कांग्रेस में शामिल होने के ताजा कयासों के बीच सोनिया गांधी से मिले प्रशांत किशोर
चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने शनिवार को कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी, राहुल गांधी और केसी वेणुगोपाल से मुलाकात की। यह बैठक ऐसे समय हुई है, जब एक बार फिर कयास लगाए जा रहे हैं कि किशोर कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं और गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए काम करने को तैयार हैं। कुछ दिन पहले ही खबर आई थी कि प्रशांत और कांग्रेस के बीच दोबारा बातचीत शुरू हो गई है और जल्द ही इसका नतीजा सबसे सामने होगा।
क्या 2024 के चुनाव हैं मुख्य मुद्दा?
प्रशांत किशोर के करीबी सूत्रों का कहना है कि वो कांग्रेस के साथ 2024 के आम चुनावों के ब्लूप्रिंट पर चर्चा कर रहे हैं। अगर दोनों पक्षों आम सहमति से एक-दूसरे के साथ काम करते हैं तो गुजरात समेत अन्य राज्यों के विधानसभा चुनावों की जिम्मेदारी भी प्रशांत के हिस्से आ सकती हैं। दूसरी तरफ कांग्रेस का कहना है कि प्रशांत किशोर ने इस बार केवल गुजरात चुनावों में पार्टी के लिए काम करने की पेशकश की है।
कांग्रेस नेता भी प्रशांत के साथ काम करने को तैयार
कांग्रेस नेतृत्व ने कुछ समय पहले ही इस साल के आखिर में होने वाले गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए प्रशांत किशोर को साथ लाने को लेकर प्रदेश कांग्रेस के नेताओं से राय ली थी, जिसमें ज्यादातर नेताओं ने इस पर सहमति जताई।
सुधारों की गति पर फंसा हुआ है पेंच
प्रशांत किशोर और कांग्रेस की बातचीत में मुख्य पेच सुधारों को लेकर है। प्रशांत पार्टी में एकदम से बड़े सुधार करना चाहते हैं, वहीं गांधी परिवार धीरे-धीरे सुधार करना चाहता है ताकि पार्टी नेता नाराज न हों। सूत्रों के अनुसार, प्रशांत के कांग्रेस में शामिल होने की हल्की सी संभावना अभी भी बाकी है, हालांकि उन्हें ये सब चार हफ्ते के अंदर ही तय करना होगा क्योंकि प्रशांत 2 मई को अपने भविष्य की योजना का ऐलान करेंगे।
राजनीति पर बड़ा असर डाल सकता है प्रशांत और कांग्रेस का साथ
अगर प्रशांत किशोर और कांग्रेस साथ आते हैं तो इसका देश की राजनीति पर बड़ा असर पड़ सकता है। अपनी सबसे बुरी स्थिति में होने के बावजूद कांग्रेस अभी भी देश की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी है, हालांकि वह अपने प्रदर्शन में सुधार करने में नाकाम रही है। प्रशांत इस दिशा में उसकी मदद कर सकते हैं। वह कई प्लेटफॉर्म पर यह बात कह भी चुके हैं कि कांग्रेस भाजपा को सत्ता से हटाने का माद्दा रखती है।
पिछले साल हुई थी प्रशांत और गांधी परिवार में बातचीत
बता दें कि पिछले साल जुलाई-अगस्त में भी प्रशांत और कांग्रेस के बीच साथ आने को लेकर बातचीत हुई थी। तब प्रशांत के कांग्रेस में शामिल हो सकने की खबरें भी आई थीं, हालांकि ये बातचीत असफल रही। इसके बाद प्रशांत ने सार्वजनिक मंचों से कई बार गांधी परिवार पर सवाल उठाए। इसके बावजूद दोनों पक्षों में एक-दूसरे को एक और मौका देने को लेकर सहमति बनी है। सूत्रों के अनुसार, दोनों पक्षों में संवाद कभी बंद नहीं हुआ था।
न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)
प्रशांत किशोर ने आखिरी बार 2017 उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ काम किया था। इस अभियान में उन्हें बड़ी असफलता का सामना करना पड़ा था और सपा और कांग्रेस का गठबंधन बुरी तरह से हारा था। माना जाता है कि कांग्रेस इस चुनाव में किशोर के कहे मुताबिक काम करने में नाकाम रही थी और उनकी कुछ सलाहों को मानने से इनकार कर दिया था। इसके बाद से प्रशांत कांग्रेस के साथ काम नहीं करते हैं।