साथ गठबंधन की सलाह दी है। ऐसे में अटकल भी लगाई जा रही है कि वे राव को कांग्रेस से हाथ मिलाने के लिए राजी करने की कोशिश कर रहे हैं। राव के लिए मुसीबत ये है कि वो और कांग्रेस राज्य में घोर विरोधी हैं।
राव की राष्ट्रीय महत्वाकांक्षा आसान कर सकती है प्रशांत का काम
तेलंगाना के साथ-साथ राव की राष्ट्रीय महत्वाकांक्षाएं भी हैं और वे राष्ट्रीय स्तर पर एक गठबंधन बनाने की कोशिश कर रहे हैं। उनकी ये महत्वाकांक्षा प्रशांत के फायदे में काम कर सकती है और राव को विपक्षी गठबंधन में कांग्रेस के शामिल होने की अहमियत समझाई जा सकती है। अटकलें हैं कि मौजूदा विचार-विमर्श में प्रशांत राव को यही समझाने की कोशिश कर रहे हैं। अगर वे राव को समझाने में कामयाब रहते हैं तो ये उनकी बड़ी सफलता होगी।