बिहार: चुनावी साल में 7 विधायकों को मंत्री बनाकर कैसे साधे गए सियासी समीकरण?
क्या है खबर?
बिहार में इस साल विधानसभा चुनाव होना है। इससे पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने मंत्रिमंडल का विस्तार किया है और 7 विधायकों को मंत्री बनाया है। ये सातों विधायक भाजपा के हैं।
सियासी समीकरण साधने के लिए मंत्रियों के चयन में क्षेत्र और जाति को प्राथमिकता दी गई है। इनमें 3 पिछड़े, 2 अति पिछड़े और 2 सवर्ण समुदाय से हैं।
आइए जानते हैं कैसे सियासी समीकरण साधे गए हैं।
मंत्री
सबसे पहले जानिए कौन-कौन मंत्री बना?
दरभंगा से विधायक संजय सरावगी, बिहार शरीफ से विधायक सुनील कुमार, जाले से विधायक जीवेश मिश्रा, साहेबगंज से विधायक राजू सिंह, रीगा से विधायक मोतीलाल प्रसाद, अमनौर से विधायक कृष्ण कुमार उर्फ मंटू और सिकटी से विधायक विजय मंडल को मंत्री बनाया है।
सभी को राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने शपथ दिलाई।
मंत्रिमंडल विस्तार से पहले भाजपा के बिहार प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है।
क्षेत्रीय समीकरण
कैसे साधे गए क्षेत्रीय समीकरण?
मंत्री बनाए गए 7 में से 4 विधायक मिथिलांचल से हैं।
बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के पास 131 सीटें हैं। इनमें से 40 मिथिलांचल से हैं। यही वजह है कि मंत्रिमंडल विस्तार में मिथिलांचल का खास ध्यान रखा गया है। यहां से 2 विधायक पहले ही मंत्रिमंडल का हिस्सा हैं।
भाजपा ने यहां से 4 मंत्री बनाकर इस इलाके की 60 सीटों को साधने की कोशिश की है।
जातिगत समीकरण
ऐसे साधे गए जातिगत समीकरण
जो विधायक मंत्री बने हैं, उनमें एक राजपूत, एक भूमिहार, एक केवट, एक कुर्मी, एक कुशवाह, एक तेली और एक मारवाड़ी समाज से हैं।
कृष्ण कुमार कुर्मी जाति से हैं। नीतीश भी इसी जाति से हैं।
जीवेश के जरिए पिछले विधानसभा चुनावों में बिखरे भूमिहार वोटों के साधा गया है।
भाजपा ने अपने कोर वोटर अगड़ी जातियों में राजपूत और भूमिहार के साथ नीतीश के कोर वोटर रहे कोइरी और कुर्मी वोटों को भी साधने की कोशिश की है।
बिहार में मंत्री
बिहार में अब 36 मंत्री
विधानसभा सीटों के लिहाज से बिहार में अधिकतम 36 मंत्री हो सकते हैं। मंत्रिमंडल विस्तार से पहले 6 मंत्री पद खाली थे और एक पद जायसवाल के इस्तीफा देने से खाली हुआ। इसके बाद 7 विधायक मंत्री बन गए। यानी अब बिहार में मंत्रियों का कोटा पूरा हो गया है।
बिहार में अब भाजपा के 21, जनता दल यूनाइटेड (JDU) के 13 और एक-एक मंत्री हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) और निर्दलीय हैं।