कैप्टन अमरिंदर सिंह ने थामा भाजपा का दामन, अपनी पार्टी का भी विलय किया
क्या है खबर?
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और पंजाब लोक कांग्रेस (PLC) के प्रमुख कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सोमवार को दिल्ली में भाजपा का दामन थाम लिया।
उन्होंने भाजपा मुख्यालय में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, किरेन रिजिजू, भाजपा नेता सुनील जाखड़ सहित अन्यय वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में पार्टी की सदस्यता ग्रहण की।
इस दौरान उन्होंने अपनी पार्टी PLC का भी भाजपा में विलय कर दिया। उनके बेटे और बेटी सहित छह अन्य नेताओं ने भी भाजपा का दामन थामा है।
बयान
देश की रक्षा के लिए काम कर रही भाजपा- अमरिंदर
भाजपा में शामिल होने के बाद अमरिंदर सिंह ने कहा कि भाजपा देश की रक्षा के लिए काम कर रही है। वह प्रधानमंत्री मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और जेपी नड्डा के आभारी हैं। उन्हें उम्मीद है कि पड़ोसी राज्यों में होने वाले चुनावों में वह बेहतर भूमिका निभा सकेंगे।
उन्होंने कहा कि पंजाब में पाकिस्तान से खतरा बढ़ता जा रहा है। चीन भी लगातार खतरा बना हुआ है। इसके बाद भी कांग्रेस शासन में इस पर ध्यान नहीं दिया गया।
मजबूती
अमरिंदर के आने से बढ़ेगी भाजपा की ताकत- तोमर
केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि अमरिंदर सिंह का भाजपा में आने का मतलब है कि वह पंजाब में शांति और सुरक्षा के पक्षधर हैं। उनके आने से भाजपा की ताकत बढ़ेगी और पंजाब में विकास के लिए ऐतिहासिक कदम होगा।
किरेन रिजिजू ने कहा कि सबकी सोच देश को एकजुट करने की होनी चाहिए। पंजाब में इसकी बहुत जरूरत है। अमरिंदर सिंह ने कभी भी मुख्यमंत्री रहते हुए देश की सुरक्षा पर राजनीति को तवज्जो नहीं दी।
मुलाकात
अमरिंदर ने सदस्यता लेने से पहले की नड्डा से मुलाकात
अमरिंदर सिंह सुबह ही दिल्ली पहुंच गए थे। ऐसे में उन्होंने औपचारिक रूप से भाजपा की सदस्यता लेने से पहले जेपी नड्डा से मुलाकात की थी।
कहा जा रहा है कि मुलाकात में उन्होंने पार्टी में शामिल होने के बाद मिलने वाली जिम्मेदारियों को लेकर चर्चा की थी।
करीब एक घंटे तक चली इस मुलाकात के बाद अमरिंदर सिंह और नड्डा सीधे पार्टी मुख्यालय पहुंच गए और वहां जाकर सिंह ने अपने बेटे-बेटी सहित पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली।
जानकारी
इन्होंने भी ली भाजपा की सदस्यता
अमरिंदर सिंह के साथ उनके बेटे रण इंदर सिंह, बेटी जय इंदर कौर, पूर्व डिप्टी स्पीकर अजैब सिंह भट्टी, पूर्व विधायक हरचंद कौर, लव कुमार गोल्डी, हरजिंदर सिंह, पूर्व सांसद अमरीक सिंह अहलीवाल ने भी भाजपा की सदस्या ली है।
जानकारी
PLC प्रवक्ता ने दी थी अमरिंदर के भाजपा में शामिल होने की जानकारी
PLC प्रवक्ता प्रीतपाल सिंह बलियावाल ने शुक्रवार को अमरिंदर सिंह के भाजपा में शामिल होने की जानकारी दी थी।
उन्होंने कहा था कि अमरिंदर सिंह सोमवार को दिल्ली में भाजपा के वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में पार्टी में शामिल होंगे।
रीढ़ की हड्डी में परेशानी होने के बाद अमरिंदर सिंह उसकी सर्जरी के लिए लंदन चले गए थे। सर्जरी कराने के बाद वह पिछले दिनों ही वापस लौटे थे और उन्होंने भाजपा में शामिल होने का मन बना लिया था।
मुलाकात
अमरिंदर ने की थी प्रधानमंत्री और गृह मंत्री से मुलाकात
अमरिंदर सिंह ने लंदन से लौटने के बाद 30 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी।
मुलाकात के बाद उन्होंने कहा था कि प्रधानमंत्री मोदी के साथ गर्मजोशी से मुलाकात की। पंजाब से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की और राज्य और देश की सुरक्षा के लिए मिलकर काम करने का संकल्प लिया, जो दोनों के लिए हमेशा सर्वोपरि रहा है और रहेगा।
इसके बाद 12 सितंबर को उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी।
पृष्ठभूमि
अमरिंदर ने पिछले साल में छोड़ी थी कांग्रेस
अमरिंदर सिंह ने सितंबर, 2021 में कांग्रेस से दूसरी बार इस्तीफा दे दिया था। कांग्रेस ने उनको नजरअंदाज कर नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब प्रदेश कांग्रेस का प्रमुख बनाया था।
इससे नाराज चल रहे सिंह ने पहले मुख्यमंत्री पद और बाद में पार्टी छोड़ दी थी। पार्टी छोड़ने के बाद उन्होंने कहा था कांग्रेस के नेताओं ने उनके साथ जिस तरह का व्यवहार किया, वो ठीक नहीं था।
इसके बाद उन्होंने विधानसभा चुनाव के लिए PLC का गठन किया था।
प्रदर्शन
अमरिंदर सिंह का कैसा रहा था चुनावों में प्रदर्शन?
इसी साल हुए पंजाब विधानसभा चुनाव में अमरिंदर सिंह की पार्टी ने भाजपा और शिरोमणि अकाली दल (संयुक्त) के साथ मिलकर अपनी दावेदारी पेश की थी।
समझौते के तहत भाजपा ने 65, अमरिंदर सिंह ने 37 और अकाली दल (संयुक्त) ने 15 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे।
इनमें से केवल भाजपा के दो उम्मीदवार ही जीत हासिल कर पाए और बाकी सभी उम्मीदवार बुरी तरह हार गए।
खुद अमरिंदर सिंह अपनी सीट नहीं बचा पाए।
सवाल
भाजपा की नीति में कैसे फिट होंगे अमरिंदर?
अमरिंदर सिंह दो बार पंजाब के मुख्यमंत्री रहे हैं, लेकिन अब सवाल है कि भाजपा की नीति में वह कैसे फिट बैठेंगे।
दरअसल, भाजपा 75 साल से अधिक उम्र वालों को टिकट नहीं देती है और अमरिंदर सिंह इस समय 80 साल के हैं। ऐसे में उनके लिए आगे की राह मुश्किल हो सकती है।
हालांकि, उनकी बेटी सारा राजनीतिक काम संभालती आई है। ऐसे में माना जा रहा है कि उनकी बेटी को कोई अहम जिम्मेदारी मिल सकती है।