PCOS के लक्षणों को प्राकृतिक रूप से कम कर सकती हैं ये 5 जड़ी-बूटियां
पौलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) एक हार्मोनल विकार है, जो प्रजनन हार्मोन में असंतुलन के कारण होता है। PCOS के कारण अनियमित पीरियड, बालों का अधिक बढ़ना, मुहांसे और वजन बढ़ना जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं। इस समस्या की सबसे परेशान करने वाली बात है कि इसका कोई इलाज नहीं है। दवाइयों और लाइफस्टाइल के बदलावों के साथ आप इन 5 जड़ी-बूटियों की मदद से भी इस विकार के लक्षणों को कम कर सकती हैं।
मेथी
मेथी एक ऐसी जड़ी-बूटी है, जो पीरियड साइकिल को नियमित करने में मदद करती है। यह इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार करने की क्षमता के लिए जानी जाती है। ये कारण इसे PCOS से संबंधित परेशानियों और इंसुलिन प्रतिरोध के प्रबंधन के लिए फायदेमंद बनाते हैं। आप इससे मेथी-मटर मलाई, मेथी के पराठे आदि जैसे व्यंजन बना सकती हैं। साथ ही आप पेट में दर्द होने पर इसे उबालकर इसका पानी भी पी सकती हैं।
पहाड़ी पुदीना
पहाड़ी पुदीना या स्पीयरमिंट शरीर को कई लाभ प्रदान कर सकता है। इसकी चाय अपने एंटी-एंड्रोजेनिक गुणों के कारण PCOS से जुड़े लक्षणों को कम करती है। पहाड़ी पुदीने की चाय के सेवन से अतिरिक्त बालों के विकास को कम करने में मदद मिल सकती है। इसे बनाने के लिए एक बर्तन में पानी चढ़ाएं और उसमें पहाड़ी पुदीने की पत्तियां डाल दें। अब इसे 5 मिनट तक उबलने दें और गर्मा-गर्म सेवन करें।
दालचीनी
दालचीनी एक तरह का मसाला होता है। यह हर महीने पीरियड को नियमित समय पर होने में मदद करती है। साथ ही यह इंसुलिन संवेदनशीलता में भी सुधार कर सकती है। एक शोध में पाया गया कि रोजाना 1.5 ग्राम दालचीनी का सेवन करने वाली महिलाओं में अन्य महिलाओं की तुलना में अधिक नियमित पीरियड चक्र देखने को मिला। आप अपनी चाय में दालचीनी डाल सकती हैं। पीरियड में होने वाले दर्द को कम करने के लिए बदलें ये आदतें।
मुलेठी
PCOS के दौरान महिलाओं के शरीर में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन बनने लगता है, जो पुरुषों में पाया जाता है। इसकी वजह से शरीर पर बाल तेजी से बढ़ने लगते हैं। कुछ महिलाओं की PCOS के कारण दाढ़ी भी निकलने लगती है। मुलेठी की जड़ इससे पीड़ित महिलाओं में टेस्टोस्टेरोन के स्तर को कम कर सकती है। इसके सेवन से मुहांसे और अतिरिक्त बाल बढ़ना कम हो जाता है। साथ ही यह महिलाओं के शरीर में हार्मोनल असंतुलन को भी सुधारती है।
पिप्पली
पिप्पली एक मजबूत पुनर्जीवनवर्धक और एंटीऑक्सीडेंट है, जो मुक्त कणों से होने वाली क्षति से लड़ती है। साथ ही यह प्रजनन प्रणाली में कोशिकाओं को स्वस्थ बनाए रखती है। यह जड़ी बूटी वजन नियंत्रित करने, इंसुलिन प्रतिरोध में सुधार करने और हार्मोन के स्तर को संतुलित करने में मदद करती है। इन फायदों के कारण PCOS से जूझ रही महिलाओं को इसका सेवन करना चाहिए। आप अपनी जीवनशैली में बदलाव कर के भी PCOS से निजात पा सकती हैं।