ममता बनर्जी से मिलने के लिए कोलकाता जाएंगे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मंगलवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस (TMC) प्रमुख ममता बनर्जी से मिलने के लिए कोलकाता जाएंगे। बतौर रिपोर्ट्स, नीतीश और ममता की मुलाकात हावड़ा जिले में पश्चिम बंगाल सरकार के सचिवालय नबन्ना में होगी। गौरतलब है कि अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारियों के मद्देनजर यह दोनों नेता विपक्ष के अन्य नेताओं से पिछले कुछ महीनों में लगातार मुलाकात कर रहे हैं।
नीतीश खड़गे और राहुल के साथ भी कर चुके हैं मुलाकात
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 12 अप्रैल को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से उनके आवास पर एक बैठक की थी, जिसमें कांग्रेस नेता राहुल गांधी और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव समेत कई अन्य नेता शामिल हुए थे। बैठक को ऐतिहासिक बताते हुए खड़गे ने कहा था कि सभी विपक्षी पार्टियों को एक मंच पर लाने को लेकर सहमति बनी है और भाजपा के खिलाफ लोकसभा चुनाव से पहले समान विचाराधारा वाली और पार्टियों को एक साथ लाया जाएगा।
कई विपक्षी नेताओं के साथ मिल चुकी हैं ममता
बता दें कि पिछले कुछ महीनों में विपक्ष के कई नेता ममता से कोलकाता जाकर मुलाकात कर चुके हैं। पिछले महीने समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ममता से मुलाकात की थी। इससे पहले जनता दल (सेक्युलर) नेता और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी भी ममता से मिले थे। ममता ने इससे पहले भुवनेश्वर में ओडिशा के मुख्यमंत्री और नवीन पटनायक से गैर-कांग्रेस गठबंधन बनाने को लेकर चर्चा की थी।
भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोल चुके हैं नीतीश और ममता
ममता ने मार्च की शुरुआत में कहा था कि लोकसभा चुनाव के लिए उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस (TMC) किसी भी अन्य विपक्षी पार्टी के साथ गठबंधन नहीं करेंगी। उन्होंने कहा था कि TMC अकेले भाजपा और कांग्रेस से लड़ने में सक्षम है। वहीं नीतीश कुमार ने इस साल जनवरी में कहा था कि वह मर जाएंगे, लेकिन जीवन में कभी भाजपा के साथ गठबंधन नहीं करेंगे। उन्होंने कहा था कि उन्होंने भाजपा के साथ गठबंधन कर गलत फैसला किया था।
नए राजनीतिक समीकरण तालाश रहा है विपक्ष
लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी एकता को मजबूत करने की कवायद जारी है। गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव में एक वर्ष से कम का समय रहने के चलते विपक्षी पार्टियां केंद्र की सरकार में सत्तारूढ़ भाजपा को मात देने के लिए नए समीकरण तलाश कर रही हैं। वहीं कुछ पार्टियों ने संयुक्त मोर्चा को लेकर अपना रुख साफ कर दिया है, जबकि अन्य पार्टियों ने मिले-जुले संकेत दिए हैं और कुछ ने इससे दूरी बनाई है।