लोकसभा चुनाव: मध्य प्रदेश में नए चेहरों को मौकी देगी भाजपा, सांसदों का टिकट कटना तय
क्या है खबर?
लोकसभा चुनाव पास आ रहे हैं और सभी पार्टियां इसकी तैयारियों में जुट चुकी हैं।
चुनावों की तारीखों के ऐलान से पहले भाजपा बड़े फैसले लेने के लिए रणनीतियां बना रही है और इसी कड़ी में वह मध्य प्रदेश में बड़े फेरबदल कर सकती है।
खबर है कि इस बार पार्टी मध्य प्रदेश में नए चेहरों को मौकी दे सकती है और कई सांसदों का पत्ता कट सकता है।
पत्ता कटना
किन नेताओं का कट सकता है पत्ता?
लाइव हिंदुस्तान की रिपोर्ट के अनुसार, भाजपा के सूत्रों ने कहा कि मध्य प्रदेश के कुल 5 विधायकों, नरेंद्र सिंह तोमर, प्रह्लाद पटेल, रीति पातक, राकेश सिंह और उदय प्रताप सिंह, को शायद इस बार लोकसभा चुनाव में मौका न मिले।
ये सभी मध्य प्रदेश चुनाव से पहले सांसद थे।
इस बार उम्मीदवार के तौर पर फग्गन सिंह कुलस्ते और गणेश सिंह, को अवसर दिया जाएगा। ये लोग विधानसभा चुनाव में भी उतरे थे, लेकिन इन्हें हार मिली थी।
उम्मीदवार सूची
फरवरी के अंत में उम्मीदवारों की घोषणा कर सकती है भाजपा
रिपोर्ट के अनुसार, प्रदेश प्रभारियों ने विस्तार से उम्मीदवारों की जानकारी सौंप दी है। इस पर मंथन के बाद ही भाजपा उम्मीदवारों की घोषणा करेगी। फरवरी के अंत में चयनित उम्मीदवारों के नाम सामने आ सकते हैं।
भाजपा इस बार 70 वर्ष से अधिक उम्र के और कामकाज की रिपोर्ट में खराब प्रदर्शन वाले नेताओं को दोबारा मौका नहीं देना चाहती।
भाजपा ऐसा करके सत्ता विरोधी लहर को काट के साथ-साथ नए नेतृत्व को उभारना चाहती है।
योजना
भाजपा ने प्रदेश की 6 सीटों पर प्रेक्षक किये नियुक्त
भाजपा ने सोमवार को मध्य प्रदेश की 6 लोकसभा सीटों के लिए प्रेक्षक नियुक्त किये।
पार्टी ने भाजपा के राष्ट्रीय सचिव कैलाश विजयवर्गीय और विनोद गोटिया को छिंदवाड़ा लोकसभा क्षेत्र की जिम्मेदारी सौंपी है।
दमोह की जिम्मेदारी प्रदेश उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा और आलोक संजर को, मुरैना की राजेंद्र शुक्ला और हेमंत खंडेलवाल, सीधी की अजय विश्नोई और संपतिया उईके, जबलपुर की गोपाल भार्गव और इंदर सिंह परमार और नर्मदापुर की राकेश सिंह और अर्चना चिटनिस को सौंपी गई है।
कांग्रेस
न्यूजबाइट्स प्लस
रिपोर्ट के अनुसार, कांग्रेस इस बार भी प्रदेश में अपने पुराने नेताओं पर ही भरोसा जता रही है और इसके पीछे कारण उसके पास फंड की कमी होना है।
लाइव हिंदुस्तान से बातचीत में कांग्रेस के एक नेता ने कहा कि भाजपा उम्मीदवारों के विपरीत कांग्रेस अगर नए चेहरों को मौका देती है तो उनकी स्थिति कमजोर दिखेगी।
हालांकि, इन नेताओं को एक लोकसभा सीट की जिम्मेदारी सौंप संबंधित उम्मीदवार को मजबूत करने का काम दिया जाएगा।