मोनो डाइट क्या है? जानिए इसका वजन पर कोई प्रभाव पड़ता है या नहीं
क्या है खबर?
वजन घटाना आसान लग सकता है, लेकिन ऐसा नहीं है। इसके लिए डाइट, कसरत और जीवनशैली में काफी बदलाव करने पड़ते हैं।
आमतौर पर देखा जाता है कि लोग अपनी डाइट में सबसे पहले बदलाव करते हैं, लेकिन आए दिन नई-नई डाइट सामने आती रहती है, जिससे समझ नहीं आता कि किसे अपनाना चाहिए?
ऐसी एक डाइट है मोनो डाइट, लेकिन सवाल यह है कि क्या यह वास्तव में वजन घटाने में सहायक होती है?
आइए इस बारे में जानें।
डाइट
मोनो डाइट क्या है?
मोनो डाइट को मोनोट्रोपिक डाइट के रूप में भी जाना जाता है।
यह एक साधारण डाइट है, जिसमें एक व्यक्ति कई दिनों और हफ्तों तक केवल एक खाद्य पदार्थ जैसे केला या एक खाद्य समूह का सेवन करता है।
इस डाइट के समर्थकों का दावा है कि इससे जल्दी और आसानी से वजन कम किया जा सकता है, लेकिन ये दावे किसी भी विज्ञान में निहित नहीं हैं।
खान-पान
मोनो डाइट का पालन करने वाले क्या खा सकते हैं और क्या नहीं?
जब आप मोनो डाइट का पालन करते हैं तो आप कई दिनों या हफ्तों तक केवल एक ही तरह की चीजें खाते हैं। इसमें मुख्य रूप से केला, आलू और चॉकलेट तक शामिल होती हैं।
डाइट का पालन करने वालों के लिए न खाने वाली चीजें इस बात पर निर्भर करती हैं कि आप किस प्रकार की चीजें खा रहे हैं। आप मोनो डाइट के दौरान चुनी हुई महज एक चीज के अलावा और कुछ नहीं खा सकते हैं।
फायदे
मोनो डाइट के फायदे
इस डाइट का सबसे बड़ा फायदा यही है कि इसका पालन करना आसान है और डाइट प्रक्रिया में लगभग सभी योजनाएं और विचार शामिल किए जा सकते हैं।
इस डाइट से कैलोरी को सीमित किया जा सकता है, जिससे कुछ हद तक या कहे कि कुछ समय तक वजन को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है।
कुछ लोगों के लिए यह डाइट अधिक संतुलित भोजन और एक्सरसाइज के साथ वजन घटाना जारी रखने के लिए प्रेरणा बढ़ा सकती है।
नुकसान
मोनो डाइट से जुड़े दुष्प्रभाव
इस प्रकार की डाइट का पालन करने में कई जोखिम और कमियां हो सकती हैं।
जब आप महज एक तरह की चीजें खाते हैं तो इससे आपको सही से सारे पोषक तत्व नहीं मिल पाते हैं, जिससे स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है।
इस डाइट से खाने की लालसा बढ़ सकती है, जिससे वजन कम होने की बजाय बढ़ सकता है।
ज्यादा कैलोरी कम होने से ज्यादा खाने की इच्छा बढ़ सकती है, जिसका मानसिक स्वास्थ्य पर भी दबाव बढ़ता है।