बिहार में भाजपा का शून्य से शिखर तक का सफर, कैसे बनी सबसे बड़ी पार्टी?
क्या है खबर?
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजे साफ हो गए हैं। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने रिकॉर्ड प्रदर्शन करते हुए 200 से ज्यादा सीटें जीतती हुई दिख रही है। NDA में शामिल भाजपा गठबंधन के साथ ही राज्य की सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। पार्टी 95 सीटों पर आगे चल रही है। अगर उसने ये सीटें जीतीं, तो ये पार्टी का अब तक का सबसे शानदार प्रदर्शन होगा। आइए बिहार में भाजपा के सफर को देखते हैं।
पहला चुनाव
पहले चुनाव में जीती थी 21 सीटें
अप्रैल, 1980 में भाजपा बनी थी और इसी साल उसने बिहार में अपना पहला चुनाव भी लड़ा था। तब पार्टी ने 246 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे, जिनमें से 21 को जीत मिली थी। इस तरह भाजपा राज्य में चौथी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। 1985 में भाजपा राज्य की 234 सीटों पर लड़ी, लेकिन केवल 16 ही जीत सकी। इसका कारण तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद कांग्रेस को मिला अपार समर्थन था।
1990
1995 के चुनाव में मिली अहम सफलता
1990 में भाजपा ने 337 सीटों पर प्रत्याशी उतारे, जिनमें से 39 को जीत मिली। बिहार में भाजपा को पहली बड़ी सफलता 1995 में मिली। तब के चुनाव में पार्टी के 315 प्रत्याशियों में 41 ने जीत दर्ज की और कांग्रेस 29 पर ही सिमट गई। इसका फायदा भाजपा को हुआ और वो लालू प्रसाद यादव के नेतृत्व वाले जनता दल के सामने मुख्य विपक्षी पार्टी बन गई। यशवंत सिन्हा को विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बनाया गया।
2000
जब भाजपा ने पहली बार नीतीश कुमार से मिलाया हाथ
1995 के चुनाव में नीतीश कुमार की समता पार्टी भी मैदान में थी और केवल 7 सीट जीत सकी थी। 1996 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने समता पार्टी के साथ गठबंधन कर लिया, जो 1998 के आम चुनाव में भी रहा। साल 2000 के विधानसभा चुनाव में दोनों पार्टियां साथ उतरीं। समता पार्टी ने 34 और भाजपा ने 67 सीटें जीतीं। इसी साल नीतीश कुमार केवल 7 दिनों के लिए पहली बार मुख्यमंत्री बने।
2010
2010 में भाजपा ने किया था सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन
2004 में समता पार्टी का JDU में विलय हो गया। 2005 में बिहार में 2 बार विधानसभा चुनाव हुए। फरवरी में हुए चुनाव में भाजपा को 37 और अक्टूबर वाले चुनाव में 55 सीटें मिलीं। 2010 में भाजपा ने अपना अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर 102 में से 91 सीटें जीतीं। JDU ने 115 सीटें जीतीं। 2015 में JDU महागठबंधन में चली गई। तब भाजपा को 38 सीटों का नुकसान हुआ, लेकिन वो तीसरी सबसे बड़ी पार्टी रही।
आखिरी चुनाव
2020 चुनावों में कैसा था भाजपा का प्रदर्शन?
2020 के चुनाव में JDU और भाजपा दोबारा साथ आ गए। तब भाजपा ने 74 सीटें जीतीं और दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनी। हालांकि, 2022 में मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के सभी 3 विधायक भाजपा में शामिल हो गए। इसके बाद भाजपा राज्य में सबसे बड़ी पार्टी बन गई। 2025 के रुझानों में भाजपा अब तक सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। उसे 2020 के मुकाबले 20 से ज्यादा सीटों का फायदा होता दिख रहा है।