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मक्खन की जगह वनस्पति आधारित तेलों के उपयोग से बढ़ सकती है उम्र, अध्ययन का दावा 

मक्खन की जगह वनस्पति आधारित तेलों के उपयोग से बढ़ सकती है उम्र, अध्ययन का दावा 

लेखन सयाली
Mar 07, 2025
07:01 pm

क्या है खबर?

दुनियाभर में खाना पकाने के लिए मक्खन का सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है। हालांकि, यह पदार्थ हृदय रोग समेत अन्य बीमारियों का कारण बन सकता है। इसी बीच एक नए अध्ययन में दावा किया गया है कि मक्खन के बजाय वनस्पति आधारित तेलों का उपयोग करने से जीवनकाल बढ़ सकता है। अगर आप खान-पान में जैतून, सोयाबीन और कैनोला जैसे पौधे आधारित तेल इस्तेमाल करेंगे तो मृत्यु का जोखिम काफी हद तक कम हो जाएगा।

अध्ययन

कब और कहां किया गया यह अध्ययन?

इस अध्ययन को JAMA इंटरनल मेडिसिन नामक पत्रिका में प्रकाशित किया गया था। यह अध्ययन हार्वर्ड टीएच चैन स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के प्रोफेसर वाल्टर विलेट के नेतृत्व में किया गया था। विलेट ने 2,000 से अधिक लेख व कई किताबें लिखी हैं और बीमारियों के विकास पर डाइट के प्रभाव का अध्ययन करने में 40 वर्ष बिताए हैं। इस नए शोध से पता चला है कि ज्यादा मक्खन खाने से मृत्यु दर का जोखिम 15 प्रतिशत बढ़ जाता है।

दावे

अध्ययन मक्खन के ज्यादा फायदेमंद होने की धारणा का करता हैं खंडन 

पिछले कुछ सालों से सोशल मीडिया पर यह चर्चा चल रही है कि मक्खन एक स्वस्थ वसा है। कई विशेषज्ञ मानते हैं कि मक्खन बीज आधारित तेलों से बेहतर है। उनके मुताबिक, इसे डाइट में शामिल करने से कई स्वास्थ्य संबंधी लाभ मिल सकते हैं। हालांकि, यह नया शोध इस धारणा को गलत साबित करता है इन सभी दावों का खंडन करता है। अध्ययन से साफ होता है कि मक्खन की तुलना में पौधे आधारित तेल अधिक लाभदायक होते हैं।

नतीजे

अध्ययन से सामने आए ये नतीजे

इस शोध के दौरान 3 दशकों तक करीब 2.21 लाख से अधिक प्रतिभागियों के आहार संबंधी डाटा की जांच की गई थी। अध्ययन का दावा है कि खाना पकाने के लिए पौधे आधारित तेलों का ज्यादा उपयोग करने से मृत्यु दर में 16 प्रतिशत की कमी देखी गई है। अगर रोजाना 10 ग्राम मक्खन को जैतून जैसे वनस्पति आधारित तेलों से बदल दिया जाए तो कैंसर के कारण होने वाली मौतों का जोखिम 17 प्रतिशत कम हो जाएगा।

फायदे

वनस्पति आधारित तेलों से मिलने वाले लाभ

इस अध्ययन के सह-लेखक डॉ. यू झांग के मुताबिक, जैतून, कैनोला और सोयाबीन तेलों का स्वास्थ्य पर सबसे सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि इनमें उच्च मात्रा में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण और ओमेगा-3 फैटी एसिड पाए जाते हैं। ये शरीर की कोशिकाओं को स्वस्थ रखते हैं, ऊर्जा प्रदान करते हैं, प्रतिरक्षा को मजबूत करते हैं और सूजन को कम करते हैं। हालांकि, इन्हें भी संतुलित मात्रा में ही इस्तेमाल करना चाहिए।

जानकारी

क्या हमें मक्खन का सेवन बंद कर देना चाहिए?

झांग ने जोर दिया कि कुछ वनस्पति तेलों से स्वास्थ्य बेहतर हो सकता है। हालांकि, इसका मतलब यह नहीं है कि मक्खन का सेवन पूरी तरह से बंद कर दिया जाना चाहिए। इसकी मात्रा सीमित करें और पौधे आधारित तेलों से खाना पकाएं।