
अमित शाह ने संविधान (130वां संशोधन) विधेयक का किया बचाव, राहुल गांधी पर बोला तीखा हमला
क्या है खबर?
भ्रष्टाचार को लेकर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और केंद्रीय और राज्य के मंत्रियों को पद से हटाने वाले संविधान (130वां संशोधन) विधेयक 2025 पर मचे सियासी हंगामे के बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इसका बचाव करते हुए विपक्ष पर तीखा हमला बोला है। ANI के साथ साक्षात्कार में शाह ने भ्रष्टाचार को लेकर विपक्ष के रवैये पर सवाल उठाते हुए कहा कि उन्हें उम्मीद है कि यह विधेयक संसद में जरूर पास होगा। आइए जानते हैं उन्होंने क्या कुछ कहा।
दावा
"प्रस्तावित कानून में प्रधानमंत्री मोदी ने खुद को भी शामिल किया"
शाह ने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस विधेयक में प्रधानमंत्री पद को भी शामिल किया है। इससे पहले इंदिरा गांधी 39वां संशोधन (राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और स्पीकर को भारतीय अदालतों द्वारा न्यायिक समीक्षा से बचाने के लिए) लाई थीं। प्रधानमंत्री मोदी अपने खिलाफ एक संवैधानिक संशोधन लाए हैं कि अगर प्रधानमंत्री जेल जाते हैं, तो उन्हें भी पद से इस्तीफा देना होगा।" बता दें कि विपक्ष इस विधेयक का पुरजोर विरोध कर रहा है।
सवाल
क्या कोई भी नेता जेल से देश चला सकता है?
शाह ने कहा, "मैं देश और विपक्ष से पूछना चाहता हूं कि क्या कोई मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री या नेता जेल से देश चला सकता है? क्या यह हमारे लोकतंत्र की गरिमा के अनुकूल है? आज भी वे कोशिश कर रहे हैं कि अगर उन्हें कभी जेल जाना पड़ा, तो वे आसानी से जेल से सरकार बना लेंगे।" उन्होंने कहा, "जेल को मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री आवास बना दिया जाएगा और DGP, मुख्य सचिव, कैबिनेट सचिव या गृह सचिव जेल से आदेश लेंगे।"
जानकारी
विधेयक से बहुमत पर नहीं पड़ेगा कोई असर- शाह
शाह ने कहा, "इससे संसद या विधानसभा में किसी के बहुमत पर कोई असर नहीं पड़ेगा। एक सदस्य जाएगा, पार्टी के अन्य सदस्य सरकार चलाएंगे और जब उन्हें जमानत मिल जाएगी, तो वे आकर दोबारा शपथ ले सकते हैं।"
आलोचना
शाह ने विधेयक के विरोध पर की विपक्ष की आलोचना
शाह ने कहा, "जब निर्वाचित सरकार संसद में कोई संवैधानिक संशोधन लाती है, तो विपक्ष को विरोध की अनुमति होती है।यह संशोधन दोनों सदनों की संयुक्त समिति को भेजा जाएगा। वहां सभी अपनी राय रख सकते हैं और मतदान के दौरान भी आप अपनी बात रख सकते हैं। इसके लिए दो-तिहाई बहुमत की आवश्यकता है, लेकिन क्या लोकतंत्र में यह उचित है कि विधेयक को संसद में पेश ही न करने दिया जाए? यह पूरी तरह से गलत है।"
हमला
शाह ने बोला राहुल गांधी पर हमला
शाह ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर तीखा हमला बोलते हुए कहा, "राहुल गांधी ने उस अध्यादेश को क्यों फाड़ दिया था जिसे मनमोहन सिंह, लालू प्रसाद यादव को बचाने के लिए लाए थे? अगर उस दिन उनमें नैतिकता थी, तो अब क्या हो गया? सिर्फ इसलिए कि आप लगातार तीन चुनाव हार गए हैं तो आपकी नैतिकता बदल गई? नैतिकता के मानदंड चुनावी जीत-हार से जुड़े नहीं होते। ये सूर्य और चंद्रमा की तरह स्थिर होने चाहिए।"
ट्विटर पोस्ट
यहां देखें राहुल को लेकर क्या बोले गृह मंत्री अमित शाह
#WATCH | "...What was the justification of Rahul Gandhi for tearing the ordinance brought by Manmohan Singh to save Lalu Yadav? If there was morality that day, then is it not there today because you have lost three consecutive elections? The standards of morality are not… pic.twitter.com/4GxXISQLmR
— ANI (@ANI) August 25, 2025
उम्मीद
शाह ने जताई विधेयक के संसद में पारित होने की उम्मीद
शाह ने विधेयक का बचाव करते हुए कहा, "यह विधेयक भाजपा समेत सभी राजनीतिक दलों पर समान रूप से लागू होगा। ऐसे में मुझे पूरा विश्वास है कि यह संसद में जरूर पारित हो जाएगा। कांग्रेस पार्टी और विपक्ष में ऐसे कई लोग होंगे जो नैतिकता का समर्थन करेंगे और नैतिकता के आधार पर काम करेंगे।" उन्होंने कहा, "हमारी अदालत भी कानून की गंभीरता को समझती है। इस्तीफे से पहले वह जमानत देने या न देने पर फैसला करती है।"
पृष्ठभूमि
संविधान (130वां संशोधन) विधेयक 2025 क्या है?
इस विधेयक में प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और मंत्रियों को स्वतः पद से हटाने का प्रावधान है, यदि उन्हें 5 वर्ष या उससे अधिक के कारावास वाले दंडनीय अपराधों में गिरफ्तार किया जाता है और लगातार 30 दिनों तक जेल में रखा जाता है। इसका उद्देश्य राजनीति से अपराध और अपराधियों को खत्म करना और भ्रष्टाचार को हटाना है। यह विधेयक वर्तमान में दोनों सदनों के 31 सदस्यों वाली एक संयुक्त संसदीय समिति (JPC) की समीक्षा के अधीन है।
विरोध
विपक्ष क्यों कर रहा है विधेयक का विरोध?
कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दल विधेयक का पुरजोर विरोध कर रहे हैं। विपक्ष ने सरकार पर आरोप लगाया है कि वह इस विधेयक का इस्तेमाल गैर-भाजपा राज्य सरकारों को अस्थिर करने के लिए एक उपकरण के रूप में कर रही है, ताकि जमानत में 30 दिनों से अधिक की देरी के लिए अदालती कार्यवाही को प्रभावित किया जा सके। यह पूरी तरह से लोकतंत्र पर हमला है। भाजपा विधेयक के जरिए पूरे देश पर राज करने की मंशा रखती है।