भारत में मिलने वाले प्रमुख स्ट्रीट फूड, जो असल में भारतीय हैं ही नहीं
क्या है खबर?
भारत के हर शहर में खान-पान के लिए कुछ-न-कुछ खास है। यहां सड़क किनारे मिलने वाले स्ट्रीट फूड बेहद लोकप्रिय हैं और इनका स्वाद भी लजीज होता है।
स्ट्रीट फूड ज्यादा महंगे भी नहीं होते हैं, इसलिए सभी लोग इसका आनंद लेते हैं।
हालांकि, गली-मोहल्ले में मिलने वाले कुछ लोकप्रिय स्ट्रीट फूड ऐसे भी हैं, जो मूल रूप से भारतीय हैं ही नहीं।
अगर आप उनके बारे में जानेंगे तो यकीनन आपको इस पर विश्वास ही नहीं होगा।
#1
समोसा
समोसा लगभग हर किसी को पसंद होता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह भारतीय स्ट्रीट फूड नहीं है।
यह वास्तव में मध्य पूर्व और मध्य एशिया के व्यापारियों द्वारा 13वीं और 14वीं शताब्दी के बीच भारत में लाया गया था।
इसे मूल रूप से 'साम्बोसा' या 'सामुसा' कहा जाता था और पहली बार यह 10वीं शताब्दी के दौरान बनाया गया था।
आप घर पर इन 5 तरह के समोसे की रेसिपी को ट्राई कर सकते हैं।
#2
जलेबी
जलेबी भी एक ऐसा लोकप्रिय स्ट्रीट फूड है, जिसे भारतीय माना जाता है, लेकिन ऐसा नहीं है।
यह मिठाई वास्तव में मध्य पूर्व से आई है, जिसे मूल रूप से अरबी में 'जलाबिया' और फारसी में 'जलिबिया' कहा जाता था।
इस मीठे व्यंजन का पहली बार उल्लेख 13वीं शताब्दी में 'किताब अल-तबीख' नामक किताब में किया गया था।
इसके बाद इसे पहली बार भारत में 15वीं शताब्दी के दौरान लाया गया था।
#3
गुलाब जामुन
गुलाब जामुन का नाम सुनते ही कई भारतीय लोगों के मुंह में पानी आ जाता है, लेकिन यह मिठाई इस देश की नहीं है।
इसकी उत्पत्ति फारस में हुई थी और इसे मूल रूप से 'लुकमत अल कदी' कहा जाता था।
इसे खोया से बने गोले को शहद की चाशनी में भिगोकर, फिर ऊपर से चीनी छिड़ककर तैयार किया जाता था।
ऐसा माना जाता है कि गुलाब जामुन मुगल शासन के दौरान भारत देश में आये थे।
#4
मोमोज
भारत में बहुत से लोग मोमोज खाने के काफी शौकीन है। हालांकि, यह व्यंजन भारतीय नहीं है।
कई सिद्धांतों के मुताबिक, मोमोज तिब्बत से संबंधित हैं और बाद में काठमांडू घाटी में रहने वाले तिब्बती प्रवासियों द्वारा नेपाल में लाए गए थे।
इसके कई सालों बाद मोमोज को चीन, जापान और भारत सहित दुनिया के अन्य देशों में भी लाया गया।
घर पर मोमोज बनाने के लिए इन 5 रेसिपीज को आजमाएं।