बिहार चुनाव परिणाम 2025: मुस्लिम बहुल इलाकों में भी NDA का जोरदार प्रदर्शन
क्या है खबर?
बिहार विधानसभा चुनावों में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की है। खबर लिखे जाने तक NDA 147 सीटें जीत चुका है और 55 पर आगे है। इसी के साथ कई मुस्लिम बहुल सीटों पर भी NDA के उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की है। 2020 के विधानसभा चुनाव में NDA 56.3 प्रतिशत मुस्लिम बहुल इलाकों में आगे थे। इस चुनाव में ये आंकड़ा बढ़कर 71 प्रतिशत के पार हो गया है।
सीटें
3 मुस्लिम बहुल सीटों पर NDA उम्मीदवार जीते
दरभंगा से भाजपा के संजय सरावगी ने जीत दर्ज की है। यहां VIP के उमेश सहनी दूसरे नंबर पर रहे। इसके अलावा चैनपुर में JDU के जमा खान, पूर्णिया में भाजपा के विजय किमार खेमका और सीतामढ़ी से भी भाजपा के सुनील कुमार पिंटू को जीत मिली है। 2020 में मुस्लिम समुदाय के करीब 77 प्रतिशत वोट महागठबंधन को गए थे। इस चुनाव में ये आंकड़ा बेहद कम हो गया है।
मुस्लिम
भाजपा ने एक भी मुस्लिम को नहीं दिया टिकट
चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) ने केवल एक मुस्लिम उम्मीदवार मोहम्मद कलीमुद्दीन को बहादुरगंज सीट से मैदान में उतारा था। वे AIMIM के तौसिफ आलम से हार चुके हैं। भाजपा ने 2020 की तरह इस बार भी कोई मुस्लिम उम्मीदवार नहीं उतारा है। 2020 में JDU ने 11 मुस्लिमों को टिकट दिया था, लेकिन वे सभी हार गए थे। कांग्रेस ने 12 मुस्लिमों को टिकट दिया था, जिनमें से 4 ने जीत दर्ज की थी।
महागठबंधन
महागठबंधन के मुस्लिम उम्मीदवारों का क्या है हाल?
महागठबंधन में शामिल राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने सुरसंड, रघुनाथपुर और रफीगंज सीट पर मुस्लिम उम्मीदवार उतारे थे। सुरसंड सीट पर JDU की जीत हुई है। रघुनाथपुर से RJD के ओसामा शहाब जीते हैं। रफीगंज पर भी RJD के गुलाम शाहीद की हार हुई है। कांग्रेस के मुस्लिम उम्मीदवार वशी अहमद बेतिया से हार गए हैं। CPI(ML) ने 2 मुसलमानों को टिकट दिया था। आरा सीट से कयामुद्दीन अंसारी हार गए हैं।
मुस्लिम
बिहार की मुस्लिम बहुल सीटों के बारे में जानिए
2022 के सर्वे के मुताबिक, बिहार में मुसलमानों की आबादी 17.7 प्रतिशत है। किशनगंज जिले में बिहार की सबसे ज्यादा (68 प्रतिशत) मुस्लिम आबादी है। इस जिले में 4 विधानसभा सीटें हैं। 62 प्रतिशत मुस्लिम आबादी के साथ कटिहार दूसरे नंबर पर है। यहां 7 विधानसभा सीट हैं। इसी तरह अररिया में मुसलमानों की आबादी 41 प्रतिशत, पूर्णिया में 37 प्रतिशत, दरभंगा में 23 प्रतिशत, पूर्वी चंपारण में 22 प्रतिशत और सीतामढ़ी में 21 प्रतिशत है।